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मिर्जापुर: घर लौटे मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, पलायन करने को फिर हैं मजबूर - मजदूरों का पलायन

यूपी के मिर्जापुर जिले में लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से लौटे मजदूर अब वापस काम पर जाने को विवश हैं. जिले के चितावनपुर गांव में लौटे कुछ मजदूर वापस मुंबई जाने के लिए अपना टिकट बुक करा चुके हैं. इन मजदूरों का कहना है कि यहां सिर्फ मनरेगा के तहत रोजगार मिल रहा है जो हम नहीं कर सकते.

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काम पर वापस लौटने को मजबूर मजदूर.
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Published : Jun 12, 2020, 11:20 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुरः प्रदेश सरकार ने बाहर से आने वाले श्रमिकों को राज्य के भीतर ही काम देने के लिए अधिकारियों को रोजगार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिए हैं. प्रत्येक आने वाले श्रमिक और कामगारों का स्किल डाटा तैयार कर उन्हें रोजगार दिलाई जा सके. मगर फिर भी श्रमिक और कामगार महानगरों में जाने को मजबूर हैं. गैर प्रांतों से लौटे मजदूरों का कहना है जिले में कोई कंपनी फैक्ट्री नहीं है और न ही गांव में मनरेगा के अलावा कोई काम मिल रहा है.

काम पर वापस लौटने को मजबूर मजदूर.

बुक कराया वापस जाने का टिकट
लॉकडाउन के चलते बंद हुई कंपनियों की वजह से गैर प्रांतों से मजदूर और कामगार अपने घर वापस लौट आए थे. अनलॉक-1 में ट्रेनों का चलना शुरू हो गया है. अब यह कामगार और श्रमिक पुनः मुंबई जाने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ मजदूर तो 15 जून का टिकट भी करा लिए हैं. सिटी ब्लॉक के चितावनपुर गांव के रहने वाले मसूद खान, हसनैन खान और इमाम दो महीने पहले मुंबई से वापस अपने गांव आए. मगर अब मुंबई फिर जाने को तैयार हैं.

कोई है टैक्सी चालक और करता है कंपनी में काम
इनका मानना है कि यहां पर कोई कंपनी फैक्ट्री और कोई रोजगार नहीं है, जिसकी वजह से हमे मुंबई जाना पड़ेगा. इसी तरह इटावा गांव के भी आकाश हैं जो मुंबई के थर्माकोल कंपनी में काम करता था. वह भी जाने को विवश है. वहां पर कोई टैक्सी चलाता था तो कोई कंपनी में काम करता था. कोई गारमेंट्स कंम्पनी में जॉब करता था. यहां पर यह सब नहीं है, जिसकी वजह से मजदूर जाने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर: नट समाज के लोगों की बदली जिंदगी, मनरेगा के तहत काम मिला

क्या कहते हैं मजदूर
मजदूरों का कहना है कि केवल मनेरगा के तहत काम मिल रहा है. मनरेगा में हम लोग काम कर नहीं पाएंगे. हम लोगों की जरूरत है कंपनी की. वहां नहीं जाएंगे तो हमारा पेट नहीं चल पाएगा. परिवार चलना भी मुश्किल होगा.

वहीं जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल का कहना है कि गैर प्रांतों से लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है. कुछ की स्किल मैपिंग हो चुकी है. शासन से निर्देश है सभी कि स्किल मैपिंग कराकर जो वहां पर काम करते थे. वह दिलाने की कोशिश की जाए. जल्द ही एक ऑनलाइन जॉब फेयर करने जा रहे हैं, जिससे सब को रोजगार मिले.

मिर्जापुरः प्रदेश सरकार ने बाहर से आने वाले श्रमिकों को राज्य के भीतर ही काम देने के लिए अधिकारियों को रोजगार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिए हैं. प्रत्येक आने वाले श्रमिक और कामगारों का स्किल डाटा तैयार कर उन्हें रोजगार दिलाई जा सके. मगर फिर भी श्रमिक और कामगार महानगरों में जाने को मजबूर हैं. गैर प्रांतों से लौटे मजदूरों का कहना है जिले में कोई कंपनी फैक्ट्री नहीं है और न ही गांव में मनरेगा के अलावा कोई काम मिल रहा है.

काम पर वापस लौटने को मजबूर मजदूर.

बुक कराया वापस जाने का टिकट
लॉकडाउन के चलते बंद हुई कंपनियों की वजह से गैर प्रांतों से मजदूर और कामगार अपने घर वापस लौट आए थे. अनलॉक-1 में ट्रेनों का चलना शुरू हो गया है. अब यह कामगार और श्रमिक पुनः मुंबई जाने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ मजदूर तो 15 जून का टिकट भी करा लिए हैं. सिटी ब्लॉक के चितावनपुर गांव के रहने वाले मसूद खान, हसनैन खान और इमाम दो महीने पहले मुंबई से वापस अपने गांव आए. मगर अब मुंबई फिर जाने को तैयार हैं.

कोई है टैक्सी चालक और करता है कंपनी में काम
इनका मानना है कि यहां पर कोई कंपनी फैक्ट्री और कोई रोजगार नहीं है, जिसकी वजह से हमे मुंबई जाना पड़ेगा. इसी तरह इटावा गांव के भी आकाश हैं जो मुंबई के थर्माकोल कंपनी में काम करता था. वह भी जाने को विवश है. वहां पर कोई टैक्सी चलाता था तो कोई कंपनी में काम करता था. कोई गारमेंट्स कंम्पनी में जॉब करता था. यहां पर यह सब नहीं है, जिसकी वजह से मजदूर जाने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर: नट समाज के लोगों की बदली जिंदगी, मनरेगा के तहत काम मिला

क्या कहते हैं मजदूर
मजदूरों का कहना है कि केवल मनेरगा के तहत काम मिल रहा है. मनरेगा में हम लोग काम कर नहीं पाएंगे. हम लोगों की जरूरत है कंपनी की. वहां नहीं जाएंगे तो हमारा पेट नहीं चल पाएगा. परिवार चलना भी मुश्किल होगा.

वहीं जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल का कहना है कि गैर प्रांतों से लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है. कुछ की स्किल मैपिंग हो चुकी है. शासन से निर्देश है सभी कि स्किल मैपिंग कराकर जो वहां पर काम करते थे. वह दिलाने की कोशिश की जाए. जल्द ही एक ऑनलाइन जॉब फेयर करने जा रहे हैं, जिससे सब को रोजगार मिले.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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