मिर्जापुर : सिटी ब्लॉक के सैकड़ों किसान परंपरागत खेती छोड़कर खीरे की खेती कर रहे हैं. पिछले साल गर्मी शुरू होते ही कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के कारण फसल मंडियों तक न पहुंच पाने से किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. इस बार मौसम अच्छा होने से पैदावार अच्छी हुई है. किसानों को उम्मीद है कि अच्छी बिक्री होगी. पिछले साल जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो जाएगी.
पिछले साल कोरोना वायरस की वजह से लाखों का नुकसान
खेती से गुजर-बसर करने वाले किसानों के लिए मार्च अप्रैल का महीना बेहद अहम माना जाता है. इस दौरान खेतों में रबी की फसलों की कटाई के साथ उन्हें मंडियों तक पहुंचाने के सारे काम करने पड़ते हैं. मिर्जापुर के सिटी ब्लॉक के इंदु पर्वतपुर गांव और इसके आसपास के गांव के सैकड़ों किसानों ने परंपरागत खेती छोड़कर खीरे की खेती शुरू कर दी है. पिछले वर्ष कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के कारण इन किसानों को तैयार खीरे की फसल मंडियों तक न पहुंच पाने से लाखों का नुकसान उठाना पड़ा था. तैयार फसल खेत में ही चौपट हो गई थी. राहत पैकेज के नाम पर अभी तक इन किसानों के हाथ कुछ नहीं लगा है. इस बार मौसम अच्छा होने के चलते फसल अच्छी हुई है. 10 दिन बाद फसल निकलनी शुरू हो जाएगा. इन किसानों को उम्मीद है कि इस बार खीरे की बिक्री अच्छी होगी क्योंकि गर्मी भी शुरू हो गई है.
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खीरे की खेती से अच्छी कमाई की उम्मीद
इंदु पर्वतपुर गांव के किसानों ने बताया कि 25 से 30 हजार रुपये की लागत लगाकर खीरे की खेती करते हैं. दो से ढाई लाख तक की कमाई की उम्मीद रहती है. पिछले वर्ष हम लोगों की पूरी कमाई लॉकडाउन की वजह से नष्ट हो गई थी. फसल न बिकने की वजह से नुकसान उठाना पड़ा था. इस बार भी क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने खीरे की खेती की है. 10 दिन बाद खीरे का उत्पादन शुरू हो जाएगा. पिछले वर्ष लॉकडाउन की वजह से फसल बाहर नहीं जा पाई थी. इस बार मौसम भी अच्छा है और गर्मी भी शुरू हो गई है. उम्मीद है कि हम लोगों को सही दाम मिलेगा. पिछले वर्ष जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई हो जाएगी. हमारा पूरा परिवार इसी खीरे की खेती से आश्रित है. अच्छी बिक्री होने से परिवार का भरण पोषण ठीक से हो पाएगा. पिछले वर्ष हुए नुकसान की अभी तक सरकार ने हम दोनों को कोई सहायता नहीं दी है. मांग करते हैं कि सरकार हम लोगों पर भी ध्यान दे.