मेरठ: यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम प्रदेश में बिजनेस पार्टनर्स की तलाश कर रहा है. प्रदेश भर में 10 हजार बसों को अनुबंध पर जोड़ने की योजना(Plan to connect buses on contract) है. इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है यानी बसों को अनुबंध पर लगाकर लाभ कमाया जा सकता है. क्या हैं यह नियम और क्या है इसकी शर्तें, जाने इस खबर में...
परिवहन निगम प्रदेश में बड़े पैमाने पर अनुबंध के आधार पर बसों को लगाने के लिए योजना बना चुका है. वर्तमान में प्रदेश में 12000 बसें निगम के पास हैं, परिवहन निगम ने बसों के बेड़े को और बड़ा करने की योजना बनाई है. मेरठ और बागपत जिले के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल 12000 बस हैं. इसमें से 9000 बसें परिवहन निगम की हैं, जबकि 3000 बसें अनुबंधित हैं जो कि हायर की हुई हैं.
वहीं, मेरठ जिले में परिवहन निगम के क्षेत्रीय सर्किल में मेरठ जनपद समेत बागपत जनपद और हापुड़ जनपद का गढ़मुक्तेश्वर डिपो शामिल है. इन जगहों पर 392 बसें निगम की लगी हुई हैं और 258 बसें हायर की हुई हैं जो कि अनुबंध पर हैं. कुल मिलाकर 650 से अधिक बसें हैं. क्षेत्रीय प्रबंधक बताते हैं कि अनुबंध पर जो होती है वो 10 साल के लिए लगाई जाती हैं. इनमें से अधिकतर बसों को कार्यकाल पूरा होता जा रहा है. ऐसे में बसें कम होती जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ जो निगम की बसें हैं. उनकी भी 10 साल के बाद नीलामी की प्रक्रिया होती है. इस लिए निगम की बसे भी लगातार समय सीमा पूरी कर रही है, जिससे इनकी संख्य कम होती जा रही है.
निगम के अफसरों का कहना है कि दस साल से ऊपर बसों को चलाया नहीं जा सकता है, तो ये बसें भी कम होनी हैं. यहां की पॉपुलेशन लगातार बढ़ रही है, उनको बेहतर सुविधा देनी है इसीलिए जब तक नई बसें नहीं खरीदी जाती हैं, तब तक यात्रियों की बेहतर सेवा के लिए बसें हायर करने जा रहे हैं. वहीं, आरएम केके शर्मा का कहना है कि पूरे प्रदेश में दस हजार बसें हायर करने का निगम का लक्ष्य है. मेरठ क्षेत्र में ही अकेले 500 बसों को हायर करने का लक्ष्य रखा गया है. क्योंकि जो बसें पुरानी हो गई है और जिनका अनुबंध पूरा हो रहा है, उनको बाहर कर दिया जाएगा. इसीलिए अफसर मेरठ क्षेत्र में कुल बसों को बढ़ाकर 800 से ऊपर करना चाहते हैं. जिससे लोगों को बेहतर सर्विस दी जा सकें.
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से 5 से 6 श्रेणी में बसें अनुबंध पर हायर की जाएंगी. स्लीपर प्लस चेयरकार बसें लगाने के लिए भी टेंडर निकाल रहे हैं. बसों को अनुबंध पर लेने के एवज में विभाग प्रति किलोमीटर की दर से चार्ज करेगा, यानी विभाग की कमाई तो होगी ही साथ ही बिजनेस पार्टनर बनकर ऐसे लोग भी मुनाफा कमा सकते हैं जोकि अपनी बसों को अनुबंध पर लगाएंगे.
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