मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश अवैध हथियारों का हब बनता जा रहा है. आये दिन अवैध असलहों की फैक्ट्रियों के खुलासे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत कई जनपदों में देसी और विदेशी हथियारों के जखीरे बरामद कर हथियारों के सौदागरों को जेल भेजा जा चुका है. एक सप्ताह पहले थाना नौचंदी इलाके के शास्त्रीनगर में एसटीएफ की टीम ने छापामारी में असलाह फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. एसटीएफ ने मौके से न सिर्फ भारी मात्रा में अवैध असलाह और उपकरण बरामद किए थे बल्कि दो अलसाह बनाने वालों को भी गिरफ्तार किया था.
एसटीएफ ने पकड़ी तंमचा फैक्ट्री
आपको बता दें कि एसटीएफ ने करीब एक सप्ताह पहले थाना नौचंदी इलाके के शास्त्रीनगर में बिजलीघर के पास एक मकान में छापेमारी की थी. वहां का नजारा देख एसटीएफ के जवान भी हैरान रह गए थे. मकान के अंदर न सिर्फ अवैध हथियारों की फैक्ट्री चल रही थी बल्कि भारी मात्रा में हथियार बनाये जा रहे थे. मौके से भारी मात्रा में बने, अधबने देसी तमंचे और उपकरण बरामद कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया था.
ऑर्डर पर बनाये जा रहे थे तमंचे
मेरठ के शास्त्रीनगर में बिजली घर के पास अवैध अलसाह बनाने की फैक्ट्री का संचालन मुजफ्फरनगर निवासी हाजी शमीम कर रहा था. जानकारी के मुताबिक हाजी शमीम ऑर्डर पर देसी तंमचे, बंदूक और रिवाल्वर बना रहा था. देसी तमंचों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत आसपास के कई जनपदों से मौत के समान के ऑर्डर मिल रहे थे. पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि हाजी शमीम के बताए गए स्थानों पर इन हथियारों की सप्लाई की जाती थी.
पंचायत चुनाव के लिए मिला ऑर्डर
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो पूछताछ में पकड़े गए शमशाद और रईस ने कबूल किया कि आगामी ग्राम पंचायत चुनाव के लिए ऑर्डर मिला था. इसके लिए बाकायदा असलाह की कीमत भी तय की गई थी. देसी तमंचे की कीमत तीन से पांच हजार रुपये जबकि रिवाल्वर और पिस्टल की कीमत 25 से 30 हजार तक तय की गई थी. पंचायत चुनाव से पहले असलाह की इस खेप को पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई जनपदों में सप्लाई किया जाना था. इसके लिए हाजी शमीम ने सौदागरों के साथ पहले ही मीटिंग और समय फिक्स किया हुआ था.
रजिस्टर की एंट्री ने किया बड़ा खुलासा
बताया जा रहा है कि एसटीएफ को फैक्ट्री के अंदर से एक रजिस्टर मिला है. रजिस्टर में 12 जनपदों में मौत के सामान की सप्लाई का लेखा-जोखा लिखा हुआ है. रजिस्टर के माध्यम से पता चला है अवैध हथियारों के सौदागर मेरठ के अलावा बरेली और आगरा जोन के जनपदों में भी देसी हथियारों की सप्लाई दे चुके हैं.
चुनाव से पहले हथियारों की अवैध सप्लाई से पंचायत चुनाव में खून खराबा करने की योजना है. जिसके चलते रजिस्टर में लिखे नाम पतों को लेकर एसटीएफ की टीम हथियार खरीदने वालों की पड़ताल कर रही है. ताकि अवैध हथियार खरीदने वालों की सूची बनाकर थाने को भेजी जा सके. जिससे पंचायत चुनाव से पहले उक्त लोगों की थाने स्तर ने निगरानी की जाएगी.