मिर्जापुर : नक्सल प्रभावित अहरौरा थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित बरही गांव में हर साल लगने वाला बेचूबीर बाबा का मेला 21 नवंबर से शुरू है. तीन दिन तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम में दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं. मान्यता है कि बेचूबीर बाबा की समाधि पर माथा टेकने से भूत-प्रेत बाधा दूर हो जाती है. इसके साथ ही लोग संतान प्राप्ति की कामना लिए भी यहां आते हैं. मेला 23 नवंबर तक चलेगा.
यूपी, बिहार और झारखंड से पहुंचे श्रद्धालु
जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर बरही गांव में लगे मेले में भूत-प्रेत से मुक्ति पाने और संतान प्राप्ति के लिए यूपी, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश तक से लोग पहुंचे हैं. लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती के साथ सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है. यहां के लोग बताते हैं कि मेला 400 वर्षों से यहां लग रहा है. बेचूबीर बाबा और बरहिया माता के समाधि स्थल पर श्रद्धालुओं को तांता लगा है.
लोगों में मान्यता, भूत-प्रेत से मिलता है छुटकारा
अंधविश्वास कहें या आस्था, यहां लोगों की मान्यता है कि मेले में आने पर भूत-प्रेत से मिलता है छुटकारा मिल जाता है. मेले में कई लोग झूमते, नाचते नजर आ जाएंगे. इनके साथ आए परिजनों का कहना है कि प्रेत का साया मेले में आने से दूर हो गया. इसके साथ ही मान्यता है कि जिनको संतान नहीं होती, वह अगर बाबा की चौरी पर आकर सच्चे मन से मांगता है तो मनोकामना जरूर पूरी होती है. श्रद्धालुओं ने बताया की यहां आने पर उनकी मनोकामना पूरी हुई.
स्नान कर कपड़े वहीं छोड़ देते हैं लोग
बरही गांव में आने वाले लोग पहले भक्शी नदी में स्नान करते हैं. पहने हुए कपड़े वहीं छोड़ देते हैं. फिर बेचूवीर बाबा और बरहिया माता के दर्शन करते हैं. दोनों की समाधि पर आने से उनकी मनोकामना पूरी होती है. पुजारी रोशन लाल के मुताबिक, इस मेले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा जा चुका है. जिसके चलते मेले में व्यवस्था अच्छी रहती है. मेले में पुलिस , सीसीटीवी, बैरिकेडिंग, एंबुलेंस, बिजली की व्यवस्था की गई है.
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