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अब फसल उगाने के साथ बिजली भी बेच सकेंगे किसान, जानिए क्या है योजना, कैसे मिलेगा लाभ

किसानों के लिए राहतभरी खबर है. अब वे फसल के अलावा बिजली बेचकर भी आमदनी कर सकेंगे. इसके लिए सरकार की ओर से पीएम कुसुम योजना चलाई जा रही है. योजना से जुड़ने पर किसानों को कई तरह के लाभ मिलेंगे.

अब फसल उगाने के साथ बिजली भी बेच सकेंगे किसान.
अब फसल उगाने के साथ बिजली भी बेच सकेंगे किसान.
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Published : May 18, 2023, 5:12 PM IST

अब फसल उगाने के साथ बिजली भी बेच सकेंगे किसान.

मेरठ : किसान अब फसलों के अलावा बिजली बेचकर भी अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे. पीएम कुसुम योजना के तहत किसान न सिर्फ नलकूप से खेत की सिंचाई कर सकेंगे बल्कि अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड को बेच भी सकेंगे. इसके लिए उन्हें 3 रुपये 28 पैसे प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा. यूपी नेडा की ओर से यह स्कीम चलाई जा रही है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नलकूप पर सोलर प्लांट लगवाना होगा.

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपी नेडा) मेरठ-बागपत के परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा ने ईटीवी भारत से इस योजना को लेकर विस्तार के बातचीत की. उन्होंने बताया कि किसानों को ऊर्जावान बनाने के लिए यह योजना लाई गई है. यह योजना ऐसे निजी नलकूप संचालक, जिन्होंने पहले से ही नलकूप का कनेक्शन लिया हुआ है, उनके लिए है. नलकूप पर सोलर प्लांट लगाने के लिए सामान्य ओबीसी, एससी के लिए 90 प्रतिशत जबकि एसटी श्रेणी के लोगों को 100 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. अनुसूचित जनजाति टांगिया एवं मुसहर जाति के पात्रों को भी शत-प्रतिशत अनुदान पर योजना का लाभ मिल सकेगा.

एक हजार किसानों को मिलेगा लाभ : परियोजना अधिकारी ने बताया कि अभी प्रदेश सरकार के एक हजार किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचाने का प्लान है. इसमें कम से कम साढ़े 7 किलोवाट क्षमता का नलकूप पंप शमिल किया गया है, जबकि अधिकतम जिस भी नलकूप की जितनी भी अधिकतम क्षमता है, उससे दोगुनी क्षमता का सोलर प्लांट वहां लगाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि जैसे कि कहीं साढ़े सात किलोवाट क्षमता का कोई पंप किसान चला रहा है तो वहां 15 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया जाएगा. बिजली वाले नलकूप से ही सोलर प्लांट को जोड़ा जाएगा. किसान सीधे बिजली से नलकूप चला सकेंगे और बिजली न होने पर सोलर सिस्टम का भी सहारा ले सकेंगे. जिन दिनों में भी नलकूप बन्द रहेगा उस दौरान जो बिजली वहां सोलर सिस्टम की मदद से पैदा होगी, वह बिजली पावर ग्रिड को ऑटोमेटिक चली जाएगी. इस बिजली का किसानों को 3 रुपया 58 पैसा प्रति यूनिट की दर से भुगतान भी किया जाएगा.

इस योजना से जुड़कर किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी. किसानों के बिल संबंधी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा. अभी यह योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर है. इसके लिए कृषि विभाग, खण्ड विकास अधिकारी और बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता, कृषि विभाग के जो एफपीओ बने हुए हैं, उन्हें भी जानकारी दे दी गई है. मेरठ और बागपत में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है. निजी ऑन ग्रीड सोलर सिस्टम के लिए लिए सम्बंधित अधिकारी से इच्छुक किसान सम्पर्क साधकर पूरी प्रक्रिया को समझ सकते हैं.

यह भी पढ़ें : मेरठ के 72 साल के डॉक्टर बने 'रिटायर्ड आईजी', फ़िल्म में मिला अभिनय का मौका

अब फसल उगाने के साथ बिजली भी बेच सकेंगे किसान.

मेरठ : किसान अब फसलों के अलावा बिजली बेचकर भी अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे. पीएम कुसुम योजना के तहत किसान न सिर्फ नलकूप से खेत की सिंचाई कर सकेंगे बल्कि अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड को बेच भी सकेंगे. इसके लिए उन्हें 3 रुपये 28 पैसे प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा. यूपी नेडा की ओर से यह स्कीम चलाई जा रही है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नलकूप पर सोलर प्लांट लगवाना होगा.

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपी नेडा) मेरठ-बागपत के परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा ने ईटीवी भारत से इस योजना को लेकर विस्तार के बातचीत की. उन्होंने बताया कि किसानों को ऊर्जावान बनाने के लिए यह योजना लाई गई है. यह योजना ऐसे निजी नलकूप संचालक, जिन्होंने पहले से ही नलकूप का कनेक्शन लिया हुआ है, उनके लिए है. नलकूप पर सोलर प्लांट लगाने के लिए सामान्य ओबीसी, एससी के लिए 90 प्रतिशत जबकि एसटी श्रेणी के लोगों को 100 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. अनुसूचित जनजाति टांगिया एवं मुसहर जाति के पात्रों को भी शत-प्रतिशत अनुदान पर योजना का लाभ मिल सकेगा.

एक हजार किसानों को मिलेगा लाभ : परियोजना अधिकारी ने बताया कि अभी प्रदेश सरकार के एक हजार किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचाने का प्लान है. इसमें कम से कम साढ़े 7 किलोवाट क्षमता का नलकूप पंप शमिल किया गया है, जबकि अधिकतम जिस भी नलकूप की जितनी भी अधिकतम क्षमता है, उससे दोगुनी क्षमता का सोलर प्लांट वहां लगाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि जैसे कि कहीं साढ़े सात किलोवाट क्षमता का कोई पंप किसान चला रहा है तो वहां 15 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया जाएगा. बिजली वाले नलकूप से ही सोलर प्लांट को जोड़ा जाएगा. किसान सीधे बिजली से नलकूप चला सकेंगे और बिजली न होने पर सोलर सिस्टम का भी सहारा ले सकेंगे. जिन दिनों में भी नलकूप बन्द रहेगा उस दौरान जो बिजली वहां सोलर सिस्टम की मदद से पैदा होगी, वह बिजली पावर ग्रिड को ऑटोमेटिक चली जाएगी. इस बिजली का किसानों को 3 रुपया 58 पैसा प्रति यूनिट की दर से भुगतान भी किया जाएगा.

इस योजना से जुड़कर किसानों की आमदनी बढ़ जाएगी. किसानों के बिल संबंधी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा. अभी यह योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर है. इसके लिए कृषि विभाग, खण्ड विकास अधिकारी और बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता, कृषि विभाग के जो एफपीओ बने हुए हैं, उन्हें भी जानकारी दे दी गई है. मेरठ और बागपत में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है. निजी ऑन ग्रीड सोलर सिस्टम के लिए लिए सम्बंधित अधिकारी से इच्छुक किसान सम्पर्क साधकर पूरी प्रक्रिया को समझ सकते हैं.

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