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भाई की प्रेमिका का मर्डर करने के लिए पिता के साथ रची थी साजिश, हस्तिनापुर ले जाकर रेता था गला - मेरठ में हत्यारोपी का सरेंडर

मेरठ के हस्तिनापुर में 22 मई को मिले महिला के शव की मौत की कहानी का पुलिस ने राजफाश कर दिया है. हत्यारोपी ने कोर्ट में सरेंडर करके पुलिस को बताया कि कैसे उसने वारदात को अंजाम दिया था.

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Published : Jun 2, 2023, 12:25 PM IST

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के हस्तिनापुर में 22 मई को पुलिस को एक महिला का शव मिला था. जो गाजियाबाद की महिला का था. पुलिस हत्या के एंगल से मामले की जांच कर रही थी. इसी बीच हत्यारोपी अरुण ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हत्यारोपी कोई और नहीं बल्कि महिला के प्रेमी का भाई निकला. जिसने अपने पिता के साथ हत्या की साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया.

हस्तिनापुर में 22 मई को मिला शव गाजियाबाद की शादीशुदा महिला मीनू का था. उसके शव के पास से एक आधार कार्ड समेत, उसका मोबाइल फोन और अन्य ऐसा सामान मिले थे. जांच में पता चला था कि मीनू लोन दिलाने का काम करती थी. इस काम में उसे कमीशन मिलता था. इसमें गाजियाबाद के नई बस्ती लल्लापुरा का रहने वाला अर्जुन पुत्र मनोज भी उसका सहयोगी था.

पुलिस के अनुसार करीब चार महीने पहले मीनू और उसके पति लवली का परिवार के लोगों से झगड़ा हो गया था. उस वक्त लवली और मीनू के साथ मौके पर अर्जुन भी था. झगड़ें में तीनों को चोटें आई थीं. अर्जुन का पैर भी टूट गया था. इसके बाद से वह बेड पर था. मीनू अक्सर अर्जुन का हालचाल जानने उसके घर जाया करती थी. इस बीच दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं. फिर मीनू हर दिन अर्जुन से मिलने के लिए जाने लगी और दोनों में प्रेमप्रसंग हो गया.

इस बीच अपने भाई को शादीशुदा महिला के प्यार की गिरफ्त में देखकर अर्जुन का भाई अरुण और पूरा परिवार घर में मीनू के बार-बार आने से बहुत परेशान था. वो उससे चिढ़ते भी थे, लेकिन कह कुछ नहीं पाते थे. हत्यारोपी अरुण का कहना है कि उसने भी अपने भाई को कई बार समझाया कि मीनू जब अपने पति की वफादार नहीं है, तो तुम्हारी कैसे हो सकती है. इसके बाद भी वह नहीं माना. अर्जुन के पिता मनोज ने भी पुलिस पूछताछ में बताया था कि उन्हें अर्जुन का शादीशुदा मीनू से रिश्ता रखना मंजूर नहीं था. उसने दोनों को कई बार समझाया लेकिन नहीं माने.

हत्यारोपी अरुण ने बताया कि इसके बाद उसने अपने पिता के साथ मिलकर मीनू को रास्ते हटाने की योजना बनाई. पिता मनोज ने अरुण के साथ मिलकर अर्जुन के जल्द ठीक होने के लिए हस्तिनापुर के एक मन्दिर में पूजा कराने की झूठी कहानी रची. इस पूजा में उसने मीनू को भी चलने को कहा. वहां उसने मीनू की गला रेतकर हत्या कर दी.

अरुण ने कोर्ट में सरेंडर करने के बाद पुलिस को पीसीआर के माध्यम से घटनास्थल पर लेकर पहुंची और उसकी निशानदेही पर मीनू की पहनी चप्पल, एक बैग, एक छोटा लेडीज पर्स, एक बैंक पासबुक व दो वोटर आईडी तथा अन्य सौन्दर्य प्रसाधन के सामान भी बरामद करा दिए.

ये भी पढ़ेंः बाहुबली विजय मिश्रा के घर की कुर्की किए बिना ही लौट गई पुलिस, जानिए क्यों

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के हस्तिनापुर में 22 मई को पुलिस को एक महिला का शव मिला था. जो गाजियाबाद की महिला का था. पुलिस हत्या के एंगल से मामले की जांच कर रही थी. इसी बीच हत्यारोपी अरुण ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हत्यारोपी कोई और नहीं बल्कि महिला के प्रेमी का भाई निकला. जिसने अपने पिता के साथ हत्या की साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया.

हस्तिनापुर में 22 मई को मिला शव गाजियाबाद की शादीशुदा महिला मीनू का था. उसके शव के पास से एक आधार कार्ड समेत, उसका मोबाइल फोन और अन्य ऐसा सामान मिले थे. जांच में पता चला था कि मीनू लोन दिलाने का काम करती थी. इस काम में उसे कमीशन मिलता था. इसमें गाजियाबाद के नई बस्ती लल्लापुरा का रहने वाला अर्जुन पुत्र मनोज भी उसका सहयोगी था.

पुलिस के अनुसार करीब चार महीने पहले मीनू और उसके पति लवली का परिवार के लोगों से झगड़ा हो गया था. उस वक्त लवली और मीनू के साथ मौके पर अर्जुन भी था. झगड़ें में तीनों को चोटें आई थीं. अर्जुन का पैर भी टूट गया था. इसके बाद से वह बेड पर था. मीनू अक्सर अर्जुन का हालचाल जानने उसके घर जाया करती थी. इस बीच दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं. फिर मीनू हर दिन अर्जुन से मिलने के लिए जाने लगी और दोनों में प्रेमप्रसंग हो गया.

इस बीच अपने भाई को शादीशुदा महिला के प्यार की गिरफ्त में देखकर अर्जुन का भाई अरुण और पूरा परिवार घर में मीनू के बार-बार आने से बहुत परेशान था. वो उससे चिढ़ते भी थे, लेकिन कह कुछ नहीं पाते थे. हत्यारोपी अरुण का कहना है कि उसने भी अपने भाई को कई बार समझाया कि मीनू जब अपने पति की वफादार नहीं है, तो तुम्हारी कैसे हो सकती है. इसके बाद भी वह नहीं माना. अर्जुन के पिता मनोज ने भी पुलिस पूछताछ में बताया था कि उन्हें अर्जुन का शादीशुदा मीनू से रिश्ता रखना मंजूर नहीं था. उसने दोनों को कई बार समझाया लेकिन नहीं माने.

हत्यारोपी अरुण ने बताया कि इसके बाद उसने अपने पिता के साथ मिलकर मीनू को रास्ते हटाने की योजना बनाई. पिता मनोज ने अरुण के साथ मिलकर अर्जुन के जल्द ठीक होने के लिए हस्तिनापुर के एक मन्दिर में पूजा कराने की झूठी कहानी रची. इस पूजा में उसने मीनू को भी चलने को कहा. वहां उसने मीनू की गला रेतकर हत्या कर दी.

अरुण ने कोर्ट में सरेंडर करने के बाद पुलिस को पीसीआर के माध्यम से घटनास्थल पर लेकर पहुंची और उसकी निशानदेही पर मीनू की पहनी चप्पल, एक बैग, एक छोटा लेडीज पर्स, एक बैंक पासबुक व दो वोटर आईडी तथा अन्य सौन्दर्य प्रसाधन के सामान भी बरामद करा दिए.

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