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मिर्जापुर: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में अध्यापकों की कमी, पढ़ाई हो रही बाधित

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में राजकीय बालिका इंटर कॅालेज में इन दिनों अध्यापकों का अभाव देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से इसका असर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

अध्यापकों की कमी का असर बच्चों की पढ़ाई पर
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Published : Aug 3, 2019, 1:33 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: आदर्श नगर पंचायत क्षेत्र के सैकड़ों बालिकाओं का भविष्य दांव पर है. बेहतरीन शिक्षा देने की सरकार भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन इन दावों की धरातल पर पोल खुलती नजर आ रही है. इस क्षेत्र का मात्र एक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कछवा में 450 छात्राओं को पढ़ने के लिए मात्र 3 अध्यापक हैं. जबकि यहां पर 21 अध्यापकों का पद है.

अध्यापकों की कमी का असर बच्चों की पढ़ाई पर

बालिका इंटर कॉलेज में नहीं हैं पर्याप्त अध्यापक

  • यहां पर शिक्षकों का कुल 21 पद स्वीकृत है, लेकिन मात्र यहां पर 3 शिक्षक इस समय शिक्षा दे रहे हैं.
  • लेक्चरर ग्रेट के कुल 9 पद हैं जिसमें से केवल एक शिक्षक की नियुक्ति हुई है.
  • सहायक अध्यापक के कुल 7 पद है इसमें से भी केवल एक पद की नियुक्ति है 6 खाली है.
  • 1 से 5 कक्षा को पढ़ाने के लिए कुल 5 टीचर होने चाहिए उसमें भी केवल एक टीचर के सहारे पढ़ाया जा रहा है.
  • इसके अलावा एक प्रिंसिपल है जो सारे कक्षाओं को पढ़ाने की कोशिश करती हैं.
  • छात्राओं की बात करें तो यहां पर कक्षा 1 से 8 तक कुल 339 छात्राओं का पंजीयन है.
  • वहीं नौवीं से 12वीं तक के लिए 115 छात्राएं है कुल मिलाकर 454 छात्राएं हैं.
  • इसके पहले 1992 में अपग्रेड करके हाई स्कूल किया गया था.
  • साफ सफाई के लिए यहां पर एक भी सफाईकर्मी का पद स्वीकृत नहीं किया गया है.

मिर्जापुर: आदर्श नगर पंचायत क्षेत्र के सैकड़ों बालिकाओं का भविष्य दांव पर है. बेहतरीन शिक्षा देने की सरकार भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन इन दावों की धरातल पर पोल खुलती नजर आ रही है. इस क्षेत्र का मात्र एक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कछवा में 450 छात्राओं को पढ़ने के लिए मात्र 3 अध्यापक हैं. जबकि यहां पर 21 अध्यापकों का पद है.

अध्यापकों की कमी का असर बच्चों की पढ़ाई पर

बालिका इंटर कॉलेज में नहीं हैं पर्याप्त अध्यापक

  • यहां पर शिक्षकों का कुल 21 पद स्वीकृत है, लेकिन मात्र यहां पर 3 शिक्षक इस समय शिक्षा दे रहे हैं.
  • लेक्चरर ग्रेट के कुल 9 पद हैं जिसमें से केवल एक शिक्षक की नियुक्ति हुई है.
  • सहायक अध्यापक के कुल 7 पद है इसमें से भी केवल एक पद की नियुक्ति है 6 खाली है.
  • 1 से 5 कक्षा को पढ़ाने के लिए कुल 5 टीचर होने चाहिए उसमें भी केवल एक टीचर के सहारे पढ़ाया जा रहा है.
  • इसके अलावा एक प्रिंसिपल है जो सारे कक्षाओं को पढ़ाने की कोशिश करती हैं.
  • छात्राओं की बात करें तो यहां पर कक्षा 1 से 8 तक कुल 339 छात्राओं का पंजीयन है.
  • वहीं नौवीं से 12वीं तक के लिए 115 छात्राएं है कुल मिलाकर 454 छात्राएं हैं.
  • इसके पहले 1992 में अपग्रेड करके हाई स्कूल किया गया था.
  • साफ सफाई के लिए यहां पर एक भी सफाईकर्मी का पद स्वीकृत नहीं किया गया है.
Intro:मिर्जापुर आदर्श नगर पंचायत क्षेत्र के सैकड़ों बालिकाओं का भविष्य दांव पर है बेहतरीन शिक्षा देने के सरकार भले ही लाख दावे कर ले लेकिन इन दावों की धरातल पर पोल खुलती नजर आ रही है।इस क्षेत्र का मात्र एक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कछवा में 450 छात्राओं को पढ़ने के लिए मात्र 3 अध्यापक हैं जबकि यहां पर 21 अध्यापकों का पद है 3 अध्यापक 1 प्रिंसिपल के सहारे चल रहा है इंटर कॉलेज अध्यापक न होने से बच्चों की पढ़ाई हो रही है बाधित छात्राओं को कैसे पढ़ाया जाता होगा इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं शिक्षा का क्या हाल है।


Body: मिर्जापुर आदर्श नगर पंचायत क्षेत्र कछवा का एकमात्र बालिकाओं का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज को दूर से देखने पर इतना आलीशान प्रतीत होता है कि जैसे सारे शिक्षा के संसाधन इस स्कूल में होगा और है भी कक्षा 1 से लेकर इंटर तक बालिकाओं पढ़ाने के लिए इस स्कूल में सारी सुविधा है नहीं है तो केवल यहां पर शिक्षक जिसके कमी से छात्राओं का पढ़ाई हो रहा है बाधित। यहां पर शिक्षकों का कुल 21 पद स्वीकृत है लेकिन मात्र यहां पर 3 शिक्षक इस समय शिक्षा दे रहे हैं लेक्चरर ग्रेट के कुल 9 पद हैं जिसमें से केवल एक शिक्षक की नियुक्ति हुई है और सहायक अध्यापक के कुल 7 पद है इसमें से भी केवल एक पद की नियुक्ति है 6 खाली है 1 से 5 कक्षा को पढ़ाने के लिए कुल 5 टीचर होने चाहिए उसमें भी केवल एक टीचर के सहारे पढ़ाया जा रहा है इसके अलावा एक प्रिंसिपल है जो सारे कक्षाओं को पढ़ाने की कोशिश करती हैं शिक्षक न होने से प्रिंसिपल के साथ टीचर ही आसान है पूरी तरह से शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं बच्चों को। साफ सफाई के लिए यहां पर एक भी सफाईकर्मी का पद स्वीकृत नहीं किया गया है जिससे बाहर से बुलाकर कराने को मजबूर होते हैं शिक्षक। छात्राओं की बात करें तो यहां पर कक्षा 1 से 8 तक कुल 339 छात्राओं का पंजीयन है वहीं नौवीं से 12वीं तक के लिए 115 छात्राएं है कुल मिलाकर 454 छात्राएं हैं। यह इंटर कॉलेज 2009 इंटर हो गया था इसके पहले 1992 में अपग्रेड करके हाई स्कूल किया गया था।

Bite- संतोष शुक्ला- सहायक कनिष्ठ
Bite- उर्मिला देवी- प्रिंसिपल


Conclusion: इन सब को पढ़ाने के लिए एक प्रधानाध्यापक और तीन सहायक अध्यापक की नियुक्ति वर्तमान में हैं तो आप स्वतः ही अंदाजा लगा सकते हैं कि 4 अध्यापक कैसे 12 कक्षाओं में एक साथ पढ़ाते होंगे। कॉलेज में व्यवस्था बहुत हो मगर कॉलेज में टीचर ना हो इन सब का क्या फायदा ।सरकार शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में इन बालिकाओं का शिक्षा तो कहने को 12वीं रहेगी लेकिन जानकारी पूरी पुस्तक की नही हो पाएगी।

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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