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यात्रियों के लिए नहीं रहेगा अब रोडवेज बसों का टोटा, परिवहन निगम ने यूं अपनाया लचीला रूख

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के एक निर्णय के बाद अब रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की तकलीफें कुछ कम होने जा रही हैं. राज्य सड़क परिवहन निगम ने डीजल की बसों का भी अनुबंध के आधार पर हायर करने का प्लान बना लिया है.

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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम
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Published : Dec 31, 2022, 10:23 AM IST

Updated : Dec 31, 2022, 12:57 PM IST

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मेरठ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा

मेरठः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) ने अब यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए और अपने बसों के बेड़े को बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिया है. अब डीजल की बीएस-6 बसें भी यूपी रोडवेज के बेड़े में शामिल हो सकेंगी, ताकि यात्रियों के लिए रोजमर्रा में होने वाली बसों की किल्लत समाप्त हो और उनकी यात्रा सुगम हो सके. 19 दिसंबर को अनुबंधित बसों को लेकर मेरठ के क्षेत्रीय प्रबंधक के कार्यालय में बस आपरेटरों ने सीएनजी के साथ-साथ डीजल बसों को भी अनुबंधित करने के बारे में मांग रखी थी, जिसके संबंध में आरटीओ से रिपोर्ट ली गई थी.

इसके बाद बीएस-6 मानक की डीजल बसों के संचालन को अनापत्ति मिल गई थी. इसके बाद इस संबंध में मेरठ क्षेत्र के आरएम की ओर से लखनऊ मुख्यालय को भेजी. रिपोर्ट में सीएनजी के साथ साथ बीएस-6 मानक को पूरा करने वाली बसों के साथ अनुबंध करने की स्वीकृति मांगी गई थी. मुख्यालय की तरफ से अनुबंध पर डीजल की गाड़ियों को लगाने की हरी झंडी दे दी गई है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मेरठ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने बताया कि करीब तीन सौ बसों को अनुबंध पर मेरठ क्षेत्र में लगाया जाना है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन बस ऑपरेटरों की पीड़ा यह थी कि सीएनजी की बसों की कीमत (cng bus price) बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में डीजल की बसों को लगाया जाए तो बस संचालकों को समस्या न हो. उन्होंने बताया कि सीएनजी बसों को लगाने के नियम के वजह से काफी समय से बसों को अनुबंध पर लेने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे थे.

आरएम का कहना है कि बसों की किल्लत से प्रदेश भर में यूं तो विभाग जूझ रहा है और ऐसे में विभागीय मंत्री भी यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रयत्नशील हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को आवाजाही में सहूलियत हो इस लिए अब निर्णय लिया गया है. क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना है कि अब उन्हें भी उम्मीद है कि शीघ्र ही आमजन को यात्रा के लिए पर्याप्त बसें मिल जांएगी.

उन्होंने कहा कि मार्च 2023 से पहले हमें 300 बसें अनुबंध के आधार पर लेनी हैं, क्योंकि डीजल की बसों को भी लगाया जा सकता है. इससे निश्चित ही यात्रियों की समस्या का भी समाधान हो जाएगा और जहां पहले बस ऑपरेटर सीएनजी की महंगी बसों को अनुबंध पर लगाने के लिए कतरा रहे थे अब वह BS-6 मानक की बसों को यहां लगाकर मुनाफा कमा सकेंगे. साथ ही यात्रियों को सुविधा दी जा सकेगी.

पढ़ेंः गाड़ी खरीदी यूरो 4 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिला यूरो 2 का, अब वाहन स्वामियों के सामने आ रही ये समस्या

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मेरठ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा

मेरठः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) ने अब यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए और अपने बसों के बेड़े को बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिया है. अब डीजल की बीएस-6 बसें भी यूपी रोडवेज के बेड़े में शामिल हो सकेंगी, ताकि यात्रियों के लिए रोजमर्रा में होने वाली बसों की किल्लत समाप्त हो और उनकी यात्रा सुगम हो सके. 19 दिसंबर को अनुबंधित बसों को लेकर मेरठ के क्षेत्रीय प्रबंधक के कार्यालय में बस आपरेटरों ने सीएनजी के साथ-साथ डीजल बसों को भी अनुबंधित करने के बारे में मांग रखी थी, जिसके संबंध में आरटीओ से रिपोर्ट ली गई थी.

इसके बाद बीएस-6 मानक की डीजल बसों के संचालन को अनापत्ति मिल गई थी. इसके बाद इस संबंध में मेरठ क्षेत्र के आरएम की ओर से लखनऊ मुख्यालय को भेजी. रिपोर्ट में सीएनजी के साथ साथ बीएस-6 मानक को पूरा करने वाली बसों के साथ अनुबंध करने की स्वीकृति मांगी गई थी. मुख्यालय की तरफ से अनुबंध पर डीजल की गाड़ियों को लगाने की हरी झंडी दे दी गई है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मेरठ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने बताया कि करीब तीन सौ बसों को अनुबंध पर मेरठ क्षेत्र में लगाया जाना है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन बस ऑपरेटरों की पीड़ा यह थी कि सीएनजी की बसों की कीमत (cng bus price) बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में डीजल की बसों को लगाया जाए तो बस संचालकों को समस्या न हो. उन्होंने बताया कि सीएनजी बसों को लगाने के नियम के वजह से काफी समय से बसों को अनुबंध पर लेने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे थे.

आरएम का कहना है कि बसों की किल्लत से प्रदेश भर में यूं तो विभाग जूझ रहा है और ऐसे में विभागीय मंत्री भी यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रयत्नशील हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को आवाजाही में सहूलियत हो इस लिए अब निर्णय लिया गया है. क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना है कि अब उन्हें भी उम्मीद है कि शीघ्र ही आमजन को यात्रा के लिए पर्याप्त बसें मिल जांएगी.

उन्होंने कहा कि मार्च 2023 से पहले हमें 300 बसें अनुबंध के आधार पर लेनी हैं, क्योंकि डीजल की बसों को भी लगाया जा सकता है. इससे निश्चित ही यात्रियों की समस्या का भी समाधान हो जाएगा और जहां पहले बस ऑपरेटर सीएनजी की महंगी बसों को अनुबंध पर लगाने के लिए कतरा रहे थे अब वह BS-6 मानक की बसों को यहां लगाकर मुनाफा कमा सकेंगे. साथ ही यात्रियों को सुविधा दी जा सकेगी.

पढ़ेंः गाड़ी खरीदी यूरो 4 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिला यूरो 2 का, अब वाहन स्वामियों के सामने आ रही ये समस्या

Last Updated : Dec 31, 2022, 12:57 PM IST
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