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व्यवसायिक खेती कर अपनी किस्मत बदल रहे हैं मिर्जापुर के किसान

यूपी के मिर्जापुर में किसान परंपरागत खेती से हट रहे हैं. यहां के किसान अब व्यवसायिक खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. जिसके बाद कमिश्नर ने कहा है कि व्यवसायिक खेती कर रहे किसानों को मेन स्ट्रीम में लाया जाएगा. यह किसान पूर्वांचल के किसानों को व्यवसायिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे.

किस्मत बदल रहे हैं मिर्जापुर के किसान
किस्मत बदल रहे हैं मिर्जापुर के किसान
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Published : Apr 12, 2021, 11:24 AM IST

मिर्जापुर: परंपरागत खेती छोड़ यदि किसान व्यवसायिक की खेती की ओर ध्यान दें तो लाखों रुपए कमा सकते हैं. कुछ ऐसा ही सिटी ब्लॉक के नुवां गांव के प्रगतिशील किसान कर रहे हैं. यहां के एक किसान ने 200 वर्ग मीटर पॉली हाउस में खरबूजा लगाकर चार लाख तक की कमाई करेंगे. वहीं एक किसान ने 5 बीघे खेत में केले की फसल लगाकर एक साल में लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है. अब यहीं के किसान ने एक हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है.अब वह इस फसल से 30 वर्षों तक हर साल 10 लाख की कमाई करेंगे. व्यवसायिक खेती कर रहे किसानों से विंध्याचल कमिश्नर ने मुलाकात की साथ ही उनकी फसलों को देखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां के किसान देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बनाने की कोशिश में लगे हैं. इन किसानों को मेन स्ट्रीम में लाया जाएगा और ये किसान अपने जनपद के साथ पूर्वांचल के किसानों को भी व्यवसायिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे.

किस्मत बदल रहे हैं मिर्जापुर के किसान.
परंपरागत खेती छोड़ किसान कर रहे हैं व्यवसायिक खेती
परंपरागत रूप सेधान गेहूं की खेती करने वाले किसानों का अब ये खेती छोड़ कर सब्जियों और फलों की खेती की ओर रुझान बढ़ा है. ऐसे किसानों की संख्या मिर्जापुर जिले में कम नहीं है, जो सामान्य विधि के अलावा पॉली हाउस में खरबूजा, खीरा, शिमला मिर्च की फसलें उगा रहे हैं. सिटी ब्लॉक के नुवां गांव के रामजी दुबे ने 200 वर्ग मीटर में पॉली हाउस लगाकर एक लाख रुपये की लागत से खरबूजा लगाया है. रामजी ने बताया कि पॉली हाउस बनाने में 20 लाख रुपये की लागत लगी थी जिसमें उन्हें 10 लाख की सब्सिडी उद्यान विभाग की तरफ से दी गई थी.उनका कहना है कि इससे 100 कुंतल खरबूजे का उत्पादन होगा. इससे चार लाख की कमाई होगी. रामजी ने बताया कि पिछले साल भी खरबूजे से उन्होंने तीन लाख रुपये की कमाई की थी. रामजी दुबे ने बताया कि खरबूजे की फसल चार महीने में तैयार हो जाती है. खरबूजे की खेती के बाद खीरे की खेती और शिमला मिर्च की खेती भी वह करते हैं. इसमें भी इनकी अच्छी कमाई हो जाती है.


दो लाख रुपये बीघा हो रही है केले में कमाई
जनपद मिर्जापुर केले का हब घोषित हो चुका है.जिले में लगभग 500 हेक्टेयर में सैकड़ों किसान केले की खेती कर रहे हैं. नुवां गांव के किसान आकाश ने पांच बीघे खेत में केले की खेती की है. इससे उन्होंने 80 टन केले का उत्पादन किया था. उन्होंने बताया कि उन्होंने 50 हजार प्रति बीघे की लागत से केले की खेती की थी, जिससे उन्हें दो लाख रुपये प्रति बीघा की कमाई हो रही है. आकाश का मानना है कि परंपरागत खेती छोड़कर अगर व्यवसायिक खेती की जाए तो उसमें अच्छी कमाई हो सकती है. इतना ही नहीं इसमें मेहनत भी कम लगती है.
इसे भी पढ़ें- नवरात्र में बिना मास्क व सैनिटाइजर के नहीं होगा विंध्याचल मंदिर में प्रवेश

एक बार लगाने पर तीस साल तक होगी कमाई
मिर्जापुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती किसान तेजी से कर रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों को अच्छी इनकम भी हो रही है. यहां के नुवां गांव के ज्ञान प्रकाश दुबे ने 10 लाख रुपये की लगात लगाकर एक हेक्टयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती शरू की है. जो 18 महीने में तैयार होगा. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें अगले तीस वर्ष तक हर साल 10 लाख रुपये की कमाई होगी. इसी के साथ उन्होंने शिमला मिर्च, प्याज, गोभी भी लगाया है.

व्यवसायिक खेती कर रहे किसानों से बीते शुक्रवार को विंध्याचल के कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र मुलाकात की और इन किसानों की फसलों को देखा है. उन्होंने कहा यहां के किसान देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में लगे हैं. इन प्रगतिशील किसानों को मेन स्ट्रीम में लाया जाएगा. यह किसान अपने जनपद के साथ पूर्वांचल के किसानों को भी व्यवसायिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे. इन्हें सरकार से जो मदद चाहिए वह की जाएगी.

मिर्जापुर: परंपरागत खेती छोड़ यदि किसान व्यवसायिक की खेती की ओर ध्यान दें तो लाखों रुपए कमा सकते हैं. कुछ ऐसा ही सिटी ब्लॉक के नुवां गांव के प्रगतिशील किसान कर रहे हैं. यहां के एक किसान ने 200 वर्ग मीटर पॉली हाउस में खरबूजा लगाकर चार लाख तक की कमाई करेंगे. वहीं एक किसान ने 5 बीघे खेत में केले की फसल लगाकर एक साल में लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है. अब यहीं के किसान ने एक हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है.अब वह इस फसल से 30 वर्षों तक हर साल 10 लाख की कमाई करेंगे. व्यवसायिक खेती कर रहे किसानों से विंध्याचल कमिश्नर ने मुलाकात की साथ ही उनकी फसलों को देखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां के किसान देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बनाने की कोशिश में लगे हैं. इन किसानों को मेन स्ट्रीम में लाया जाएगा और ये किसान अपने जनपद के साथ पूर्वांचल के किसानों को भी व्यवसायिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे.

किस्मत बदल रहे हैं मिर्जापुर के किसान.
परंपरागत खेती छोड़ किसान कर रहे हैं व्यवसायिक खेती
परंपरागत रूप सेधान गेहूं की खेती करने वाले किसानों का अब ये खेती छोड़ कर सब्जियों और फलों की खेती की ओर रुझान बढ़ा है. ऐसे किसानों की संख्या मिर्जापुर जिले में कम नहीं है, जो सामान्य विधि के अलावा पॉली हाउस में खरबूजा, खीरा, शिमला मिर्च की फसलें उगा रहे हैं. सिटी ब्लॉक के नुवां गांव के रामजी दुबे ने 200 वर्ग मीटर में पॉली हाउस लगाकर एक लाख रुपये की लागत से खरबूजा लगाया है. रामजी ने बताया कि पॉली हाउस बनाने में 20 लाख रुपये की लागत लगी थी जिसमें उन्हें 10 लाख की सब्सिडी उद्यान विभाग की तरफ से दी गई थी.उनका कहना है कि इससे 100 कुंतल खरबूजे का उत्पादन होगा. इससे चार लाख की कमाई होगी. रामजी ने बताया कि पिछले साल भी खरबूजे से उन्होंने तीन लाख रुपये की कमाई की थी. रामजी दुबे ने बताया कि खरबूजे की फसल चार महीने में तैयार हो जाती है. खरबूजे की खेती के बाद खीरे की खेती और शिमला मिर्च की खेती भी वह करते हैं. इसमें भी इनकी अच्छी कमाई हो जाती है.


दो लाख रुपये बीघा हो रही है केले में कमाई
जनपद मिर्जापुर केले का हब घोषित हो चुका है.जिले में लगभग 500 हेक्टेयर में सैकड़ों किसान केले की खेती कर रहे हैं. नुवां गांव के किसान आकाश ने पांच बीघे खेत में केले की खेती की है. इससे उन्होंने 80 टन केले का उत्पादन किया था. उन्होंने बताया कि उन्होंने 50 हजार प्रति बीघे की लागत से केले की खेती की थी, जिससे उन्हें दो लाख रुपये प्रति बीघा की कमाई हो रही है. आकाश का मानना है कि परंपरागत खेती छोड़कर अगर व्यवसायिक खेती की जाए तो उसमें अच्छी कमाई हो सकती है. इतना ही नहीं इसमें मेहनत भी कम लगती है.
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एक बार लगाने पर तीस साल तक होगी कमाई
मिर्जापुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती किसान तेजी से कर रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों को अच्छी इनकम भी हो रही है. यहां के नुवां गांव के ज्ञान प्रकाश दुबे ने 10 लाख रुपये की लगात लगाकर एक हेक्टयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती शरू की है. जो 18 महीने में तैयार होगा. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें अगले तीस वर्ष तक हर साल 10 लाख रुपये की कमाई होगी. इसी के साथ उन्होंने शिमला मिर्च, प्याज, गोभी भी लगाया है.

व्यवसायिक खेती कर रहे किसानों से बीते शुक्रवार को विंध्याचल के कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र मुलाकात की और इन किसानों की फसलों को देखा है. उन्होंने कहा यहां के किसान देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में लगे हैं. इन प्रगतिशील किसानों को मेन स्ट्रीम में लाया जाएगा. यह किसान अपने जनपद के साथ पूर्वांचल के किसानों को भी व्यवसायिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे. इन्हें सरकार से जो मदद चाहिए वह की जाएगी.

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