मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूं तो फार्मेसी के क्षेत्र में पढ़ाई के लिए काफी निजी संस्थान हैं. लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पश्चिमी क्षेत्र का अकेला ऐसा स्टेट विश्वविद्यालय है. जहां से अब स्टूडेंट्स बी-फार्मा कर अपना भविष्य संवार सकते हैं. आखिर इस क्षेत्र में करियर के लिए क्या संभावनाएं हैं. इसे कैसे आवेदन किया जा सकता है, कितनी योग्यता इच्छुक आवेदनकर्ता की अनिवार्य है. इन तमाम जानकारियों के बारे में चरक स्कूल ऑफ फार्मेसी की एचओडी वैशाली पाटिल बता रही हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को अवसर
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पहली बार इस वर्ष से फार्मेसी की भी पढ़ाई कराई जा रही है. यहां बी-फार्मा के दाखिले की प्रक्रिया इन दिनों चल रही है. आज के दौर में इस क्षेत्र में युवाओं के लिए इस क्षेत्र में काफी अवसर भी है. विश्वविद्यालय के कैंपस में स्थित सर छोटू राम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट प्रांगण में फार्मेसी की कार्यवाहक प्रिंसिपल और एचओडी प्रोफेसर डॉक्टर वैशाली पाटिल ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि अभी अगस्त माह में ही फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से 100 सीट के लिए अप्रूवल मिला है. यहां फार्मेसी के डिपार्टमेंट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग 16 जनपदों के स्टूडेंट्स के लिए अच्छा अवसर है.
अत्याधुनिक लैब भी तैयार
प्रोफेसर डॉक्टर वैशाली पाटिल ने बताया कि इस स्टेट विश्वविद्यालय के कैंपस में फार्मेसी में इच्छुक छात्र-छात्राएं एडमिशन लेकर बी-फार्मा कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की तरफ से सारी फैसिलिटी उपलब्ध कराई जा रही है. यहां अत्याधुनिक लैब से लेकर, स्मार्ट क्लास, एनीमल हाउस, हर्बल गार्डन के साथ-साथ जो भी छात्र-छात्राएं के लिए आवश्यक है. वह हर इंतजाम यहां किए गए हैं.
एडमिशन के लिए पात्र
प्रोफेसर डॉक्टर वैशाली पाटिल ने बताया की यहां एडमीशन के लिए छात्र-छात्राओं को 12वीं पास होना अनिवार्य है. साथ ही छात्र-छात्राओं को 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी या फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथमेटिक्स विषय रहे हों. साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए इंग्लिश भी अनिवार्य रूप से जरूरी है. इसके लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं अपना पंजीकरण 8 अक्टूबर से कराकर आवेदन कर सकते हैं. अगर किसी छात्र-छात्रा को पंजीकरण कराने में कोई समस्या आ रही है तो ऐसे छात्र-छात्राएं उनसे आकर मिल सकते हैं. इसके अलावा उन्हें डिपार्टमेंट में भी समाधान मिल जाएगा.
फीस कुछ लगेगी अधिक
डॉक्टर वैशाली ने बताया कि निजी विश्वविद्यालय की तुलना में यहां फीस भी बेहद कम है. इसके अलावा छात्र-छात्राओं को उनकी पढ़ाई और फीस देने में कोई समस्या ना हो. इसके लिए यहां सेमेस्टर वाइज भी छात्र-छात्राएं फीस जमा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक टेक्निकल कोर्स है. इसलिए छात्र-छात्राओं को फीस कुछ अधिक लग सकती है. लेकिन यहां निजी संस्थानों की तुलना में काफी फीस कम है.
छात्र-छात्राओं का होगा प्लैसमेंट
डॉक्टर वैशाली ने बताया कि यहां पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को अलग पहचान भी मिलेगी कि उन्होंने स्टेट गवर्नमेंट विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. इसके साथ ही यहां पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं का प्लैसमेंट भी कराने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए अभी से संबंधित इंडस्ट्री के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया गया है. जिससे यहां के छात्र-छात्राओं को जल्द ही नौकरी भी मिल जाए.
मेडिसिन का प्रोडक्शन
डॉक्टर वैशाली ने बताया कि बी-फार्मा का कोर्स बहुत ही वृहद है. इसके अलावा इस क्षेत्र में संभावनाएं भी काफी हैं. जैसे बैचलर ऑफ फार्मेसी करने के बाद बच्चे खुद अपने एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्ट कर सकते हैं. जहां उन्हें बिजनेस अपॉर्चुनिटी उनके लिए उपलब्ध है. इसके अलावा मेडिसिन का प्रोडक्शन होता है. वहां पर मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन है. क्वालिटी कंट्रोल, क्वालिटी एश्योरेंस, रेगुलशन इन तमाम विभागों में इस कोर्स को काम कर सकते हैं. इसके लिए छात्र-छात्राएं सेल्स डिपार्टमेंट में भी काम कर सकते हैं. इसके साथ-साथ फार्मास्युटिकल विजिलेंस है. इसके लिए क्लिनिकल डिपार्टमेंट में काम कर सकते हैं. इनके अलावा क्लिनिकल डाटा मैनेजमेंट समेत और बहुत सारे क्षेत्रों में अवसर छात्र-छात्राओं के लिए खुले हुए हैं. इससे छात्र-छात्राएं बड़े स्तर पर वह अपना करियर ग्रोथ कर सकते हैं.
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