मिर्जापुर: प्राइमरी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी खिलाये जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन हरकत में आया. सभी आलाधिकारियों की टीम के साथ जिलाधिकारी गांव पहुंचे और स्कूल में जांच की. इस दौरान डीएम ने ग्रामीणों और स्कूल के बच्चों से पूछताछ की. साथ ही रसोई में खाना बनाने की व्यवस्था की भी जांच की. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक मामला है. शिक्षा विभाग की लापरवाही से इस तरह की घटना हुई है. उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. इसके अलावा डीएम ने कहा कि वह खंड शिक्षा अधिकारी को निलंबित करने के लिए शासन को संस्तुति भेजेंगे.
टीम के साथ गांव पहुंचे डीएम
- जमालपुर के प्राथमिक विद्यालय सीयूर में छात्रों को मिड-डे मील में खाने में नमक रोटी खिलाये जाने का मामला सामने आया था.
- मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुवार को डीएम पूरी टीम के साथ गांव के प्राथमिक विद्यालय पहुंचे.
- डीएम अनुराग पटेल, सीडीओ प्रियंका निरंजन और एडीएम यूपी सिंह और एसडीएम चुनार ने घंटों जांच पड़ताल की.
- अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीण और बच्चों से पूरे मामले को लेकर पूछताछ की.
- जांच के बाद डीएम ने लापरवाही स्वीकार की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही.
- डीएम ने कहा कि यहां दो दिन एमडीएम में अनिमितता सामने आई है.
- एक दिन खिचड़ी के नाम पर नमक-चावल दिया गया था जबकि दूसरे दिन नमक और रोटी दिया गया था.
बच्चों को रोटी-नमक खिलाने की सूचना मिलते ही तत्काल एसडीएम से रिपोर्ट मंगाई गई थी. यहां आकर जांच-पड़ताल के बाद हमें पता चला कि यह सूचना सही थी. बच्चों ने एक सुर में कहा है कि उन्हें नमक-रोटी खिलाया गया था. मामले में स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल मुरारी और न्याय पंचायत के एबीआरसी अरविंद त्रिपाठी को निलंबित किया जा चुका है. जांच में बीएसए और डीसी एमडीएम की भी लापरवाही सामने आई है. खंड शिक्षा अधिकारी को भी निलंबित करने के लिए शासन को संस्तुति भेजी जाएगी.
- अनुराग पटेल, जिलाधिकारी
वहीं दूसरी ओर निलंबित प्रभारी प्रिंसिपल मुरारी ने खुद का बचाव किया है. उसका कहना है कि ग्राम प्रधान ने रसोइये के साथ मिलकर यह षडयंत्र रचा है. ग्राम प्रधान ने ही स्कूल में सब्जी नहीं बनाने दी और फिर बच्चों को नमक-रोटी परोस दी. साथ ही वीडियो बनाकर वायरल कर दी.