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बिना कोचिंग की पढ़ाई, यूपीपीसीएस में हासिल की पांचवी रैंक - उदित पंवार ने यूपीपीसीएस में हासिल की पांचवी रैंक

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में रहने वाले उदित पंवार ने इस पर यूपीपीसीएस में स्थान बनाया तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. आस-पड़ोस के लोगों का भी बधाई देने के लिए तांता लग गया. कमाल की बात है कि पहले दो प्रयासों में उदित प्री-एग्जाम में भी असफल रहे थे लेकिन तीसरे प्रयास में पांचवीं रैंक हासिल की.

मेरठ
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Published : Apr 13, 2021, 7:39 PM IST

मेरठः कहते हैं कि हौसले अगर बुलंद हों तो किसी भी मंजिल तक पहुंचना नामुमकिन नहीं है. ऐसा ही कुछ मेरठ के रहने वाले उदित पंवार ने कर दिखाया है. पीसीएस के प्री-एग्जाम में दो बार असफल रहने के बाद भी उदित ने हिम्मत नहीं हारी. नतीजा यह रहा कि इस बार उदित ने ना सिर्फ पीसीएस का एग्जाम क्वालीफाई किया, बल्कि यूपी के टॉप फाइव में जगह बनाई है. मेरठ में रुड़की रोड विवेक विहार के रहने वाले उदित के पिता उपेंद्र कुमार चीनी मिल में काम करते हैं. मां गृहणी हैं. परिवार के लोगों के मुताबिक उदित की दसवीं की पढ़ाई सेंट मैरी एकेडमी और 12वीं दीवान पब्लिक स्कूल से हुई. उसके बाद उदित ने आईआईटी गुवाहाटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की. एक साल बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बाद उदित का मन नौकरी में नहीं लगा तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी. इसके बाद वह पीसीएस की तैयारी में जुट गए. लगातार दो प्रयास में पीसीएस का प्री-एग्जाम पास नहीं कर पाए, लेकिन इस बार तीसरे प्रयास में उन्होंने पीसीएस का एग्जाम पास करते हुए प्रदेश के टॉप फाइव में स्थान बनाया है. उदित का कहना है कि वह आईएएस की तैयारी में भी जुटे हैं. उदित ने इसके लिए कोई कोचिंग नहीं ली.

यूपीपीसीएस में चयन

इंटरव्यू में रामायण और महाभारत के प्रश्न
उदित पवार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जब वो पीसीएस का इंटरव्यू दे रहे थे तो उनसे सबसे पहला सवाल पूछा गया था कि मेरठ के रामायण और महाभारत वाले नाते के बारे में बताएं. इस सवाल के जवाब में उदित ने कहा कि मेरठ का रामायण वाला प्रसंग ये है कि वो रावण की ससुराल है. और महाभारत के प्रसंग को लेकर उन्होंने हस्तिनापुर से रिलेटेड जवाब दिया. जैसे ही उदित ने कहा कि मेरठ मंदोदरी का मायका है और रावण की ससुराल है. इंटरव्यूवर के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई थी.

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के भी सवाल
उदित ने बताया कि इंटरव्यू में इसके अलावा उनसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित सवाल पूछे गए थे. हालांकि कई सवालों के जवाब में उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि इसका उत्तर उन्हें नहीं मालूम है. उदित ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित कई सवालों के जवाब वो नहीं दे पाए थे. यूपी पीसीएस 2020 में पांचवीं रैंक हासिल करने वाले इस युवा ने बताया कि जिस सवाल का जवाब उन्हें नहीं मालूम था, उन्होंने सॉरी कह दिया था. उदित ने बताया की पीसीएस परीक्षा का इंटरव्यू तकरीबन 20 मिनट तक चला था. उदित कहते हैं कि इंटरव्यूवर की आंखों में मानों एक्सरे लगा होता है, वो हर चीज पढ़ लेते हैं. 2016 में आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक करने वाले उदित का कहना है कि उन्होंने भले ही पीसीएस की परीक्षा में पांचवीं रैंक हासिल की है, लेकिन आईएएस की उनकी तैयारी जारी रहेगी.

इंटर के बाद ही हो गया था आईआईटी में सलेक्शन
उदित ने बताया कि आईआईटी गुवाहाटी में उनका सलेक्शन ठीक इंटर करने के बाद ही हो गया था. उन्होंने न तो आईआईटी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोई कोचिंग की और न ही पीसीएस की परीक्षा पास करने के लिए कोई कोचिंग की. उन्होंने सारी पढ़ाई घर पर ही रहकर की. उदित ने बताया कि दो बार तो वो पीसीएस प्रिलिम्स का इम्तिहान भी नहीं क्वालीफाई कर पाए थे और तीसरी बार जब इस परीक्षा को उन्होंने पास किया तो प्रदेश में पांचवीं रैंक हासिल की. उदित का कहना है कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए, धैर्य रखना चाहिए. पढ़ाई के घंटे नहीं देखने चाहिए बल्कि अपने टारगेट पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब उनकी पोस्टिंग होगी तो वो भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए प्रयास करेंगे.

इसे भी पढ़ेंः 12 हजार बच्चों को सरकार नहीं दिला पाई निशुल्क शिक्षा का अधिकार

चीनी मिल में काम करते हैं पिता
उदित पंवार के पिता मेरठ की एक चीनी मिल में काम करते हैं. मां गृहिणी हैं. इस होनहार के माता पिता बताते हैं कि उनका बेटा शुरु से ही मेधावी रहा है. उसने आज उन्हें नायाब तोहफा दिया है. उदित की बहन भी आईआईटी दिल्ली में केमिकल से बीटेक कर रही हैं. जब से उदित की कामयाबी की खबर लोगों को पता चली तब से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. आज नवरात्र के पहले दिन उदित के माता पिता व्रत वालों के लिए अलग मिठाई और बिना व्रत वालों के लिए लड्डू लेकर अपने ड्राइंग रुम में सुबह से बैठे हुए हैं. वाकई में ऐसे होनहार पर सभी को नाज है.

मेरठः कहते हैं कि हौसले अगर बुलंद हों तो किसी भी मंजिल तक पहुंचना नामुमकिन नहीं है. ऐसा ही कुछ मेरठ के रहने वाले उदित पंवार ने कर दिखाया है. पीसीएस के प्री-एग्जाम में दो बार असफल रहने के बाद भी उदित ने हिम्मत नहीं हारी. नतीजा यह रहा कि इस बार उदित ने ना सिर्फ पीसीएस का एग्जाम क्वालीफाई किया, बल्कि यूपी के टॉप फाइव में जगह बनाई है. मेरठ में रुड़की रोड विवेक विहार के रहने वाले उदित के पिता उपेंद्र कुमार चीनी मिल में काम करते हैं. मां गृहणी हैं. परिवार के लोगों के मुताबिक उदित की दसवीं की पढ़ाई सेंट मैरी एकेडमी और 12वीं दीवान पब्लिक स्कूल से हुई. उसके बाद उदित ने आईआईटी गुवाहाटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की. एक साल बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बाद उदित का मन नौकरी में नहीं लगा तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी. इसके बाद वह पीसीएस की तैयारी में जुट गए. लगातार दो प्रयास में पीसीएस का प्री-एग्जाम पास नहीं कर पाए, लेकिन इस बार तीसरे प्रयास में उन्होंने पीसीएस का एग्जाम पास करते हुए प्रदेश के टॉप फाइव में स्थान बनाया है. उदित का कहना है कि वह आईएएस की तैयारी में भी जुटे हैं. उदित ने इसके लिए कोई कोचिंग नहीं ली.

यूपीपीसीएस में चयन

इंटरव्यू में रामायण और महाभारत के प्रश्न
उदित पवार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जब वो पीसीएस का इंटरव्यू दे रहे थे तो उनसे सबसे पहला सवाल पूछा गया था कि मेरठ के रामायण और महाभारत वाले नाते के बारे में बताएं. इस सवाल के जवाब में उदित ने कहा कि मेरठ का रामायण वाला प्रसंग ये है कि वो रावण की ससुराल है. और महाभारत के प्रसंग को लेकर उन्होंने हस्तिनापुर से रिलेटेड जवाब दिया. जैसे ही उदित ने कहा कि मेरठ मंदोदरी का मायका है और रावण की ससुराल है. इंटरव्यूवर के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई थी.

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के भी सवाल
उदित ने बताया कि इंटरव्यू में इसके अलावा उनसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित सवाल पूछे गए थे. हालांकि कई सवालों के जवाब में उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि इसका उत्तर उन्हें नहीं मालूम है. उदित ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित कई सवालों के जवाब वो नहीं दे पाए थे. यूपी पीसीएस 2020 में पांचवीं रैंक हासिल करने वाले इस युवा ने बताया कि जिस सवाल का जवाब उन्हें नहीं मालूम था, उन्होंने सॉरी कह दिया था. उदित ने बताया की पीसीएस परीक्षा का इंटरव्यू तकरीबन 20 मिनट तक चला था. उदित कहते हैं कि इंटरव्यूवर की आंखों में मानों एक्सरे लगा होता है, वो हर चीज पढ़ लेते हैं. 2016 में आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक करने वाले उदित का कहना है कि उन्होंने भले ही पीसीएस की परीक्षा में पांचवीं रैंक हासिल की है, लेकिन आईएएस की उनकी तैयारी जारी रहेगी.

इंटर के बाद ही हो गया था आईआईटी में सलेक्शन
उदित ने बताया कि आईआईटी गुवाहाटी में उनका सलेक्शन ठीक इंटर करने के बाद ही हो गया था. उन्होंने न तो आईआईटी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोई कोचिंग की और न ही पीसीएस की परीक्षा पास करने के लिए कोई कोचिंग की. उन्होंने सारी पढ़ाई घर पर ही रहकर की. उदित ने बताया कि दो बार तो वो पीसीएस प्रिलिम्स का इम्तिहान भी नहीं क्वालीफाई कर पाए थे और तीसरी बार जब इस परीक्षा को उन्होंने पास किया तो प्रदेश में पांचवीं रैंक हासिल की. उदित का कहना है कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए, धैर्य रखना चाहिए. पढ़ाई के घंटे नहीं देखने चाहिए बल्कि अपने टारगेट पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब उनकी पोस्टिंग होगी तो वो भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए प्रयास करेंगे.

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चीनी मिल में काम करते हैं पिता
उदित पंवार के पिता मेरठ की एक चीनी मिल में काम करते हैं. मां गृहिणी हैं. इस होनहार के माता पिता बताते हैं कि उनका बेटा शुरु से ही मेधावी रहा है. उसने आज उन्हें नायाब तोहफा दिया है. उदित की बहन भी आईआईटी दिल्ली में केमिकल से बीटेक कर रही हैं. जब से उदित की कामयाबी की खबर लोगों को पता चली तब से बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. आज नवरात्र के पहले दिन उदित के माता पिता व्रत वालों के लिए अलग मिठाई और बिना व्रत वालों के लिए लड्डू लेकर अपने ड्राइंग रुम में सुबह से बैठे हुए हैं. वाकई में ऐसे होनहार पर सभी को नाज है.

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