मेरठ: सीएम योगी के प्रदेश के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि वह सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दफ्तर में अवश्य मौजूद रहेंगे. लेकिन, मेरठ में लोक निर्माण विभाग के अफसरों पर जैसे सूबे के मुखिया का ये आदेश बेअसर है. जी हां PWD विभाग के दफ्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की अवहेलना अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कर रहे हैं. तमाम पटलों पर विभाग के कर्मचारी तो नदारद रहते ही है. लेकिन, हैरानी वाली यह है कि खुद शीर्ष अधिकारी भी यहां समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं. आप भी देखें ईटीवी भारत का ये एक्सक्लुसिव रियलिटी चेक.
ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि मेरठ में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के अफसरों के लिए सूबे के मुख्यमंत्री के आदेश जैसे कोई मायने ही नहीं रखते. आलम ये है कि यहां के अधिकारी जब मन करे तब दफ्तर आते हैं. हालांकि दफ्तरों के बाद सफेद कागज चस्पा करके और तख्ती लगाकर उसपर जरूर लिखा गया है कि जनता से मिलने का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक है. लेकिन, 11 बजे तक भी नदारद ही मिले. अफसरों की देखा देखी यही ढर्रा बाकी कर्मचारी भी अपना रहे हैं.
ईटीवी भारत ने पीडब्लूडी विभाग के अधिशासी अभियंता एस के सारस्वत के ऑफिस में रुख किया तो 11 बजे तक भी साहब नहीं पहुंचे. लेकिन, उनके बड़े बाबू जरूर आ गए थे, जिन्होंने कई बार अधिकारी को कॉल किया. लेकिन, उन्होंने कॉल उठाना मुनासिब नहीं समझा. इस बीच बड़े बाबू ने उन्हें मीडिया के आने की सूचना देने के लिए फोन किया तो बड़े साहब ने बड़े बाबू का तत्काल फोन उठा लिया.
कैमरे पर बड़े बाबू पवन गर्ग सफाई देते हैं कि साहेब आने वाले हैं. समय से हर रोज आते हैं. वो साइट पर गए हुए हैं. देर से आने का कारण भी साहब ही बताएंगे. इस दौरान 11 बजे पीडब्लूडी विभाग की प्रशासनिक अधिकारी दफ्तर पहुंचीं. जबकि उनके ऑफिस के अधिकतर बाबू तब भी नदारद ही थे. वे कहती हैं कि रास्ते में जाम रहता है, जिस कारण देरी हुई है.
कर्मचारियों का कहना है कि वह तो छोटे कर्मचारी हैं. साहब और बाबू जी लोगों के बारे में वह कैसे कुछ बोल सकते हैं. करीब 11 बजे के बाद जब अधिशासी अभियंता को उनके क्लर्क ने ईटीवी भारत टीम की आने की बात बताई तो वे कुछ देर बात अपने दफ्तर पहुंचे. ईटीवी भारत ने उनसे सीएम योगी के 10 बजे से 12 तक जनता के लिए उपस्थित रहने के बारे में जाना. साथ ही ये भी जाना कि बाकी स्टॉफ के न होने से कुर्सियां अभी तक खाली पड़ी हुई हैं. वे कहते हैं कि जो बिना अवकाश के गैर हाजिर रहते हैं, उनकी रिपोर्ट बनाने के साथ कार्रवाई करते हैं.
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