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मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा अयोध्या का श्री राम मंदिर

श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने में अहरौरा के गुलाबी पत्थरों की मांग हुई है. राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के खदानों से निकासी पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अहरौरा के गुलाबी पत्थर का प्रयोगशाला में परीक्षण कराया. मिर्जापुर चुनार और अहरौरा पहाड़ी के पत्थर देश-विदेश में प्रसिद्ध है. देश के कई ऐतिहासिक भवनों का यहां का पत्थर साक्षी है.

मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा अयोध्या का श्री राम मंदिर
मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा अयोध्या का श्री राम मंदिर
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Published : Dec 21, 2020, 1:32 PM IST

मिर्जापुर: लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे अहरौरा पत्थर व्यवसायियों के दिन बहुरने वाले हैं. अब यहां के पत्थर अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण में जाने की संभावना है. क्योंकि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने इन पत्थरों का सैंपल लेकर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा है और बताया जा रहा है सैंपल परीक्षण में पास हो गया है. कहा जा रहा है राजस्थान के बंसी पहाड़पुर की खदानों से निकलने वाले पत्थरों पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों को देखा है. यहां के पत्थरों की मजबूती और सुंदरता को देखते हुए इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है. व्यापारियों को उम्मीद है कि गुलाबी पत्थर का ऑर्डर मिलने से यहां के पत्थर कारोबारियों को एक नई गति मिलेगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

गुलाबी पत्थरों से बनी हुई है सम्राट अशोक की लाट
चक्रवर्ती सम्राट अशोक की लाट से लेकर कई ऐतिहासिक धरोहर के निर्माण में यहां के पत्थरों का उपयोग किया जा चुका है. मिर्जापुर की अहरौरा पहाड़ी का विश्व प्रसिद्ध गुलाबी पत्थर अब अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. मिर्जापुर पत्थरों की खासियत यह है कि गुलाबी पत्थरों की आयु ज्यादा होती है और मजबूत होती है. पानी और धूप में भी इन की चमक फीकी नहीं पड़ती. यही खासियत है कि यहां के पत्थरों की डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.

मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर.
मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर.

पूरे देश में है इन पत्थरों की चर्चा
मिर्जापुर चुनार और अहरौरा पहाड़ी के पत्थर देश-विदेश में प्रसिद्ध है. देश के कई ऐतिहासिक भवनों का यहां का पत्थर साक्षी है. इन पत्थरों की चर्चा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती के कारण पूरे देश में उस समय हुई थी. जब मायावती ने अंबेडकर पार्क, कांशीराम स्मारक सहित प्रदेश के कई हिस्सों में यहां के पत्थरों का प्रयोग कराया था. इससे पूरे देश में मिर्जापुर का गुलाबी पत्थर चर्चा में आ गया था.

राम मंदिर का आकर्षण बनेंगे अहरौरा के गुलाबी पत्थर
विंध्य पर्वत इलाके के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता चला आ रहा है. इसकी गुणवत्ता सुंदरता और मजबूती को देखते हुए अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर में भी इस्तेमाल होने वाला है. क्योंकि राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थर की खदानों से निकलने वाले पत्थर पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मिर्जापुर पहुंचकर अहरौरा चुनार के गुलाबी पत्थरों को देखा है. यहां के पत्थरों का सैंपल लेकर परीक्षण कराया है. बताया जा रहा है पत्थर पास हो गया है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि यहां के पत्थर अब राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल किए जाएंगे.

मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा राम मंदिर
मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा राम मंदिर.

करोड़ों का होगा कारोबार
अयोध्या बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए मिर्जापुर जिला प्रशासन से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने कहा है कि साढ़े चार लाख घन फीट से भी ज्यादा गुलाबी पत्थरों की आवश्यकता है. एनजीटी टीम के साथ खनन इलाके के पत्थर कटर प्लांट के व्यापारियों से मुलाकात कर निर्माण ट्रस्ट की ओर से पत्थरों के सैंपल लिए गए हैं. पत्थरों के निर्धारित दर के अनुसार तकरीबन 40 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है. कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो काफी दिनों से बंद क्रशर प्लांटों को घाटा हो रहा था. अब उम्मीद जताई जा रही है यदि अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में यहां का पत्थर जाएगा, तो हमारे व्यापारियों के साथ ही मजदूरों की भी अच्छी खासी कमाई हो जाएगी. बताया जा रहा है कि पत्थर सही है. जल्दी ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.

काम करते मजदूर.
काम करते मजदूर.

अच्छी लैब में की गई जांच
अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के लिए अहरौरा के खदानों के गुलाबी पत्थरों का ट्रस्ट ने परीक्षण अच्छे तकनीकी क्षमता वाले संस्थानों से कराया है. हर स्तर पर गुणवत्ता यहां की सही पाई गई है. यहां के पत्थरों की खासियत है कि हजारों साल तक इनकी सुंदरता बरकरार रहती है और बारिश और धुप में भी यह पत्थर खराब नहीं होते हैं. यहां के पत्थर व्यवसाई ने बताया कि ऑर्डर तो नहीं मिला है, लेकिन हम लोगों में उत्साह है. हम लोग राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की कटाई की तैयारी कर रहे हैं. यहां से पत्थर जाएगा, वहां पर फिनिशिंग होकर लगेगा. राम मंदिर निर्माण में हम सब का भी योगदान रहेगा.

मिर्जापुर: लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे अहरौरा पत्थर व्यवसायियों के दिन बहुरने वाले हैं. अब यहां के पत्थर अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण में जाने की संभावना है. क्योंकि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने इन पत्थरों का सैंपल लेकर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा है और बताया जा रहा है सैंपल परीक्षण में पास हो गया है. कहा जा रहा है राजस्थान के बंसी पहाड़पुर की खदानों से निकलने वाले पत्थरों पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों को देखा है. यहां के पत्थरों की मजबूती और सुंदरता को देखते हुए इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है. व्यापारियों को उम्मीद है कि गुलाबी पत्थर का ऑर्डर मिलने से यहां के पत्थर कारोबारियों को एक नई गति मिलेगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

गुलाबी पत्थरों से बनी हुई है सम्राट अशोक की लाट
चक्रवर्ती सम्राट अशोक की लाट से लेकर कई ऐतिहासिक धरोहर के निर्माण में यहां के पत्थरों का उपयोग किया जा चुका है. मिर्जापुर की अहरौरा पहाड़ी का विश्व प्रसिद्ध गुलाबी पत्थर अब अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. मिर्जापुर पत्थरों की खासियत यह है कि गुलाबी पत्थरों की आयु ज्यादा होती है और मजबूत होती है. पानी और धूप में भी इन की चमक फीकी नहीं पड़ती. यही खासियत है कि यहां के पत्थरों की डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.

मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर.
मिर्जापुर के गुलाबी पत्थर.

पूरे देश में है इन पत्थरों की चर्चा
मिर्जापुर चुनार और अहरौरा पहाड़ी के पत्थर देश-विदेश में प्रसिद्ध है. देश के कई ऐतिहासिक भवनों का यहां का पत्थर साक्षी है. इन पत्थरों की चर्चा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती के कारण पूरे देश में उस समय हुई थी. जब मायावती ने अंबेडकर पार्क, कांशीराम स्मारक सहित प्रदेश के कई हिस्सों में यहां के पत्थरों का प्रयोग कराया था. इससे पूरे देश में मिर्जापुर का गुलाबी पत्थर चर्चा में आ गया था.

राम मंदिर का आकर्षण बनेंगे अहरौरा के गुलाबी पत्थर
विंध्य पर्वत इलाके के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता चला आ रहा है. इसकी गुणवत्ता सुंदरता और मजबूती को देखते हुए अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर में भी इस्तेमाल होने वाला है. क्योंकि राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थर की खदानों से निकलने वाले पत्थर पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. इसके बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मिर्जापुर पहुंचकर अहरौरा चुनार के गुलाबी पत्थरों को देखा है. यहां के पत्थरों का सैंपल लेकर परीक्षण कराया है. बताया जा रहा है पत्थर पास हो गया है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि यहां के पत्थर अब राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल किए जाएंगे.

मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा राम मंदिर
मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा राम मंदिर.

करोड़ों का होगा कारोबार
अयोध्या बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए मिर्जापुर जिला प्रशासन से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने कहा है कि साढ़े चार लाख घन फीट से भी ज्यादा गुलाबी पत्थरों की आवश्यकता है. एनजीटी टीम के साथ खनन इलाके के पत्थर कटर प्लांट के व्यापारियों से मुलाकात कर निर्माण ट्रस्ट की ओर से पत्थरों के सैंपल लिए गए हैं. पत्थरों के निर्धारित दर के अनुसार तकरीबन 40 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है. कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो काफी दिनों से बंद क्रशर प्लांटों को घाटा हो रहा था. अब उम्मीद जताई जा रही है यदि अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में यहां का पत्थर जाएगा, तो हमारे व्यापारियों के साथ ही मजदूरों की भी अच्छी खासी कमाई हो जाएगी. बताया जा रहा है कि पत्थर सही है. जल्दी ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.

काम करते मजदूर.
काम करते मजदूर.

अच्छी लैब में की गई जांच
अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के लिए अहरौरा के खदानों के गुलाबी पत्थरों का ट्रस्ट ने परीक्षण अच्छे तकनीकी क्षमता वाले संस्थानों से कराया है. हर स्तर पर गुणवत्ता यहां की सही पाई गई है. यहां के पत्थरों की खासियत है कि हजारों साल तक इनकी सुंदरता बरकरार रहती है और बारिश और धुप में भी यह पत्थर खराब नहीं होते हैं. यहां के पत्थर व्यवसाई ने बताया कि ऑर्डर तो नहीं मिला है, लेकिन हम लोगों में उत्साह है. हम लोग राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की कटाई की तैयारी कर रहे हैं. यहां से पत्थर जाएगा, वहां पर फिनिशिंग होकर लगेगा. राम मंदिर निर्माण में हम सब का भी योगदान रहेगा.

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