मिर्जापुर: भारतीय किसान सेना द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में जमीन अधिग्रहण की समस्या को लेकर नेशनल हाईवे 7 चुनार सुंदरपुर जमुई में बीते तीन महीनों से किसान धरना दे रहे हैं. गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जिले के कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि वो किसानों की समस्या को सड़क से लेकर सदन तक उठाएंगे. कांग्रेस किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर नहीं अधिग्रहण करने देगी. कांग्रेस 19 दिसंबर से किसानों के साथ पदयात्रा निकालकर वाराणसी मिनी पीएमओ का घेराव करेगी, जब तक किसानों का मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक किसानों के हक दिलाने के लिए कांग्रेस सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी.
95 दिनों से धरने पर बैठे हैं किसान
मिर्जापुर नेशनल हाईवे 7 को फोरलेन करने के लिए वाराणसी के टेंगरा मोड़ से लेकर मध्य प्रदेश की सीमा हनुमाना बॉर्डर तक चौड़ीकरण किया जा रहा है. इसके लिए किसानों की जमीनें अधिग्रहित की जा रही है, लेकिन किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर करीब 95 दिनों से धरने पर बैठे हैं.
किसानों के लिए लड़ेगी कांग्रेस
गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों से मिलने पहुंचे. यहां किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के लिए सड़क से लेकर संसद लड़ेगी. कांग्रेस 19 दिसंबर को यहां के किसानों के साथ पैदल मार्च निकालकर वाराणसी पीएमओ का घेराव करेगी.
सर्किल रेट पर जमीन नहीं ले सकती सरकार
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों की जमीन पर डाका डाला जा रहा है. उनकी जमीन का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब 4 गुना मुआवजा देने का प्रावधान है तो सरकार सर्किल रेट पर जमीने कैसे ले सकती है. कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है.
हम इस किसान विरोधी सरकार की निंदा करते हैं
उन्होंने आगे कहा कि ये सरकार निकम्मी है, सरकार किसान विरोधी है इसलिए सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है. ऐसी सरकार की हम निंदा करते हैं. कांग्रेस किसानों के लिए लाठी खाने और जेल जाने के लिए भी तैयार है. कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता इनके हक की लड़ाई लड़ेगा, इनका हक दिलाने का काम करेगा.
25 दिसंबर से शुरू करेंगे आमरण अनशन
भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामराज सिंह का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक हमारा धरना जारी रहेंगा. इसके लिए हम 25 दिसंबर से आमरण अनशन शुरू करने जा रहे हैं क्योंकि हर बार यहां के अधिकारी आते हैं आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. जब तक मांगे पूरी नहीं होती है तब तक किसान नेशनल हाईवे 7 पर काम नहीं करने देंगे.
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