मिर्जापुर: ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर दमदार असर देखने को मिला है. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद खंड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला को आखिरकार शासन ने निलंबित कर दिया. उनपर हलिया विकासखंड में मनरेगा एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत साइन बोर्ड लगवाने में शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने का आरोप था. वहीं, आठ महीने तक चली जांच के बाद खंड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला को शासन ने निलंबित कर दिया है. जांच में राकेश कुमार शुक्ला को उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना और गंभीर वित्तीय अनियमितता के साथ-साथ अनुशासनहीनता का भी दोषी पाया गया. जिसके बाद उनके खिलाफ उक्त कार्रवाई की गई.
दरअसल, ईटीवी भारत ने 28 अगस्त, 2021 को ही साइन बोर्ड लगवाने में शासकीय धनराशि के दुरुपयोग किए जाने को लेकर खबर प्रकाशित किया था. वहीं, खबर प्रकाशित किए जाने के करीब 8 महीने के बाद खंड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला पर कार्रवाई हुई और आखिरकार उन्हें निलंबित कर दि गया.
गौर हो कि मिर्जापुर जिले के सबसे पिछड़ा ब्लॉक हलिया ब्लॉक में मनरेगा के तहत लगाए जा रहे साइन बोर्ड मानक के मुताबिक नहीं लगाए जा रहे थे. आरसीसी की जगह पटिए का इस्तेमाल किया जा रहा था. पटिया का दाम महज 500 रुपये के आसपास है. वहीं, बताया गया कि अधिकारी आरसीसी का दाम लगाकर तीन से पांच हजार रुपये ले रहे थे. ईटीवी भारत ने जब साइन बोर्ड की खबर को प्रकाशित किया तो हड़कंप मच गया था. खबर चलने के बाद फौरन साइन बोर्ड हटा लिए गए थे. साथ ही डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने मामले को संज्ञान में लेते जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी.
अपर मुख्य सचिव ने किया निलंबित: अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के पत्र के मुताबिक राकेश कुमार शुक्ला के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्यपाल सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के नियम 7 के अधीन अनुशासकीय के तहत यह कार्रवाई की गई है. राकेश कुमार शुक्ला पर 5,66,500 रुपये के वित्तीय अनियमितता के आरोप थे.
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