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मां विंध्यवासिनी धाम में विंध्य कॉरिडोर का निर्माण तेजी से शुरू

यूपी के मिर्जापुर में सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम अब शुरू हो चुका है. यह तकरीबन 331 करोड़ की लागत से बनेगा. अक्टूबर 2021 तक विंध्य कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.

मां विंध्यवासिनी धाम
मां विंध्यवासिनी धाम
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Published : Jan 13, 2021, 1:25 PM IST

मिर्जापुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम अब शुरू हो चुका है. आने वाले दिनों में मां विंध्यवासिनी के भक्तों को विंध्याचल धाम अलग देखने को मिलेगा. तकरीबन 331 करोड़ की लागत से बनने वाले विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत विंध्याचल मंदिर, कालिखोह मंदिर, अष्टभुजा मंदिर के साथ यहां की गलियों और गंगा घाटों का विकास किया जाना है. मुख्यमंत्री के सपनों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन ने 92 मकानों में से 70 मकानों की रजिस्ट्री करा ली है और 40 मकानों को गिरा भी दिया है. वहीं स्थानीय पंडा कॉरिडोर को लेकर नाराज दिख रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और यहां पर न ही कोई नोटिस दिया गया. उनका कहना है कि उनसे जबरदस्ती रात-रात घर पर आकर रजिस्ट्री कराई गई और कई लोगों को बेघर कर दिया गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

विंध्य कॉरिडोर का काम तेजी से शुरू
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विंध्य कॉरिडोर का भी काम शुरू हो गया है. 331 करोड़ की लागत से विंध्य कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है. इसके तहत विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट का परिक्रमा पथ बनाया जाएगा और यहां की गलियों को चौड़ा किया जाएगा. इसका काम अब तेजी से शुरू हो गया है. परिक्रमा के पथ में आने वाले मकानों को मजदूरों और जेसीबी के द्वारा तोड़ने का काम किया जा रहा है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अक्टूबर 2021 तक विंध्य कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मां विंध्यवासिनी धाम भव्य दिखाई देगा.

विंध्य पंडा समाज ने जिला प्रशासन पर लगाया आरोप
विंध्याचल धाम को विकसित करने के लिए विंध्य कॉरिडोर का काम किया जा रहा है. मां विंध्यवासिनी की परिक्रमा पथ की जद में आने वाली 92 दुकान और मकान हैं. इसमें 10 सरकारी मकान है और बाकी 82 मकान और दुकान निजी हैं. जिसमें जिला प्रशासन ने 70 मकानों की रजिस्ट्री कराकर काम शुरू कर दिया है. दुकानों और मकानों की रजिस्ट्री राज्यपाल के नाम पर विशेष सचिव पर्यटन की निगरानी में की जा रही है. पंडा समाज के स्थानीय पंडा राजन पाठक ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि यहां पर कोई विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है न ही कोई नोटिस भेजा गया है. उनका कहना है कि जबरन रातो-रात आकर रजिस्ट्री करा कर लोगों को बेघर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुनर्वास की कोई बात नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि वह योगी और मोदी जी से मांग करते हैं कि लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.

विंध्य कॉरिडोर का निर्माण तेजी से शुरू
विंध्य कॉरिडोर का निर्माण तेजी से शुरू

तत्कालीन डीएम अनुराग पटेल ने भेजा था कॉरिडोर का प्रस्ताव
दरअसल काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विंध्य धाम में कॉरिडोर बनाने के लिए वर्ष 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था. मां विंध्यवासिनी धाम में मंदिर के चारों तरफ संकरी गलियां और गलियों के किनारे स्थानीय लोगों की दुकान और मकान भी हैं. इसके चलते यहां पर आने वाले लाखों भक्तों को काफी मुश्किल होती है. खासकर शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में यहां पर देश विदेश से प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते ही रहते हैं. मगर नवरात्रि में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है. मंदिर के विकास को लेकर यहां मांग उठती थी. जिसको लेकर जिलाधिकारी ने विंध्य कॉरिडोर का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था.

पर्यटकों के साथ बढ़ेगा रोजगार
मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट की परिक्रमा पथ का निर्माण करने के साथ त्रिकोण पथ में आने वाले कालिखोह मंदिर और अष्टभुजा मंदिर क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा. इसके अलावा गलियां और सड़कें भी चौड़ी की जाएंगी. यही नहीं विंध्याचल गंगा किनारे स्थित घाटों का भी सुंदरीकरण किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि कॉरिडोर बनने से विंध्य क्षेत्र में पर्यटन का विकास होगा, वहीं देश विदेश से और पर्यटक ज्यादा आएंगे. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों के लिए रोजगार के साधन बढ़ेंगे.

मिर्जापुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम अब शुरू हो चुका है. आने वाले दिनों में मां विंध्यवासिनी के भक्तों को विंध्याचल धाम अलग देखने को मिलेगा. तकरीबन 331 करोड़ की लागत से बनने वाले विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत विंध्याचल मंदिर, कालिखोह मंदिर, अष्टभुजा मंदिर के साथ यहां की गलियों और गंगा घाटों का विकास किया जाना है. मुख्यमंत्री के सपनों को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन ने 92 मकानों में से 70 मकानों की रजिस्ट्री करा ली है और 40 मकानों को गिरा भी दिया है. वहीं स्थानीय पंडा कॉरिडोर को लेकर नाराज दिख रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और यहां पर न ही कोई नोटिस दिया गया. उनका कहना है कि उनसे जबरदस्ती रात-रात घर पर आकर रजिस्ट्री कराई गई और कई लोगों को बेघर कर दिया गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

विंध्य कॉरिडोर का काम तेजी से शुरू
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विंध्य कॉरिडोर का भी काम शुरू हो गया है. 331 करोड़ की लागत से विंध्य कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है. इसके तहत विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट का परिक्रमा पथ बनाया जाएगा और यहां की गलियों को चौड़ा किया जाएगा. इसका काम अब तेजी से शुरू हो गया है. परिक्रमा के पथ में आने वाले मकानों को मजदूरों और जेसीबी के द्वारा तोड़ने का काम किया जा रहा है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अक्टूबर 2021 तक विंध्य कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मां विंध्यवासिनी धाम भव्य दिखाई देगा.

विंध्य पंडा समाज ने जिला प्रशासन पर लगाया आरोप
विंध्याचल धाम को विकसित करने के लिए विंध्य कॉरिडोर का काम किया जा रहा है. मां विंध्यवासिनी की परिक्रमा पथ की जद में आने वाली 92 दुकान और मकान हैं. इसमें 10 सरकारी मकान है और बाकी 82 मकान और दुकान निजी हैं. जिसमें जिला प्रशासन ने 70 मकानों की रजिस्ट्री कराकर काम शुरू कर दिया है. दुकानों और मकानों की रजिस्ट्री राज्यपाल के नाम पर विशेष सचिव पर्यटन की निगरानी में की जा रही है. पंडा समाज के स्थानीय पंडा राजन पाठक ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि यहां पर कोई विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है न ही कोई नोटिस भेजा गया है. उनका कहना है कि जबरन रातो-रात आकर रजिस्ट्री करा कर लोगों को बेघर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुनर्वास की कोई बात नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि वह योगी और मोदी जी से मांग करते हैं कि लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.

विंध्य कॉरिडोर का निर्माण तेजी से शुरू
विंध्य कॉरिडोर का निर्माण तेजी से शुरू

तत्कालीन डीएम अनुराग पटेल ने भेजा था कॉरिडोर का प्रस्ताव
दरअसल काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विंध्य धाम में कॉरिडोर बनाने के लिए वर्ष 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था. मां विंध्यवासिनी धाम में मंदिर के चारों तरफ संकरी गलियां और गलियों के किनारे स्थानीय लोगों की दुकान और मकान भी हैं. इसके चलते यहां पर आने वाले लाखों भक्तों को काफी मुश्किल होती है. खासकर शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र में यहां पर देश विदेश से प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते ही रहते हैं. मगर नवरात्रि में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है. मंदिर के विकास को लेकर यहां मांग उठती थी. जिसको लेकर जिलाधिकारी ने विंध्य कॉरिडोर का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था.

पर्यटकों के साथ बढ़ेगा रोजगार
मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट की परिक्रमा पथ का निर्माण करने के साथ त्रिकोण पथ में आने वाले कालिखोह मंदिर और अष्टभुजा मंदिर क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा. इसके अलावा गलियां और सड़कें भी चौड़ी की जाएंगी. यही नहीं विंध्याचल गंगा किनारे स्थित घाटों का भी सुंदरीकरण किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि कॉरिडोर बनने से विंध्य क्षेत्र में पर्यटन का विकास होगा, वहीं देश विदेश से और पर्यटक ज्यादा आएंगे. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों के लिए रोजगार के साधन बढ़ेंगे.

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