मिर्जापुर: चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद से ही पूरे देश भर में खुशियां मनाई जा रही है. हर कोई इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है. लेकिन, लैंडिंग के अंतिम चरण का योगदान किसके हाथ में रहा यह बहुत कम लोग ही जानते होंगे. हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर जनपद के रहने वाले वैज्ञानिक आलोक पांडेय की. जिनके हाथ में लैंडिंग का अंतिम चरण था. सफल लैंडिंग होने के बाद आलोक पांडेय ने अपने पिता और माता से बात की थी. आलोक पांडेय बहुत खुश थे.
आलोक के पिता संतोष पांडेय ने बताया कि लैंडिंग होने के बाद आलोक ने से बात हुई तो उन्होंने कहा कि सफल लैंडिंग हो गया है. लैंडिंग का अंतिम चरण हमारे हाथ में था. सफल लैंडिंग होने के बाद से आलोक पांडेय के घर पहुंचकर उनके माता-पिता को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं. सभी लोग कह रहे हैं कि आलोक पांडेय पर आज गर्व है. आलोक पांडेय अब मिर्जापुर का ही नहीं पूरे देश का बेटा बन गया है.
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मिर्जापुर जनपद के बबुरा गांव के रहने वाले आलोक पांडेय की शिक्षा माता प्रसाद माता भीख इंटर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई इसके बाद एनआईटी हमीरपुर से बीटेक किया है. एमटेक प्रथम वर्ष के दौरान ही 2013 में इसरो में चयन हो गया था. ऑल इंडिया रैंकिंग में पहले स्थान पर आलोक थे. 2014 में एमटेक की पढ़ाई पूरी होने के बाद इसरो ज्वाइन कर लिया. शुरू से ही विज्ञान में उनकी गहरी रुचि थी. जिसकी वजह से उन्हें चंद्रयान-3 की लैंडिंग और कम्युनिकेशन की जिम्मेदारी दी गई थी. आलोक के पिता को नेवी से अवकाश प्राप्त हैं. आलोक का परिवार वर्तमान में मिर्जापुर शहर के महुवरिया में रहता है.आलोक की मां ऊषा देवी गृहिणी हैं. बड़े भाई अवनीश पांडेय कृभको में प्रबंधक के पद पर है.
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