मेरठ: मंगलवार को मेरठ पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार झा ने ज्ञानवापी मामले में बयान देते हुए कहा कि जो भी ऐसे स्थान हैं, उनका सच उजागर होना चाहिए, ऐसे स्थानों का सच जानना सभी का अधिकार है. देश के नेताओं, बुद्धिजीवियों, पंथियों, वैज्ञानिकों और समाज सुधारकों को इस काम में सहयोग करना चाहिए ताकि सभी को पता लगे. बता दें कि इंद्रेश कुमार जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने मेरठ पहुंचे थे, जिस दौरान उन्होंने यह बयान दिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लोग सत्य को जानना चाहते हैं. इसके लिए सभी को सहयोग और इंतजार करना चाहिए, किसी तरह की प्रतिक्रिया या उत्तेजना की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी, ताजमहल, कृष्ण जन्म भूमि हो या देश के अन्य स्थान, इन ऐतिहासिक स्थानों की सच्चाई लोग जानना चाहते हैं.
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इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत में लोगों ने विदेश से आए ग्रंथ बाईबिल और कुरान को भी स्वीकार किया है तो किसी को गीता ग्रंथ पर भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवत गीता को वो सम्मान विश्व में कभी नहीं मिल सका है. इस दौरान उन्होंने कि भारत की जो संस्कृति रही है, आक्रांताओं को आक्रांता ही कहा है फिर चाहे रावण हो या कंस. इसी तरह औरंगजेब और बाबर जैसे विदेशी लोग भी आक्रांता थे तो कहने में कोई गुरेज नहीं. हिंदू हो या मुस्लिम आक्रांताओं को मानव जाति के लिए दुश्मन ही माना गया है.
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