मेरठ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर लगातार नेताओं की बयानबाजी सामने आ रही है. जहां प्रदेश सरकार में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. महेंद्र सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव बार-बार जगह बदल कर राजनीतिक पलायन करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को कलंकित किया है. कांग्रेस में जो लोग बचे हैं. वे धीरे-धीरे राष्ट्रवाद के साथ जुड़ने को आतुर हैं. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते कहा कि जो लोग बदला लेने जैसी बातें कर रहे हैं उनकी गर्मी का इलाज किया जाएगा. 10 मार्च के बाद जब जनता जबाव देगी तो सभी के दिमाग ठिकाने लग जाएगा.
मीडिया से बातचीत करते हुए जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने अखिलेश यादव पर तंज कसा. उन्होंने अखिलेश यादव के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा से चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि अखिलेश यादव को कहीं पर शरण नहीं मिल रही है. अखिलेश पहले पलायन करके आजमगढ़ जाते हैं और आजमगढ़ की जनता उन्हें दौड़ाती है तो फिर वे वहां से पलायन करके अब दूसरी तरफ भागते हैं. सपा शासनकाल में यहां के व्यापारी, जनता पलायन करती थी. योगी सरकार के आने पर गुंडे-माफियाओं का पलायन शुरू हुआ है.
महेंद्र सिंह ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाते कहा कि सांसद बनने के बाद कोरोना काल में एक बार भी अखिलेश यादव जनता के बीच नहीं गए. सांसद होने की जिम्मेदारी तो उन्हें कम से कम उठानी चाहिए थी. अखिलेश यादव अब जहां जा रहे हैं वहां की जनता भी उन्हें अच्छी तरह से जानती है. अखिलेश यादव निश्चित ही अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
महेंद्र सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश बेहद ही प्रभावशाली है. यहां जाट बीजेपी से बिल्कुल नाराज नहीं है. वे बीजेपी के साथ हैं. जिस तरह कांग्रेस ने देश को कलंकित किया है. उसकी परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है. आजादी से लेकर अभी तक भारत को तोड़ना ,समाज को तोड़ना, बांटों और राज करो कि नीति पर कांग्रेस चलती रही है. पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाना है और उसी तरफ आगे बढ़ रहे हैं. जो लोग कांग्रेस में बचे हैं वो लोग भी अब राष्ट्रवाद के साथ जुड़ने के लिए आतुर हैं. बीजेपी प्रदेश में एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है.
जयंत चौधरी के अखिलेश यादव से गठबंधन पर महेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सपा के साथ जाकर सही किया या गलत. इसका एहसास उन्हें जल्द हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारते हैं. आज जनेऊ पहनकर मंदिर दर्शन को आतुर हैं.
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