मिर्जापुर: लेखपालों ने छोड़ा सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप, निजी वाहन प्रयोग न करने का किया एलान - accountants demanded increase in vehicle allowance
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में लेखपालों ने सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया है. लेखपालों का कहना है कि जब वाहन भत्ता बढ़ाकर मिलेगा तो हम लोग वाहन का प्रयोग करते हुए व्हाट्सएप का भी प्रयोग करेंगे.
मिर्जापुर: जिले के लेखपालों ने वाहन भत्ता सहित अन्य मांगों के विरोध में सरकारी विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप को छोड़ दिया है. आंदोलन को तेज करते हुए ड्यूटी के लिए निजी वाहनों का प्रयोग नहीं करने का भी ऐलान कर दिया है. लेखपाल आधारभूत सुविधा सहित कई मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.
लेखपालों का क्या कहना है
लेखपालों का कहना है कि वाहन भत्ता नहीं मिलने क्षेत्र में काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा 3 रुपया प्रतिदिन वाहन भत्ता दिया जा रहा है, जबकि प्रतिदिन तहसील बुलाया जाता है. कार्य के अधिकता को देखते हुए पूरा दिन क्षेत्र में जाना पड़ता है. ऐसे में ड्यूटी के लिए निजी वाहन का प्रयोग नहीं करेंगे.
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अधिकारी तत्काल समस्या हल कराने के लिए व्हाट्सएप से मैसेज करते हैं. तत्काल निस्तारण कराने की बात करते हैं इसलिए हम लोगों ने व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया है. यदि वाहन भत्ता बढ़ाकर मिलेगा तो हम लोग वाहन का प्रयोग करते हुए व्हाट्सएप का भी प्रयोग करेंगे, ताकि जल्दी से निस्तारण हो सके.
काम कराने में आएगी समस्या
हम लोग तहसील दिवस के दिन तहसील में आएंगे और थाना दिवस पर थाना पर आएंगे. शेष दिन हम लोग क्षेत्र में रहेंगे. ऐसे में लोगों के काम कराने में समस्या आएगी, जितना हो सकेगा हम लोग क्षेत्र में ही समस्या को हल करेंगे. ऐसे में समस्या हल कराने में समय लगेगा, क्योंकि आने जाने के लिए हम लोग अपनी निजी वाहन का प्रयोग नहीं करेंगे.
तहसील में नहीं मिल रहे लेखपाल
तहसील में कार्य कराने आए लोगों का कहना है कि हम आए हैं ऑफिस-ऑफिस चक्कर लगा रहे हैं, लेखपाल नहीं मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि लेखपाल क्षेत्र में गए हैं. जब तक लेखपाल नहीं आएंगे कागजात पर हस्ताक्षर नहीं होगा. तो हमारा काम नहीं हो पाएगा. मिर्जापुर में लेखपालों के 530 पदों में से 402 पदों पर तैनाती है, जबकि 128 पद रिक्त चल रहे हैं और यह सब निजी वाहनों व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं परेशानी का सामना आम लोगों को करना पड़ रहा है.
Body:मिर्जापुर लेखपालों ने वाहन भत्ता की मांग नहीं पूरा होने पर सरकारी विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिया है लेखपाल व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट हो गए हैं यही नहीं अपने निजी वाहन का प्रयोग भी नहीं करने का ऐलान कर दिया है लेखपालों के इस विरोध से आम लोगों के काम कराने में समस्या होने लगी है लेखपाल मिल नहीं रहे हैं तहसील में। लेखपालों का कहना है कि वाहन भत्ता नहीं मिलने क्षेत्र में काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सरकार द्वारा 3 रुपया प्रति दिन वाहन भत्ता दिया जा रहा है जबकि प्रतिदिन तहसील बुलाया जाता है और कार्य के अधिकता को देखते हुए पूरा दिन क्षेत्र में जाना पड़ता है ऐसे में ड्यूटी के लिए निजी वाहन का प्रयोग नहीं करेंगे। अधिकारी तत्काल समस्या हल कराने के लिए व्हाट्सएप से मैसेज करते हैं और तत्काल निस्तारण कराने की बात करते हैं इसलिए हम लोग व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिए हैं आगे वाहन भत्ता बढ़ाकर मिलेगा तो हम लोग वाहन का प्रयोग करते हुए व्हाट्सएप का भी प्रयोग करेंगे ताकि जल्दी से निस्तारण हो सके नहीं तो साइकिल का भत्ता मिलता है साइकिल से कार्य किया जाएगा या सरकारी वाहन का प्रयोग करके काम किया जाएगा। हम लोग तहसील दिवस के दिन तहसील में आएंगे और थाना दिवस पर थाना पर आएंगे शेष दिन हम लोग क्षेत्र में रहेंगे ऐसे में लोगों के को काम कराने में समस्या आएगी। जितना हो सकेगा हम लोग क्षेत्र में ही समस्या को हल करेंगे ऐसे में समस्या हल कराने में समय लगेगा क्योंकि आने जाने के लिए हम लोग अपनी निजी वाहन का प्रयोग नही करेंगे। वही तहसील में कार्य कराने आए लोगों का कहना है कि हम आए हैं ऑफिस ऑफिस चक्कर लगा रहे हैं लेखपाल नहीं मिल रहे हैं बताया जा रहा है कि क्षेत्र में गए हैं जब तक लेखपाल आएंगे नहीं कागजात पर हस्ताक्षर नहीं होगा तो हमारा काम नहीं हो पाएगा।
हम आपको बता दें मिर्जापुर में लेखपालों के 530 पदों में से 402 पदों पर तैनाती है जबकि 128 पद रिक्त चल रहे हैं और यह सब निजी वाहनों व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं परेशानी का सामना आम लोगों को करना पड़ रहा है
बाईट-बेनू यादव-मंत्री सदर तहसील
बाईट-विजय शंकर यादव-अध्यक्ष सदर तहसील
बाईट-दया शंकर-काम कराने आये फरियादी
जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Conclusion: