मेरठ: जनपद में रविवार को दिल्ली दून हाईवे पर स्थित सुभारती विवि के मांगल्य कन्वेंशन सेंटर में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में जाट समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस मौके पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटूराम, राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग प्रमुखता से उठी तो केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने फिर एक बार पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई. संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग बहुत पुरानी है. इसी के साथ उन्होंने पश्चिमी यूपी की राजधानी के तौर पर मेरठ का नाम भी सुझाया.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में तमाम दलों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया था. इनमें अलग-अलग दलों और संगठनों के अलावा अलग-अलग खापों के चौधरी भी इस कार्यक्रम में शरीक हुए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यहां का हर व्यक्ति चाहता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग प्रदेश और मेरठ उसकी राजधानी बने. कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में रहने वाला हर व्यक्ति दिल से यही चाहता है. लेकिन, नेता बोलने से डरते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी यूपी अलग राज्य बन जाए तो यह देश का सबसे सम्पन्न राज्य होगा. वह बोले यह उनकी भी दिल की इच्छा है कि ऐसा हो और क्रांतिधरा मेरठ राजधानी हो.
जाट आरक्षण की मांग जायज: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि यहां की आबादी 8 करोड़ है और हाईकोर्ट की यहां से दूरी 750 किलोमीटर है. ऐसे में यह मांग पूरी तरह जायज है. कहा कि आरक्षण की मांग का वह समर्थन करते हैं. लेकिन, यहां जरूरी यह है कि समाज आगे आकर मांग रखे. वह जाट समाज के समर्थन में उनके पीछे हैं और साथ हैं. हजारों जाट प्रतिनिधियों के बीच में पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हरेंद्र मलिक ने कहा कि एक दूसरे की टांग खींचने की प्रवृत्ति से राजनीतिक रूप से जाट कमजोर पड़ गया है. वहीं, विदेश से आए जाट प्रतिनिधियों की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि वह सभी से निवेदन करेंगे कि समाज के लिए देश में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करें, सिर्फ जय हिंद से काम नहीं चलेगा.
नेताओं का समर्थन करने पर होगी जाट आरक्षण की मांग पूरी: कांग्रेस शासनकाल में जाटों के लिए आरक्षण की मांग को प्रमुखता से उठाने वाले और बड़ा आंदोलन चला चुके यशपाल मालिक ने कहा कि एकजुटता होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह कहने में गुरेज नहीं है कि कुछ जिलों के जाट अगर बदतमीजी बंद कर दें तो स्थिति बदल जाएगी. इसमें हरियाणा के जिले भी शामिल हैं. जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा कि आरक्षण की मांग पूरी हो, इसके लिए राजनेताओं का सहारा लेना होगा.
एक वक़्त था पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को जाट एकमत होकर समर्थन करता था. ठीक उसी प्रकार वर्तमान समय में भी नेताओं का समर्थन करना होगा. तभी आरक्षण की मांग पूरी हो सकती है. वहीं, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने कहा कि देश को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने में जाट समाज अपना योगदान दे. वहीं, इस मौके पर हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि एक दूसरे की टांग नहीं खीचनी नहीं चाहिए. साथ ही बुराई और नशे से रोकने की अपील की.
जाट संसद में इन प्रस्तावों को रखा गया: युवा पीढ़ी को जाट कौम के गौरवशाली इतिहास से परिचय करवाएं व कौम के महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि मनाने के लिए प्रेरित करें. युवाओं को टेक्निकल शिक्षा के लिए प्रेरित करें, ताकि युवा पीढ़ी खुद के हुनर से रोजगार प्राप्त कर सके. नशामुक्त जाट समाज के लिए जन जागरण अभियान चलाकर नशामुक्त जाट समाज के लिए युवाओं को संकल्पित करें. मृत्यु भोज पूर्ण रूप से बंद हो व सामाजिक कुरीतियों के खात्मे के लिए प्रयास करें. अंतरजातीय विवाह बंद हो व नशा, अवैध कारोबार से संबंधित जाट समाज की संस्थाओं के प्रधानों को स्वेच्छा से संस्थाओं से त्यागपत्र दे देना चाहिए.
शादियां दिन में की जाएं, जिससे शादी में सौहार्दपूर्ण वातावरण रहे और व्यर्थ के खर्चे से बचा जा सके. चौधरी छोटूराम के संदेश का अनुसरण करते हुए बोलना सीख व दुश्मन को पहचान की तर्ज पर उनकी शिक्षाओं को मानते हुए किसी भी दूसरी जाति, धर्म, वर्ग पर कोई भी आक्षेप या टीका टिप्पणी न करें. सबका बराबर सम्मान किया जाए. सामाजिक भाईचारे को बढ़ाने के लिए प्रयास करें. उच्च पदों पर आसीन समाज के नेता व अधिकारी समाज के जरूरत मंद लोगों की निस्वार्थ मदद करें.