मेरठ: मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाए जाने का निर्णय लिए जाने से खेल प्रतिभा और खेल का सामान बनाने वाले कारोबारियों में खुशी देखने को मिल रही है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां यूनिवर्सिटी बनने से खेल प्रतिभाओं को और अधिक निखरने का मौका मिलेगा. शासन के इस फैसले का सभी ने स्वागत किया है. यह स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शहर के शताब्दीनगर में बनाई जाएगी.
21 साल पहले दिया था भाजपा नेता ने प्रस्ताव
मेरठ में खेल विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग वर्ष 1999 में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत ने उठाई थी. उस वक्त वह भाजपा विधायक थे. डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का कहना है कि मेरठ पहले से ही खेल का बड़ा केंद्र रहा है. यहां खेल विश्वविद्यालय बनने से खेल प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा और यहां के खेल कारोबार को भी इसका लाभ मिलेगा. यहां खिलाड़ी खेल की शिक्षा प्राप्त कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना और देश का नाम रोशन कर सकेंगे.
भाजपा विधायक लगातार कर रहे थे मांग
भाजपा विधायक डॉ. सोमेंद्र तोमर का कहना है कि मेरठ में इंटरनेशनल स्तर के स्टेडियम, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी या स्पोर्ट्स कॉलेज की मांग उन्होंने भी की थी. यहां के खिलाड़ी अपने खेल की और अधिक तकनीकी जानकारी प्राप्त कर अपने खेल से उच्च कोटि का प्रदर्शन कर सकेंगे. स्टूडेंटस को एजुकेशन पूरी करने पर खेल के क्षेत्र में रोजगार भी उपलब्ध हो
इसे भी पढ़ें-मेरठ में क्रिकेट खेलने को लेकर विवाद, दो सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या
खेल कारोबार को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार संघ के प्रदेश महामंत्री लोकेश अग्रवाल का कहना है कि मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनने से खेल शिक्षा को भी नया आयाम मिलेगा. जिले के अलावा वेस्ट यूपी के अन्य जिलों से बड़ी संख्या में खेल प्रतिभाएं सामने आ रही हैं. वर्तमान में भी मेरठ और आसपास के जिलों के खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर अपना और देश का नाम रोशन कर रहे हैं. ऐसे में यूनिवर्सिटी बनने से यहां शिक्षा प्राप्त कर इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी सामने आएंगे. इसके अलावा मेरठ के स्पोर्ट्स कारोबार को भी यूनिवर्सिटी बनने से पूरा लाभ मिलेगा.