मेरठ: इन दिनों कोरोना वायरस काल बनकर लोगों की जिंदगी लील रहा है. मेरठ में आए-दिन 12-15 सौ कोरोना पॉजिटिव केस मिल रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में मरीजों की सांसें थम रही हैं. आलम यह है कि 24 घण्टे श्मशान घाट सुलग रहे हैं और अंतिम संस्कार के लिए घाटों पर जगह कम पड़ गई है. अपनों को खोने के बाद अस्पताल से लेकर श्मशान तक चीख-पुकार मची हुई है. इन मौतों के बाद नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में भीड़ बढ़ गई है.
अप्रैल 2020 में 309 मृत्यु प्रमाण पत्र हुए थे जारी
केवल अप्रैल माह में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 636 आवेदन किए गए हैं. इनमें से 424 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जबकि 212 आवेदन वेटिंग में चल रहे हैं. नगर निगम कार्यालय के अनुसार अप्रैल 2020 में कुल 309 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, जो पिछले वर्ष का रिकॉर्ड था. लिपिकों का कहना है कि एक माह में इतने आवेदन कभी नहीं आए.
24 घण्टे सुलग रहे श्मशान घाट
मेरठ के श्मशान घाटों पर प्रतिदिन 60 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. मौजूदा वक्त में दिन-रात दाह संस्कार हो रहे हैं. हालात ये हैं कि सूरजकुंड श्मशान घाट के पार्किंग स्थल पर शवदाह बनाये गए हैं, जहां शवों को जलाया जा रहा है.
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अस्पताल को दिया गया लॉग इन-पासवर्ड
नगर निगम के वरिष्ठ लिपिक दिनेश सिंह ने बताया कि शासन स्तर से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए नई व्यवस्था की गई है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल और सभी बड़े प्राइवेट अस्पतालों को पोर्टल का लॉग इन एवं पासवर्ड दे दिया गया है. अब मृत्यु का संस्तुति पत्र अस्पतालों द्वारा सीधे पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा और वेरिफिकेशन के बाद नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होगा.
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एक माह में हुआ 636 शवों का अंतिम संस्कार
सूरजकुंड श्मशानघाट का संचालन कर रही गंगा मोटर कमेटी के मुताबिक 1 से 30 अप्रैल तक कोविड और नॉन कोविड 636 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है, जिनमें से अभी तक कुल 110 परिजनों को ही दाह संस्कार सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, जबकि 536 दाह संस्कार सर्टिफिकेट जारी होने बाकी हैं.