मेरठ : पहाड़ों में हो रही तेज बारिश मैदानी इलाकों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. हरिद्वार के भीम गौड़ा बैराज के बाद रविवार सुबह बिजनौर बैराज से 4 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी गंगा नदी में छोड़ा गया है. जिससे गंगा खादर इलाकों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. फतेहपुर प्रेम गांव के आसपास तीन स्थानों पर गंगा का पानी कच्चे तटबंध तोड़कर बाहर निकल रहा है. तटबंध से निकलकर पानी फसलों को तहस नहस करता हुआ आबादी की ओर बढ़ने लगा जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है.
बाढ़ के खतरे को देखते हुए एसडीएम मवाना कमलेश कुमार सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ दो दिन से गंगा खादर में डेरा जमाए हुए हैं और लगातार ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठकर बाढ़ इलाकों का जायजा भी ले रहे हैं. वहीं बाढ़ से बचाव के लिए तटबंध तोड़कर नदी से बाहर निकले पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण सभी प्रयास विफल हो रहे हैं.
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अधिकारियों ने लिया जायजा
बता दें जल स्तर बढ़ने से जो हालात पैदा हुए हैं यह कोई पहली घटना नहीं है. हर साल गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बनते हैं इसके बावजूद शासन प्रशासन की कोई तैयारी नहीं रहती. जिसका खामियाजा गांव वालों को भुगतना पड़ता है. ऐसे में अगर गंगा नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो खादर इलाके में बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है. प्रशासनिक अमला ट्रैक्टर ट्रॉलियों में बैठकर बाढ़ पर संभावित इलाकों का जायजा ले रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से नाव और बोट का भी कोई इंतजाम नहीं हुआ है. जबकि जिला प्रशासन बाढ़ के हालातों से निपटने के इंतजाम करने के दावे कर रहा है.