मिर्जापुर : कृषि कानून को रद्द कराने को लेकर 56 दिनों से अड़े देश के किसान आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में मिर्जापुर के सदर तहसील के मोहनपुर डाकबंगला पर बुधवार को कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में पहुंचे जिले के सभी किसान यूनियन के संगठनों ने एकजुट होकर 23 जनवरी को लखनऊ में राजभवन का घेराव करने का ऐलान किया. साथ ही कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली घेराव के लिए भी जिले में तैयारी चल रही है.
मिर्जापुर के पड़री थाना इलाका के तहत मोहनपुर डाक बंगले पर बुधवार को किसानों की महापंचायत शारदा प्रसाद मिश्रा के नेतृत्व में हुई. जिले के सभी ब्लॉकों से पहुंचे किसानों ने सरकार को किसान विरोधी बताया और केंद्र सरकार के लागू तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. किसानों ने महापंचायत में निर्णय लिया कि पहले 23 जनवरी को राजभवन का घेराव किया जाएगा. इसके बाद 26 जनवरी के लिए दिल्ली कूच किया जाएगा. किसानों ने महापंचायत में लोकल मुद्दे नहरों में पानी, कैनाल से और बाढ़ सागर से ना आने को लेकर भी रोष व्यक्त किया.
'तीनों बिल किसानों के लिए डेथ वारंट'
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहा कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट हैं. इसका सैकड़ों किसान संगठन विरोध कर रहे हैं. जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक किसान खड़े रहेंगे और एक दिन जीत जरूर होगी. साथ ही कहा कि 23 जनवरी को हम लोग उत्तर प्रदेश की राजधानी में राजभवन का घेराव करेंगे. आगे 26 जनवरी के लिए भी जिले में तैयारी तेजी से चल रही है. अभी संगठन का जो निर्देश होगा, उस तरह से निर्णय लिया जाएगा. जिले के सभी किसान संगठन एकजुट हैं. यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक काला कानून वापस नहीं होगा.