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सपा-आरएलडी की साझा रैली के लिए मेरठ में शुरू हुई प्लानिंग, 7 दिसंबर को मेरठ में मिलेंगे अखिलेश और जयंत - मेरठ के प्रमुख समाचार

यूपी में जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे सियासी पारा लगातार चढ़ने लगा है. दिसंबर माह की 7 तारीख को राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से मेरठ के दबथुवा में एक रैली होने वाली है. लेकिन अब जब से दोनों दलों यानी सपा व रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनऊ में मिले हैं, तब से अब इस रैली को लेकर कई बातें भी बदल गईं हैं.

सपा-आरएलडी की साझा रैली के लिए मेरठ में शुरू हुई प्लानिंग
सपा-आरएलडी की साझा रैली के लिए मेरठ में शुरू हुई प्लानिंग
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Published : Nov 27, 2021, 10:18 PM IST

मेरठ : राष्ट्रीय लोकदल औऱ समाजवादी पार्टी की साझा रैली 7 दिसंबर को होने जा रही है. इसे लेकर तमाम तैयारियां अब दोनों दलों की तरफ से होनी शुरू हो गईं हैं. इस रैली में RLD चीफ चौधरी जयंत सिंह व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ज्यादा संबोधित करेंगे. इसे लेकर दोनों दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने तैयारियां शुरू कर कर दीं हैं.

यूपी में जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे सियासी पारा लगातार चढ़ने लगा है. दिसंबर माह की 7 तारीख को राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से मेरठ के दबथुवा में एक रैली होने वाली है. लेकिन अब जब से दोनों दलों यानी सपा व रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनऊ में मिले हैं, तब से अब इस रैली को लेकर कई बातें भी बदल गईं हैं.

सपा-आरएलडी की साझा रैली के लिए मेरठ में शुरू हुई प्लानिंग

मेरठ में शनिवार राष्ट्रीय लोकदल ने एक बैठक बुलाई. इस बैठक में 7 दिसंबर को होने वाली रैली के विषय में चर्चा की गई. रणनीति बनाई गई. बैठक में समाजवादी पार्टी के जिले के नेताओं को भी बुलाया गया. बता दें कि पिछले दिनों दोनों दलों के नेताओं ने प्रदेश में गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर लखनऊ में मुलाकात की. लगभग गठबंधन फाइनल हो चुका है.

सीटों को लेकर भी माना जा रहा था है कि आपस में सब कुछ तय हो चुका है. रालोद के पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह ने कहा कि क्योंकि अब गठबंधन हो ही चुका है. 7 दिसंबर रैली है. ऐसे में अब इस रैली में दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष गठबंधन की घोषणा के बाद पहली बार एक मंच पर दिखाई देंगे.

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड आंदोलन: रामपुर तिराहा कांड में फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी 27 साल पुराने मामले की सुनवाई

हालांकि दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दावा है कि ये एक बड़ी ऐतिहासिक रैली होगी. वहीं दोनों दलों की शनिवार को हुई साझा बैठक में रैली के संबंध में चर्चा हुई. इसमें रालोद के नेताओं व कार्यकर्ताओं की संख्या समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओं से कम थी.

इस बैठक में सपा के जिलाध्यक्ष भी मौजूद नहीं थे. वहीं, पार्टी के एक बड़े मुस्लिम नेता जो कि सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं, वो भी नहीं पहुंचे. शहर विधायक रफ़ीक़ अंसारी भी नहीं थे.

सपा के जिले के नेताओं में से अतुल प्रधान पहुंचे थे. पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत सपा के एक दर्जन कार्यकर्ता और नेता ही वहां दिखाई दिए. अब ऐसे में 7 दिसंबर की रैली को लेकर योजनाएं काफी बड़े पैमाने पर बन रही हैं.

रालोद के प्रवक्ता सुनील रोहटा ने कहा कि तीन बार मेरठ में रालोद अध्यक्ष की रैली अब तक किसी न किसी कारण से स्थगित होती रही है. वो कहते हैं कि रालोद की तैयारी पहले से ही थी.

वहीं, किसान व कार्यकर्ता सैंकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलियों से भी रैली में पहुंचेंगे. उन्होंने सपा नेताओं से भी कहा कि वे तय करें कि किस तरह से उनके कार्यकर्ता पहुंचेंगे. रालोद सीनियर लीडर मुकेश जैन ने कहा कि अब यूपी में बदलाव की बयार है.

दोनों दलों में किसी तरह का कोई मनमुटाव भी नहीं है. सपा नेता अतुल प्रधान ने कहा कि रैली ऐतिहासिक होगी. दोनों दल एकजुट होकर तैयारी कर रहें हैं.

मेरठ : राष्ट्रीय लोकदल औऱ समाजवादी पार्टी की साझा रैली 7 दिसंबर को होने जा रही है. इसे लेकर तमाम तैयारियां अब दोनों दलों की तरफ से होनी शुरू हो गईं हैं. इस रैली में RLD चीफ चौधरी जयंत सिंह व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ज्यादा संबोधित करेंगे. इसे लेकर दोनों दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने तैयारियां शुरू कर कर दीं हैं.

यूपी में जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे सियासी पारा लगातार चढ़ने लगा है. दिसंबर माह की 7 तारीख को राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से मेरठ के दबथुवा में एक रैली होने वाली है. लेकिन अब जब से दोनों दलों यानी सपा व रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनऊ में मिले हैं, तब से अब इस रैली को लेकर कई बातें भी बदल गईं हैं.

सपा-आरएलडी की साझा रैली के लिए मेरठ में शुरू हुई प्लानिंग

मेरठ में शनिवार राष्ट्रीय लोकदल ने एक बैठक बुलाई. इस बैठक में 7 दिसंबर को होने वाली रैली के विषय में चर्चा की गई. रणनीति बनाई गई. बैठक में समाजवादी पार्टी के जिले के नेताओं को भी बुलाया गया. बता दें कि पिछले दिनों दोनों दलों के नेताओं ने प्रदेश में गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर लखनऊ में मुलाकात की. लगभग गठबंधन फाइनल हो चुका है.

सीटों को लेकर भी माना जा रहा था है कि आपस में सब कुछ तय हो चुका है. रालोद के पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह ने कहा कि क्योंकि अब गठबंधन हो ही चुका है. 7 दिसंबर रैली है. ऐसे में अब इस रैली में दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष गठबंधन की घोषणा के बाद पहली बार एक मंच पर दिखाई देंगे.

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हालांकि दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दावा है कि ये एक बड़ी ऐतिहासिक रैली होगी. वहीं दोनों दलों की शनिवार को हुई साझा बैठक में रैली के संबंध में चर्चा हुई. इसमें रालोद के नेताओं व कार्यकर्ताओं की संख्या समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओं से कम थी.

इस बैठक में सपा के जिलाध्यक्ष भी मौजूद नहीं थे. वहीं, पार्टी के एक बड़े मुस्लिम नेता जो कि सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं, वो भी नहीं पहुंचे. शहर विधायक रफ़ीक़ अंसारी भी नहीं थे.

सपा के जिले के नेताओं में से अतुल प्रधान पहुंचे थे. पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत सपा के एक दर्जन कार्यकर्ता और नेता ही वहां दिखाई दिए. अब ऐसे में 7 दिसंबर की रैली को लेकर योजनाएं काफी बड़े पैमाने पर बन रही हैं.

रालोद के प्रवक्ता सुनील रोहटा ने कहा कि तीन बार मेरठ में रालोद अध्यक्ष की रैली अब तक किसी न किसी कारण से स्थगित होती रही है. वो कहते हैं कि रालोद की तैयारी पहले से ही थी.

वहीं, किसान व कार्यकर्ता सैंकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलियों से भी रैली में पहुंचेंगे. उन्होंने सपा नेताओं से भी कहा कि वे तय करें कि किस तरह से उनके कार्यकर्ता पहुंचेंगे. रालोद सीनियर लीडर मुकेश जैन ने कहा कि अब यूपी में बदलाव की बयार है.

दोनों दलों में किसी तरह का कोई मनमुटाव भी नहीं है. सपा नेता अतुल प्रधान ने कहा कि रैली ऐतिहासिक होगी. दोनों दल एकजुट होकर तैयारी कर रहें हैं.

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