मिर्जापुर: टायर पंचर की दुकान चलाने वाले के बेटे ने इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है. एक बार चार्ज करने पर यह बाइक 50 किलोमीटर चलाई जा सकती है. 8 महीने की कड़ी मेहनत के साथ 30 हजार रुपये की लागत में यह बाइक तैयार हुई है. इस पर 700 किलोग्राम वजन भी लाद सकते हैं. हर कोई इस बाइक को चलाना चाहता है. बाइक बनाने वाले का कहना है कि सरकार मदद कर दे तो हम दुनिया की सबसे सस्ती बाइक बना सकते हैं. साथ ही इसे और अच्छा बना सकते हैं. जिससे पेट्रोल के साथ ही प्रदूषण से भी निजात मिलेगी.
सरकार की चाहिए मदद
मिर्जापुर हलिया इलाके के मवाई कला गांव में टायर पंचर की दुकान चलाने वाले के बेटे ने बैटरी से चलने वाली एक ऐसी बाइक तैयार की है, जिसे एक बार चार्ज करने के बाद 50 किलोमीटर तक चला जा सकता है. इस बाइक की खासियत यह है कि इसमें आगे जाने के साथ ही पीछे जाने के लिए भी गियर लगाया गया है. अन्य बाइक की तरह यह स्पीड भी पकड़ लेती है. बाइक बनाने वाली नीरज कुमार मौर्य ने बताया कि बढ़ते पेट्रोल के दाम और प्रदूषण को देखते हुए इस इलेक्ट्रिक बाइक का इजाद किया है. बीए थर्ड ईयर के दिन में पढ़ाई और पंचर की दुकान में काम करने के बाद पैसा बचाकर रात-रात भर जागकर इस बाइक को तैयार किया है. इसे बनाने में 8 महीने लगे हैं. इसमें 30 हजार रुपये खर्च आया है. सरकार सहायता दे तो हम इस बाइक को 30 हजार रुपये में मार्केट में ला देंगे. जो दुनिया की सबसे सस्ती बाइक होगी.
मां दुर्गा की मूर्ति बनाकर बेची, आए पैसे
आठ महीने के अथक प्रयास के बाद तैयार मोटरसाइकिल में बैटरी लगाने के लिए नीरज के पास पैसे नहीं थे. बैटरी के लिए पैसा जुटाने के लिए पिछले नवरात्र में बहन के साथ मिलकर दुर्गा मां की मूर्ति बनानी शुरू की. मूर्ति बनाकर मार्केट में बेचकर पैसा इकट्ठा कर बैटरी खरीद कर इस बाइक में लगाया. किसी भी प्रकार का तकनीकी कोर्स ना करने के बाद भी नीरज की ऑटोमोबाइल के काम में महारत देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. उनकी सफलता के बाद हर कोई बधाई दे रहा है.
लोगों ने ली सेल्फी
बैटरी बाइक अब लोगों के लिए कौतूहल बन गई है. मिर्जापुर जिला मुख्यालय पर शनिवार को नीरज अपनी बैटरी बाइक गांव से चलाकर 45 किलोमीटर का सफर कर पहुंचे, तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. कोई बाइक को देख रहा था तो कोई बाइक को चलाने लगा. कुछ लोग तो नीरज के साथ और बाइक के साथ सेल्फी लेने लगे. अपर जिला अधिकारी यूपी सिंह भी बाइक को देखने आए. नीरज का कहना है कि सरकार मदद कर दे तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा. हमारी बनाई इस मोटरसाइकिल का लोग प्रयोग करें तो ईंधन से होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है.
पेट्रोल के दामों से मिलेगी निजात
इस बाइक से बढ़ रहे पेट्रोल के दामों से भी निजात मिल सकती है. प्रदूषण फ्री शहर हो सकते हैं. बाइक जिला समन्वयक बाल विज्ञान विभाग के सुशील कुमार पांडे ने कहा कि नीरज कुमार मौर्य ने जो बाइक बनाई है कोशिश करेंगे कि इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से इसका पेटेंट करा दें. इसके लिए उसके डॉक्यूमेंट मंगवाए हैं. यह बाइक काफी सस्ती हो सकती है.
हाथ से बनाया है बाइक का सामान
इस बाइक में 48 वोल्ट की बैटरी, 750 वॉट की मोटर, एक कंट्रोलर हेड लाइट मल्टीमीटर, दो चक्के बाहर से लाकर लगाया गया है. बाकी का सामान लोहा लाकर अपने हाथों से मोड़कर बाइक का मॉडल तैयार किया है. यहां तक कि इसकी 2 सीट भी अपने हाथों से बनाई गई हैं. टायर के पंखे भी अपने हाथ से बनाए गए हैं, जो इतने मजबूत हैं कि उस पर बैठने पर भी नहीं टूटेंगे.