मिर्जापुर: कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के भरुहना गांव का रहने वाला युवक पिछले 11 वर्षों से पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद है. बिना वीजा पाक पहुंच जाने के कारण उसे सात साल की सजा हुई थी. 2017 में यह सजा पूरी हो गई है, लेकिन पहचान नहीं होने के कारण उसे अभी तक जेल से छोड़ा नहीं गया है. वहीं अब मिर्जापुर पुलिस ने युवक की पहचान कर ली है, जिससे एक उम्मीद जगी है कि युवक को जल्द छोड़ दिया जाएगा.
दरअसल, कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के भरुहना गांव का रहने वाला पुनवासी 2009 में बिना वीजा के पाकिस्तान पहुंच गया था. 2009 में ही उसके ऊपर पाकिस्तान के नौलखा थाना लाहौर में मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद उसे लाहौर जेल में बंद कर दिया गया था. कोर्ट ने पुनवासी को सात साल की सजा सुनाई थी. 2017 में यह सजा पूरी हो गई, लेकिन पहचान नहीं होने के कारण उसे अभी तक जेल से छोड़ा नहीं गया है.
पाकिस्तान सरकार से भारत के विदेश मंत्रालय को मामले की जानकारी मिली. विदेश मंत्रालय ने पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर को मामले की जांच कराकर युवक का नाम और पता मांगा था. मिर्जापुर की खुफिया विभाग की टीम कई महीनों से पुनवासी का नाम-पता ढूंढने की कोशिश कर रही थी, लेकिन गलत नाम-पता होने के चलते उसका पता नहीं चल पा रहा था. 20 महीने बाद उसका असली नाम-पता कर खूफिया विभाग की टीम पुनवासी के घर पहुंच गई.
जांच के बाद पता चला कि पाक की जेल में बंद युवक कोतवाली देहात थाना के भरुहना गांव का रहने वाले पुनवासी है. पुनवासी के पिता का नाम कुंदरलाल है, जबकि पाक में उसके पिता का नाम कन्हैया लाल लिखा गया है. जिस वजह से नाम-पता नहीं चल पा रहा था. सही नाम-पता मिलने के बाद एलआईयू ने डीएम और एसपी की अनुमति के बाद विदेश मंत्रालय और प्रदेश सरकार के सचिव को मेल कर दिया है.
अब नाम-पता मिल जाने के बाद पुनवासी को जल्द देश आने की उम्मीद है. पुनवासी के छह भाई और एक बहन है. पांच भाइयों की मौत हो चुकी है. बहन किरण की शादी भी हो गई है. वह अपने ससुराल में है. पुनवासी के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है. शादी के तीन महीने बाद ही मानसिक संतुलन ठीक नहीं होने के कारण पुनवासी घर से निकल गया था. आज उसका घर टूटा-फूटा पड़ा हुआ है. घर में कोई रहने वाला नहीं है. बहन किरण कभी-कभी पड़ोसियों के यहां आकर मिलकर जाती है और भाई पुनवासी के बारे में पूछती है.
पड़ोसियों ने बताया कि माता-पिता की मौत और शादी के तीन महीने के बाद पुनवासी का दिमागी संतुलन ठीक नहीं होने के चलते वह लापता हो गया था. अब गांव वालों को खुशी है कि जल्द पुनवासी अपने घर वापस आएगा और अपनी बहन से मिलेगा.
बता दें कि पाकिस्तान से मिले पते के आधार पर राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए गृह मंत्रालय का विदेश प्रभाग उसके परिजनों को खोज रहा था. इसके लिए प्रदेश सरकार के सचिव ने फरवरी 2019 में डीएम मिर्जापुर को पत्र लिखा था. इसमें गृह मंत्रालय भारत सरकार के पत्र का हवाला देते हुए युवक के बारे में मिली जानकारी से उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि करने के लिए पत्र था. लगभग 20 महीने में खुफिया विभाग ने खोजबीन कर उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की. अब उसे वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे जल्द वह अपने देश वापस आ जाए.