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मिर्जापुर: सांसद ने ऐसा क्या लिख दिया पत्र में कि हिल गया प्रशासन

ऊर्जा राज्यमंत्री के हाथों किए गए शिलान्यास पट को जिला प्रशासन ने रातों-रात हटा दिया. माना जा रहा है कि यह सब सांसद अनुप्रिया पटेल के डीएम को पत्र लिखने के बाद हुआ है. अब हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर सांसद ने पत्र में ऐसा क्या लिख दिया कि डीएम को रात में ही शिलापट को हटवाना पड़ा.

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Published : Oct 21, 2020, 6:00 AM IST

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ऊर्जा राज्यमंत्री के हाथों से किए गए शिलान्यास पट को जिला प्रशासन ने रातों-रात हटाया.

मिर्जापुर: सूबे के उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के हाथों किए गए करोड़ों रुपये के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के शिलान्यास को रात में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर हटा दिया. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत ऊर्जा राज्यमंत्री ने हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य से शिलान्यास किया था. इसमें जिला प्रशासन की तरफ से सूचना न दिये जाने से सांसद अनुप्रिया पटेल नाराज हो गईं. सांसद ने जिलधिकारी से पत्र लिखकर जवाब मांगा था. उन्होंने कहा कि यह शिलान्यास मुख्यमंत्री या जल शक्ति मंत्री के हाथों होना चाहिए था. इसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और रातों-रात जिला प्रशासन ने पहुंचकर लगे हुए शिलापट को हटा दिया.

यह है पूरा मामला
दरअसल अदलहाट थाना क्षेत्र के कुकीहीपुर (गोठौरा) गांव में दो सौ करोड़ की लागत से बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयत्र) का शिलान्यास अक्टूबर में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया था. इससे क्षेत्रवासियों को बड़ी खुशी हुई थी. लोग मान रहे थे कि अब उन्हें पानी के लिए नहीं परेशान होना पड़ेगा.

सांसद का दावा- नहीं दी सूचना
पूर्व केंद्रीय मंत्री व मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने पत्र लिखकर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि गोठौरा गांव में 2127 करोड़ के शासन की अतिमहत्वकांक्षी योजना हर ‘घर नल-हर घर जल’ के तहत जल शक्ति मिशन के शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ. इसमें जनपद से किसी भी जन प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया. यहां तक कि किसी भी जन प्रतिनिधि को इसकी सूचना तक नहीं दी गई, जबकि बुंदेलखंड में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए शिलान्यास कार्यक्रम में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि शामिल थे. यह शिलान्यास मुख्यमंत्री या जल शक्ति मंत्री के हाथों होना सुनिश्चित था. इसके बावजूद यह कार्यक्रम किसके आदेशों पर किया गया. इस पर 19 अक्टूबर को जब जवाब मांगा तो जिला प्रशासन ने रात में ही शिलापट को हटा दिया.

डीएम का शिलान्यास से इनकार
डीएम ने कहा सांसद के आरोपों को खारिज करते हुए डीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना का अभी कोई शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हुआ है. सही समय पर शासन के निर्देशों पर यह कार्य किया जाएगा. मगर सवाल उठता है कि जब शिलान्यास नही हुआ तो हटाया क्यों गया.

अनुप्रिया ने जिले में किया विकास
मोदी के पहले कार्यकाल में अनुप्रिया पटेल केंद्रीय राज्यमंत्री थीं तो जिले में रसूख था. चुनाव के समय अमित शाह भी उनके कैंप कार्यालय में चाय पीने पहुंचे थे. वर्षों से विकास की बाट जोह रहे जनपद में अनुप्रिया पटेल ने विकास कार्यों की झड़ी लगा दी थी. जिले में बनने वाला मेडिकल कॉलेज, सेंट्रल स्कूल, इंडियन ऑयल टर्मिनल की स्थापना के साथ ही मध्य प्रदेश बार्डर से वाराणसी तक फोर लेन सड़क के साथ ही और कई अन्य छोटे-बड़े काम अनुप्रिया पटेल ने कराए.

सख्त हुईं अनुप्रिया पटेल
सवाल उठ रहा है कि आखिर मोदी के दूसरे कार्यकाल में एक जिलाधिकारी ने विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी के लिए लिखे गए उनके खत पर संज्ञान क्यों नहीं लिया. इस पर अनुप्रिया को डीएम के खिलाफ खत लिखना पड़ा, जो राजनैतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. सांसद अनुप्रिया पटेल सवाल उठाते हुए कहा था कि कई बार पत्र लिखने के बावजूद आपकी तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है. इस बार अगर आपकी तरफ से जवाब नहीं दिया गया तो आपके ऊपर हमें अपने विशेषाधिकार को प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

मिर्जापुर: सूबे के उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के हाथों किए गए करोड़ों रुपये के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के शिलान्यास को रात में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर हटा दिया. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत ऊर्जा राज्यमंत्री ने हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य से शिलान्यास किया था. इसमें जिला प्रशासन की तरफ से सूचना न दिये जाने से सांसद अनुप्रिया पटेल नाराज हो गईं. सांसद ने जिलधिकारी से पत्र लिखकर जवाब मांगा था. उन्होंने कहा कि यह शिलान्यास मुख्यमंत्री या जल शक्ति मंत्री के हाथों होना चाहिए था. इसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और रातों-रात जिला प्रशासन ने पहुंचकर लगे हुए शिलापट को हटा दिया.

यह है पूरा मामला
दरअसल अदलहाट थाना क्षेत्र के कुकीहीपुर (गोठौरा) गांव में दो सौ करोड़ की लागत से बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयत्र) का शिलान्यास अक्टूबर में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया था. इससे क्षेत्रवासियों को बड़ी खुशी हुई थी. लोग मान रहे थे कि अब उन्हें पानी के लिए नहीं परेशान होना पड़ेगा.

सांसद का दावा- नहीं दी सूचना
पूर्व केंद्रीय मंत्री व मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने पत्र लिखकर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि गोठौरा गांव में 2127 करोड़ के शासन की अतिमहत्वकांक्षी योजना हर ‘घर नल-हर घर जल’ के तहत जल शक्ति मिशन के शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ. इसमें जनपद से किसी भी जन प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया. यहां तक कि किसी भी जन प्रतिनिधि को इसकी सूचना तक नहीं दी गई, जबकि बुंदेलखंड में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए शिलान्यास कार्यक्रम में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि शामिल थे. यह शिलान्यास मुख्यमंत्री या जल शक्ति मंत्री के हाथों होना सुनिश्चित था. इसके बावजूद यह कार्यक्रम किसके आदेशों पर किया गया. इस पर 19 अक्टूबर को जब जवाब मांगा तो जिला प्रशासन ने रात में ही शिलापट को हटा दिया.

डीएम का शिलान्यास से इनकार
डीएम ने कहा सांसद के आरोपों को खारिज करते हुए डीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना का अभी कोई शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हुआ है. सही समय पर शासन के निर्देशों पर यह कार्य किया जाएगा. मगर सवाल उठता है कि जब शिलान्यास नही हुआ तो हटाया क्यों गया.

अनुप्रिया ने जिले में किया विकास
मोदी के पहले कार्यकाल में अनुप्रिया पटेल केंद्रीय राज्यमंत्री थीं तो जिले में रसूख था. चुनाव के समय अमित शाह भी उनके कैंप कार्यालय में चाय पीने पहुंचे थे. वर्षों से विकास की बाट जोह रहे जनपद में अनुप्रिया पटेल ने विकास कार्यों की झड़ी लगा दी थी. जिले में बनने वाला मेडिकल कॉलेज, सेंट्रल स्कूल, इंडियन ऑयल टर्मिनल की स्थापना के साथ ही मध्य प्रदेश बार्डर से वाराणसी तक फोर लेन सड़क के साथ ही और कई अन्य छोटे-बड़े काम अनुप्रिया पटेल ने कराए.

सख्त हुईं अनुप्रिया पटेल
सवाल उठ रहा है कि आखिर मोदी के दूसरे कार्यकाल में एक जिलाधिकारी ने विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी के लिए लिखे गए उनके खत पर संज्ञान क्यों नहीं लिया. इस पर अनुप्रिया को डीएम के खिलाफ खत लिखना पड़ा, जो राजनैतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. सांसद अनुप्रिया पटेल सवाल उठाते हुए कहा था कि कई बार पत्र लिखने के बावजूद आपकी तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है. इस बार अगर आपकी तरफ से जवाब नहीं दिया गया तो आपके ऊपर हमें अपने विशेषाधिकार को प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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