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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : जाट आरक्षण की फिर उठी मांग, जाट संघर्ष समिति ने बीजेपी को चेताया

राष्ट्रीय अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति ने उठाया जाट आरक्षण का मुद्दा. जाट संगठन ने आगामी 2022 के चुनावी के लिए बीजेपी को चेताया.

जाट आरक्षण की फिर उठी मांग
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Published : Nov 23, 2021, 6:49 PM IST

मेरठ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) नजदीक आते ही प्रदेश में जाट आरक्षण का मुद्दा गर्माने लगा है. राष्ट्रीय अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति ने मंगलवार को मेरठ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जाट आरक्षण का मुद्दा उठाया. अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाकर बीजेपी को चेताया. उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी को जाट आरक्षण की बात याद दिलाना चाहते हैं. जाट आरक्षण की मांग पूरी न होने पर जाट समाज राजनीतिक निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

बता दें कि जाट समाज के लोग केंद्रीय स्तर पर ओबीसी वर्ग में शामिल होने के लिए काफी समय से मांग कर रहे हैं. बीते 26 मार्च 2015 को पीएम मोदी ने जाट संगठनों व और नेताओं से आरक्षण देने का वादा किया था. 8 फरवरी 2017 को पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह के आवास पर भी जाटों को आरक्षण देने का अश्वासन मिला था. हालांकि जाट संगठनों को अब तक आरक्षण नहीं मिला है.

जाट आरक्षण की फिर उठी मांग

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आरक्षण न मिलने के कारण अब जाट संगठनों ने फिर से आवाज उठाई है. जाट संगठनों ने पीएम मोदी को जाट आरक्षण की बात याद दिलाने की बात कही है. अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि मांग पूरी न होने पर यूपी में होने वाले आगामी 2022 के चुनाव में जाट समाज के लोग अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे.

जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जाटों से किया गया वादा याद दिलाया. उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण के लिए 1 दिसंबर से बड़े स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा. यूपी की जाट वोट से प्रभावी 125 सीटों के विधायको/जनप्रतिनिधियों को 1 दिसंबर से ज्ञापन सौंपा जाएगा.

इसे पढ़ें- UP Election 2022 : अखिलेश यादव के घर पहुंचे जयंत चौधरी, सीटों के बंटवारे पर हो सकता है ऐलान

मेरठ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) नजदीक आते ही प्रदेश में जाट आरक्षण का मुद्दा गर्माने लगा है. राष्ट्रीय अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति ने मंगलवार को मेरठ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जाट आरक्षण का मुद्दा उठाया. अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने जाट आरक्षण का मुद्दा उठाकर बीजेपी को चेताया. उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी को जाट आरक्षण की बात याद दिलाना चाहते हैं. जाट आरक्षण की मांग पूरी न होने पर जाट समाज राजनीतिक निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

बता दें कि जाट समाज के लोग केंद्रीय स्तर पर ओबीसी वर्ग में शामिल होने के लिए काफी समय से मांग कर रहे हैं. बीते 26 मार्च 2015 को पीएम मोदी ने जाट संगठनों व और नेताओं से आरक्षण देने का वादा किया था. 8 फरवरी 2017 को पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह के आवास पर भी जाटों को आरक्षण देने का अश्वासन मिला था. हालांकि जाट संगठनों को अब तक आरक्षण नहीं मिला है.

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आरक्षण न मिलने के कारण अब जाट संगठनों ने फिर से आवाज उठाई है. जाट संगठनों ने पीएम मोदी को जाट आरक्षण की बात याद दिलाने की बात कही है. अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि मांग पूरी न होने पर यूपी में होने वाले आगामी 2022 के चुनाव में जाट समाज के लोग अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे.

जाट संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जाटों से किया गया वादा याद दिलाया. उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण के लिए 1 दिसंबर से बड़े स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा. यूपी की जाट वोट से प्रभावी 125 सीटों के विधायको/जनप्रतिनिधियों को 1 दिसंबर से ज्ञापन सौंपा जाएगा.

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