मेरठ: मेरठ के विश्वास सैनी के परिवार में करीब 35 लोग हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में उन्हें तेज बुखार आया और लगातार ऑक्सीजन लेवल भी गिरता चला गया. जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, हालत दिन ब दिन जब बिगड़ती चली गई तो उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
विश्वास सैनी अब घर वापस लौट आए हैं. कोरोना को मात देकर 130 दिन बाद घर लौटे विश्वास ने बताया कि वो लगभग 45 दिन तक तो वेंटिलेटर पर रहे, जब कुछ हालत सुधरे तो उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ उपचार दिया गया. इस बीच तीन महीने तक उनकी पत्नी उनके साथ ही रहीं. विश्वास कहते हैं कि जब वो बीमार हुए थे तो उससे पहले उनके घर के लगभग सभी सदस्यों का (बच्चों को छोड़कर) टीकाकरण हो गया था. मगर वह वैक्सीन लगवाने के लिए पात्रता के दायरे से बाहर थे, जिस वजह से टिका नहीं लगवा सके. उनका कहना है कि संक्रमण की वजह से लगातार वह कमजोर हो चुके थे, लेकिन परिवार ने पूरा सहयोग किया और बेहतर उपचार उन्हें मिला.
संक्रमण से जंग लड़ने वाले विश्वास सैनी के चचेरे भाई ऋषभ भी चिकित्सक हैं. उन्होंने लगातार तमाम आवश्यक मेडिसिन उनके लिए मेरठ-दिल्ली समेत देश के बाहर से मंगाई. धीरे धीरे वह रिकवर होने लगे. ऋषभ कहते हैं कि कई अन्य चिकित्सकों से वह लगातार इस बीच परामर्श ले रहे थे, ऋषभ ने बताया कि धीरे-धीरे और लगातार की गई केयर और उपचार से विश्वास ने जिंदगी की जंग आखिरकार जीत ली.
उन्होंने बताया कि चेस्ट में इंफेक्शन बेहद ही अधिक पहुंच गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि संक्रमण की वजह से परेशान विश्वास ने हिम्मत से काम लिया और विल पॉवर से उन्होंने ये जंग जीत ली. डॉक्टर ऋषभ का कहना है कि अगर कोरोना की डोज लग जाती है तो संक्रमण से जल्द उभरा जा सकता है.
फिलहाल विश्वास अब स्वस्थ हैं, वहीं परिवार में भी खुशी का माहौल हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अभी पूर्ण रूप से इंफेक्शन खत्म होने और स्वस्थ होने में तीन से छ: माह का समय लग सकता है. पूरे मामले में जो अहम बात निकलकर सामने आई वो यही है कि वैक्सीन लगवानी बेहद जरूरी है.