मिर्जापुर: अहरौरा खनन के गड्ढे में तीन बच्चों की मौत के मामले में खबर चलने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने घटना का संज्ञान लिया. इसके बाद जिले के अधिकारियों की नीद टूटी. आनन-फानन में घटनास्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे डीएम सुशील कुमार पटेल ने लीजधारक के खिलाफ कारवाई के निर्देश दिए.
मिर्ज़ापुर के लालपुर में खनन माफियाओं द्वारा पत्थर खनन कर बनाए गए गड्ढे में भरे पानी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी. चकजाता सरिया के रहने वाले प्रकाश कोल के बकरी चराने के लिए दोपहर घर से निकले तीन बच्चे राधा 12 वर्ष, खुशबू 10 वर्ष और काजू 8 वर्ष गड्ढे में जमा पानी में नहाने लगे. इस बीच तीनों गड्ढे में डूब गए. रात में घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने तलाश की, लेकिन पता नहीं चला.
ग्रामीणों की मदद से पता चला कि तीनों बच्चे नहाते समय यहीं डूबे हैं. सूचना मिलते ही आनन-फानन में जिला प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचकर गोताखोरों की मदद से बच्चों की तलाश शुरू कर दी. घंटों मशक्कत के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला गया तो हड़कंप मच गया. मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए. नाराज जिलाधिकारी ने लीजधारक के किसी सदस्य के न मिलने पर कार्रवाई का आदेश दिया. कहा कि लीज को तत्काल सीज किया जाए. साथ ही उप जिलाधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह और खनन अधिकारी पंकज सिंह को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा.
आपको बता दें कि जिले में 259 खनन पट्टा स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 16 खनन पट्टा बंद चल रहे हैं. इनमें से लगभग 90 पट्टाधारकों ने ही डीजीएमएस एक्ट के तहत स्वीकृति ले रखी है. जिन खदानों पर पट्टाधारकों ने डीजीएमएस एक्ट के तहत स्वीकृति नहीं ली वे छह मीटर से ज्यादा खनन नहीं कर सकते हैं. इसके बावजूद क्षेत्र के धुरिया, जिगना, बगहीया, डकही, भगौतीदेई, लालपुर, रामपुर ढबही, एकली सहित के-4 पहाड़ों में मानक को दरकिनार कर अवैध रूप से धड़ल्ले से खनन कार्य किया जा रहा है. ऐसे बड़े रसूखदारों के लिए अब देखना होगा कि खनन महकमा कार्रवाई करता है या पहले जैसा मेहरबान बना रहेगा.