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Minor rape case in Meerut: रेप पीड़िता को 9 साल बाद मिला न्याय, दोषी को 10 साल की जेल - मेरठ में नाबालिग से रेप केस

मेरठ में कोर्ट ने नाबालिग से रेप के मामले में 9 साल बाद फैसला सुनाते हुए दोषी को 10 साल की सजा सुनाई. पीड़ित परिवार ने 2014 में नाबालिग को बहला-फुसलाकर साथ ले जाकर दुष्कर्म का आरोप लगाया था.

Minor rape case in Meerut
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Published : Feb 24, 2023, 1:26 PM IST

मेरठः जिले में 9 साल पूर्व रेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और 20000 का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने धारा 363, 366, 376 भारतीय दंड संहिता में 3/4 पॉक्सो अधिनियम के तहत फैसला सुनाया. अर्थदंड की आधी रकम न्यायालय द्वारा पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया है.

बता दें कि 10 जून 2014 को थाना परीक्षितगढ़ में अभियुक्त कासिम के खिलाफ पीड़ित ने पॉक्सो अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत कराया गया. जिसमें पीड़ित पिता ने बताया कि उसकी 14 वर्ष की नाबालिग बेटी को घर से बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ बलात्कार जैसी घटना को कारित करने के आरोप लगाया. मामले में तत्कालीन विवेचक ने विवेचना के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 6 गवाह प्रस्तुत किए गए.

विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन व नरेंद्र चौहान ने मुकदमे की पैरवी की तथा न्यायालय से अभियुक्त कासिम को अधिक से अधिक दंड देने की मांग की गई थी. जिस पर 9 साल बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राम किशोर पांडेय ने 10 साल की सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की घोषणा की. बता दें कि बीते कुछ समय में लगातार पॉक्सो एक्ट के मामलों में तीव्र गति से कार्यवाही जारी है. प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के मामलों के निपटारे में मेरठ टॉप फाइव में है.

ये भी पढ़ेंः मुजफ्फरनगर में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई 20-20 साल कैद की सजा

मेरठः जिले में 9 साल पूर्व रेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और 20000 का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने धारा 363, 366, 376 भारतीय दंड संहिता में 3/4 पॉक्सो अधिनियम के तहत फैसला सुनाया. अर्थदंड की आधी रकम न्यायालय द्वारा पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया गया है.

बता दें कि 10 जून 2014 को थाना परीक्षितगढ़ में अभियुक्त कासिम के खिलाफ पीड़ित ने पॉक्सो अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत कराया गया. जिसमें पीड़ित पिता ने बताया कि उसकी 14 वर्ष की नाबालिग बेटी को घर से बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ बलात्कार जैसी घटना को कारित करने के आरोप लगाया. मामले में तत्कालीन विवेचक ने विवेचना के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 6 गवाह प्रस्तुत किए गए.

विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन व नरेंद्र चौहान ने मुकदमे की पैरवी की तथा न्यायालय से अभियुक्त कासिम को अधिक से अधिक दंड देने की मांग की गई थी. जिस पर 9 साल बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राम किशोर पांडेय ने 10 साल की सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की घोषणा की. बता दें कि बीते कुछ समय में लगातार पॉक्सो एक्ट के मामलों में तीव्र गति से कार्यवाही जारी है. प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के मामलों के निपटारे में मेरठ टॉप फाइव में है.

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