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बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी, किसानों के लिए हो रही वरदान साबित - मिर्जापुर ताजा खबर

विंध्य क्षेत्र के किसानों के लिए चलाई गई बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद पूरी होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिल रही है. इस परियोजना से प्रयागराज और मिर्जापुर जिले की डेढ़ लाख हेक्टेयर असिंचित जमीन की सिंचाई हो सकेगी.

बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी
बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी
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Published : Jul 31, 2021, 10:24 AM IST

मिर्जापुर: किसानों के लिए चलाई गई बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद पूरी होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. इस परियोजना से प्रयागराज और मिर्जापुर जिले के डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी, जिससे एक लाख 70 हजार किसानों को इस योजना से लाभ मिलेगा.

आपको बता दें बाणसागर बांध परियोजना की नीव तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1978 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के देवलोंड गांव के पास सोन नदी पर रखी थी. 15 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांध का उद्घाटन किया था. 41 साल बाद बाणसागर सिंचाई परियोजना पूरी होने से अब मिर्जापुर, प्रयागराज जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.

बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी

किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है बाणसागर सिंचाई परियोजना
मिर्जापुर-प्रयागराज क्षेत्र के किसानों के लिए चलाई गई बाणसागर सिंचाई परियोजना चार दशक बाद पूरी होने से किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस परियोजना से प्रयागराज मिर्जापुर जिले के डेढ़ लाख हेक्टेयर असिंचित जमीन की सिंचाई होगी. लगभग एक लाख 70 हजार किसानों को लाभ मिलेगा. धान की रोपाई कर रहे किसानों ने कहा कि जब से बाणसागर नहर हम लोग के इलाके में आ गई है, तब से अब बारिश की पानी का इंतजार नहीं करना पड़ता है. नहर शुरू होते ही हम लोग अपना खेती करना शुरू कर देते हैं. पहले जो भी फसल लगाया जाता था वह सितंबर महीने आते आते फसल सूख जाती थी. मगर अब बाणसागर आने से कोई फसल नहीं सूखता है. फसल सही तरीके से तैयार हो जाने से हमारे इनकम में इजाफा हुआ है.

बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी
बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी

बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना है क्या
बाणसागर सिंचाई परियोजना की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1978 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के देवलोंड गांव के पास सोन नदी पर रखी थी. धीमी गति से कार्य होने के चलते लगभग तीन दशक के बाद बांध का निर्माण 2006 में पूरा हुआ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने इस बांध को देश के लिए समर्पित किया. बाणसागर परियोजना का उद्देश्य था तीन राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के आसपास के पानी की कमी वाले इलाकों में सिंचाई की सुविधा किसानों को देने के लिए इस योजना के तहत आने वाली लागतों को तीन राज्यों में साझा किया गया था. 1978 में 222 करोड़ की लागत से बाणसागर परियोजना की शुरुआत हुई थी. काम पूरा न होने के चलते 41 साल बाद से 35 सौ करोड़ रुपए खर्च करके पूरा किया गया. इस परियोजना के तहत नहर बनाकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना मकसद था. मध्यप्रदेश के सोन नदी पर बने बांध से पानी लिफ्ट कर 171 किलोमीटर लंबी नहर और टनल के जरिए अंदवा, मेजा और जरगो बांध को जोड़ना था, करीब एक किलोमीटर अभी लाइनिंग बाकी है, जहां पर काम चल रहा है. वह भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. कुछ जगह सीपेज की समस्या की शिकायत थी, उसको भी दूर किया जा रहा है.

बाणसागर सिंचाई परियोजना
बाणसागर सिंचाई परियोजना

इसे भी पढ़ें-अमित शाह करेंगे विंध्य कॉरिडोर का शिलान्यास, सीएम योगी भी रहेंगे मौजूद

सीपेज के चलते पानी नहर में आगे नहीं बढ़ पा रहा था
इस परियोजना को 2018 तक अदवां और मेजा जलाशय को आपस में नहर के जरिए जोड़ना था और जरगो बांध तक खुदाई भी पूरी होनी थी हो भी गया था. मगर पहाड़ी इलाका होने के कारण कई जगहों पर सीपेज हो गया था, जिसके कारण पानी आगे नहीं पहुंच पा रहा था. सीपेज ठीक करने के बाद पानी आगे बढ़कर जरगो बांध तक पहुंचा दिया गया है. जहां थोड़ी बहुत कमियां है, उसको अधिकारी ठीक करने में जुटे हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था देश के लिए समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दशक से लटकी परियोजना को मिर्ज़ापुर के चंदईपुर एक जनसभा के कार्यक्रम में 15 जुलाई 2018 को इस बाणसागर परियोजना को देश के लिए समर्पित किया था. अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने उस समय कहां था कि हमने वर्षों से अटकी लटकी और भटकी परियोजना को खंगाला तो उसमें बाणसागर परियोजना भी शामिल था, जिसको आज किसानों के लिए समर्पित किया जा रहा है.

मिर्जापुर: किसानों के लिए चलाई गई बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद पूरी होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. इस परियोजना से प्रयागराज और मिर्जापुर जिले के डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी, जिससे एक लाख 70 हजार किसानों को इस योजना से लाभ मिलेगा.

आपको बता दें बाणसागर बांध परियोजना की नीव तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1978 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के देवलोंड गांव के पास सोन नदी पर रखी थी. 15 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांध का उद्घाटन किया था. 41 साल बाद बाणसागर सिंचाई परियोजना पूरी होने से अब मिर्जापुर, प्रयागराज जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.

बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी

किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है बाणसागर सिंचाई परियोजना
मिर्जापुर-प्रयागराज क्षेत्र के किसानों के लिए चलाई गई बाणसागर सिंचाई परियोजना चार दशक बाद पूरी होने से किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस परियोजना से प्रयागराज मिर्जापुर जिले के डेढ़ लाख हेक्टेयर असिंचित जमीन की सिंचाई होगी. लगभग एक लाख 70 हजार किसानों को लाभ मिलेगा. धान की रोपाई कर रहे किसानों ने कहा कि जब से बाणसागर नहर हम लोग के इलाके में आ गई है, तब से अब बारिश की पानी का इंतजार नहीं करना पड़ता है. नहर शुरू होते ही हम लोग अपना खेती करना शुरू कर देते हैं. पहले जो भी फसल लगाया जाता था वह सितंबर महीने आते आते फसल सूख जाती थी. मगर अब बाणसागर आने से कोई फसल नहीं सूखता है. फसल सही तरीके से तैयार हो जाने से हमारे इनकम में इजाफा हुआ है.

बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी
बाणसागर सिंचाई परियोजना 41 साल बाद हुई पूरी

बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना है क्या
बाणसागर सिंचाई परियोजना की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1978 में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के देवलोंड गांव के पास सोन नदी पर रखी थी. धीमी गति से कार्य होने के चलते लगभग तीन दशक के बाद बांध का निर्माण 2006 में पूरा हुआ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने इस बांध को देश के लिए समर्पित किया. बाणसागर परियोजना का उद्देश्य था तीन राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के आसपास के पानी की कमी वाले इलाकों में सिंचाई की सुविधा किसानों को देने के लिए इस योजना के तहत आने वाली लागतों को तीन राज्यों में साझा किया गया था. 1978 में 222 करोड़ की लागत से बाणसागर परियोजना की शुरुआत हुई थी. काम पूरा न होने के चलते 41 साल बाद से 35 सौ करोड़ रुपए खर्च करके पूरा किया गया. इस परियोजना के तहत नहर बनाकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना मकसद था. मध्यप्रदेश के सोन नदी पर बने बांध से पानी लिफ्ट कर 171 किलोमीटर लंबी नहर और टनल के जरिए अंदवा, मेजा और जरगो बांध को जोड़ना था, करीब एक किलोमीटर अभी लाइनिंग बाकी है, जहां पर काम चल रहा है. वह भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. कुछ जगह सीपेज की समस्या की शिकायत थी, उसको भी दूर किया जा रहा है.

बाणसागर सिंचाई परियोजना
बाणसागर सिंचाई परियोजना

इसे भी पढ़ें-अमित शाह करेंगे विंध्य कॉरिडोर का शिलान्यास, सीएम योगी भी रहेंगे मौजूद

सीपेज के चलते पानी नहर में आगे नहीं बढ़ पा रहा था
इस परियोजना को 2018 तक अदवां और मेजा जलाशय को आपस में नहर के जरिए जोड़ना था और जरगो बांध तक खुदाई भी पूरी होनी थी हो भी गया था. मगर पहाड़ी इलाका होने के कारण कई जगहों पर सीपेज हो गया था, जिसके कारण पानी आगे नहीं पहुंच पा रहा था. सीपेज ठीक करने के बाद पानी आगे बढ़कर जरगो बांध तक पहुंचा दिया गया है. जहां थोड़ी बहुत कमियां है, उसको अधिकारी ठीक करने में जुटे हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था देश के लिए समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दशक से लटकी परियोजना को मिर्ज़ापुर के चंदईपुर एक जनसभा के कार्यक्रम में 15 जुलाई 2018 को इस बाणसागर परियोजना को देश के लिए समर्पित किया था. अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने उस समय कहां था कि हमने वर्षों से अटकी लटकी और भटकी परियोजना को खंगाला तो उसमें बाणसागर परियोजना भी शामिल था, जिसको आज किसानों के लिए समर्पित किया जा रहा है.

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