मेरठः प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का मतदान दो चरणों में निर्धारित है. इसमें पहले चरण का मतदान हो चुका है. वहीं, दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होगा. निकाय चुनाव का दूसरा चरण निर्णायक माना जा रहा है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं. लेकिन, शहर की सत्ता में जो चुनकर आएगा, उनसे जिले की पोस्ट ग्रेजुएट की छात्राएं क्या उम्मीद करती हैं? यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने इस्माइल नेशनल महिला पीजी कॉलेज की छात्राओं से चुनावी चर्चा की. इस दौरान छात्राओं ने शहर की जरूरत के साथ ही सरकारी कामकाज को लेकर अपने सुझाव भी दिए.
इस्माइल नेशनल महिला पीजी कॉलेज की अर्थशास्त्र की छात्रा नसीम ने कहा कि अभी शहर में बहुत सुधार की जरूरत है. वहीं, छात्रा शिखा ने कहा कि वह इस बार दूसरी बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी. वह वोट करने जाएंगी तो यही सोचकर प्रत्याशी का चुनाव करेंगी कि शहर में जो समस्याएं हैं, उनका समाधान हो. अनियंत्रित ट्रैफिक आज मेरठ की एक बड़ी समस्या है. इससे आवाजाही में काफी परेशानी होती है.
छात्रा गुलनाज ने बताया कि शहर में बदलाव की जररूत है और उस बदलाव के लिए ही वह अपने वोट का प्रयोग करेंगी. गुलनाज ने कहा कि शहर की सड़कों पर गड्ढों की भरमार है. इसे ठीक कराना सबसे जरूरी है. अगर कोई कार्य शुरू किया जाए, तो पहले उसे तय समय पर पूर्ण करना चाहिए. ताकि आम आदमी को उसका लाभ मिल सके.
छात्रा मन्तशा ने ईटीवी से कहा कि नेता जब वोट मांगने आते हैं तो वादों की झड़ी लगा देते हैं. लेकिन, जितना वह कहकर जाते हैं उतना होता नहीं है. शहर में कई समस्याएं हैं, जिनमें एक समस्या शुद्ध पेयजल आपूर्ति की है. इस बार जो भी मेयर हो वह इस मुद्दे पर फोकस करे की शुद्ध पेयजल सभी को मिले. छात्रा नशरा ने बताया कि मेरठ में सड़कों पर, कालोनियों में, गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक बहुत ज्यादा है. आवारा कुत्ते लगातार लोगों पर हमला कर रहे हैं. इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि वह पहली बार अपने वोट का प्रयोग करेंगी, जिसे लेकर वह उत्साहित भी हैं.
एमए की छात्रा दीपा ने बताया कि अब तो प्रत्याशी तमाम बड़े वादे कर रहे हैं. लेकिन, जब ये वादे पूरे होंगे तभी जनता को फायदा होगा. छात्रा शैफाली ने कहा कि शहर में काफी जगह कूड़े के ढेर और गंदगी के अंबार लगे रहते हैं. इनसे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. शैफाली ने ईटीवी भारत से कहा कि पुराने जनप्रतिनिधियों को लेकर उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा है. जरूरत पड़ने पर बार-बार चक्कर कटवाते थे, जबकि मेयर हो या पार्षद उन्हें जनता की समस्याओं को सुनना चाहिए और उसका समाधान कराना चाहिए.
इस्माइल नेशनल गर्ल्स पीजी कॉलेज की अर्थशास्त्र विभाग की विभागअध्यक्ष ममता सिंह ने कहा कि साफसफाई हो, अच्छी सड़कें हों, आवारा जानवरों से निजात मिले क्योंकि अभी ये समस्याएं ज्यादा देखने को मिल रही है. सेफ सिटी सिर्फ नाम के लिए न हो, बल्कि मेरठ शहर सच में सेफ सिटी बने.
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