मिर्जापुर: पत्थर खनन क्षेत्र में मौत का सिलसिला जारी है. ताजा मामला अहरौरा थाना क्षेत्र का है. खनन ब्लास्टिंग से एक श्रमिक की मौत हो गयी है. ब्लास्ट कराते समय चपेट में आने से श्रमिक की मौत हुई है. सूचना मिलने पर पुलिस और खनन अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच की. पूर्व में भी इस तरह से खनन क्षेत्र में मौतें हो चुकी हैं.
कैसे हुआ हादसा
अहरौरा थाना क्षेत्र के बगहिया गांव में पत्थर खदान, जो कि डॉ शैलेंद्र के नाम पर आवंटित है. यहां से बड़े-बड़े पत्थरों को निकालने का काम किया जाता है. इसमें पहाड़ों को तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग भी की जाती है. इसके लिए मशीन से बोरिंग कर उसमें विस्फोटक पदार्थ डाला जाता है, फिर तार के जरिये दूर से ब्लास्टिंग की जाती है. बुधवार दोपहर ब्लास्टिंग के लिए लागए गए विस्फोटक के ब्लास्ट न होने पर श्रमिक उसे चेक करने चला गया. इस बीच अचानक धमाका हो गया. जिसके बाद युवक के ऊपर पत्थर का बड़ा टुकड़ा गिर गया और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंच गई. जानकारी होने पर एसडीएम चुनार सुरेंद्र बहादुर सिंह भी तीन थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे. मृतक श्रमिक विकास मौर्या बगहिया गांव का ही रहने वाला है.
क्या है नियम
जनपद में खदानों से पत्थर निकालने का काम होता है. पत्थर निकालने के लिए ब्लास्टिंग कर पहाड़ को तोड़ा जाता है. इसके लिए बाकायदा खनन की गाइडलाइंस और खनन विभाग के नियम हैं. इसमें ब्लास्टिंग करने का समय एक से चार के बीच है. इसी समय में ब्लास्टिंग की जानी चाहिए. साथ ही विस्फोट के पहले इलाके में इसकी सूचना दी जानी चाहिए. साथ ही क्षेत्र को खाली करवाकर ब्लास्टिंग होनी चाहिए. धमाके के दौरान खान में काम करने वाले मजदूरों के पास विधिवत सुरक्षा उपकरण होने चाहिए और खनन क्षेत्र के तारों के जरिये बैरिकेडिंग भी होनी चाहिए. लेकिन, आरोप है कि यहां नियमों का पालन नहीं होता. इससे आये दिन हादसे होते रहते हैं.
क्या बोले डीएम
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है. जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी. यह भी देखा जायेगा कि विस्फोट मानक के अनुरूप था या नहीं. साथ ही खान में श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण दिए गए थे या नहीं.