मिर्जापुर: जिले के विंध्याचल धाम में सातवें दिन भी भक्तों का तांता लगा हुआ है. नवरात्रि के सातवें दिन भक्तों ने मां कालरात्रि स्वरूप के दर्शन किए. मां विंध्यवासिनी धाम में आज भक्तों को मां कालरात्रि के दर्शन हुए. पाप का अंत करने वाली देवी की झलक पाकर भक्तों ने खुद को कृतार्थ किया.
मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है. दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है. इस दिन साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित रहता है. इसके लिए ब्राह्मण की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है. मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन यह सदैव शुभ फल देने वाली हैं. इसी कारण इनका नाम शुभकारी भी है. इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं. दानव-दैत्य, राक्षस, भूत-प्रेत आदि इनके स्मरण से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं. यह ग्रह बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं.
यहां नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु मां के दरबार में आते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां आने पर मन को शांति मिलती है. साथ ही मां से जो मांगा जाए वह सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. हम लोग कई सालों से मां का दर्शन-पूजन करने जा रहे हैं. यहां की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है, जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं. अच्छे से दर्शन कर मां के दरबार से जा रहे हैं.