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परिवार के सदस्यों की तरह करें निराश्रित गोवंशों की देखभालः अनीता सी. मेश्राम - बेसहारा गोवंश समीक्षा समिति की बैठक

उत्तर प्रदेश के मेरठ में निराश्रित/बेसहारा गोवंश समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक की अध्यक्षता कर रही आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने कहा कि निराश्रित गोवंशों की देखभाल अपने परिवार के सदस्यों के रूप में करें. इसके अलावा उन्होंने दुधारू गोवंश को कुपोषित बच्चों के परिवारों को देने के लिए भी कहा.

अनीता सी. मेश्राम ने की बैठक.
अनीता सी. मेश्राम ने की बैठक.
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Published : Oct 15, 2020, 7:15 AM IST

मेरठ: आयुक्त सभागार में मंडल स्तरीय​ निराश्रित/बेसहारा गोवंश समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन हुआ. इस बैठक की अध्यक्षता आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने की. बैठक में उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंशों की देखभाल अपने परिवार के सदस्यों के रूप में करें. उन्होंने गोवंश की मृत्यु के कारणों की समीक्षा कर उसको नियंत्रित करने के निर्देश दिए. इसके अलावा दुधारू गोवंश को कुपोषित बच्चों के परिवारों को देने के लिए भी कहा गया.

आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कुपोषित बच्चों को जल्दी स्वस्थ बनाने के लिए गौ आश्रय स्थलों से दुधारू गोवंशों को कुपोषित बच्चों के परिवारों को देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर इस पर गंभीरता से कार्य करें. उन्होंने कहा कि दुधारू गोवंश को कुपोषित बच्चों के परिवारों को दिलवाएं, ताकि वह जल्दी स्वस्थ हो सकें. उन्होंने कहा कि जिन अस्थाई गौ आश्रय स्थलों में कम गोवंश संरक्षित हैं उनको वृहद गौ आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जाए.

गोवंशों की मृत्यु के कारणों का पता करें
आयुक्त ने निर्देशित किया कि गौ आश्रय स्थलों में होने वाली गोवंशों की मृत्यु के कारणों का पता कर उसकी समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि अगर कहीं सुधार की आवश्यकता है तो उसमें सुधार करें. उन्होंने गो आश्रय स्थलों को स्वावलंबी बनाने के लिए वहां पर वर्मी कम्पोस्ट आदि कार्य कराने के लिए निर्देशित किया. आयुक्त ने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जनपद में फसल अवशेष को गो आश्रय स्थलों में चारे आदि में उपयोग किया जाए.

मेरठ मंडल के गोवंश आश्रय स्थल की दी जानकारी
अपर निदेशक पशुपालन राजेश कुमार ने बताया कि मंडल में 278 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल है. जिनमें 26,228 गोवंश संरक्षित हैं. ग्रामीण क्षेत्र में 227 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल हैं, जिनमें 17,527 गोवंश संरक्षित हैं. शहरी क्षेत्र में 51 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल हैं, जिनमें 8701 गोवंश संरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि मंडल में 3 कान्हा गोशालाएं हैं, ये तीनों शहरी क्षेत्रों में हैं और इनमें 934 गोवंश संरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि मंडल में 8 कांजी हाउस हैं, जिसमें 171 गोवंश संरक्षित हैं. मंडल में 9 वृहद गौ संरक्षण केन्द्र हैं, जिसमें 2501 गोवंश संरक्षित हैं.

पशु स्वामियों से वसूला जुर्माना
अपर ​निदेशक पशुपालन ने बताया कि मंडल में पशुओं को बेसहारा छोड़ने पर रोक लगाने के लिए पशु स्वामियों से 5,87,350 रुपये का जुर्माना वसूला गया. मुख्यमंत्री की सहभागिता योजना के तहत 5841 गोवंशों को पशुपालक और किसानों के सुपुर्द किया गया. बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन मेरठ मदन सिंह गब्र्याल के अलावा मंडल के अन्य जिलों के अधिकारी मौजूद रहे.

मेरठ: आयुक्त सभागार में मंडल स्तरीय​ निराश्रित/बेसहारा गोवंश समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन हुआ. इस बैठक की अध्यक्षता आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने की. बैठक में उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंशों की देखभाल अपने परिवार के सदस्यों के रूप में करें. उन्होंने गोवंश की मृत्यु के कारणों की समीक्षा कर उसको नियंत्रित करने के निर्देश दिए. इसके अलावा दुधारू गोवंश को कुपोषित बच्चों के परिवारों को देने के लिए भी कहा गया.

आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कुपोषित बच्चों को जल्दी स्वस्थ बनाने के लिए गौ आश्रय स्थलों से दुधारू गोवंशों को कुपोषित बच्चों के परिवारों को देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर इस पर गंभीरता से कार्य करें. उन्होंने कहा कि दुधारू गोवंश को कुपोषित बच्चों के परिवारों को दिलवाएं, ताकि वह जल्दी स्वस्थ हो सकें. उन्होंने कहा कि जिन अस्थाई गौ आश्रय स्थलों में कम गोवंश संरक्षित हैं उनको वृहद गौ आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जाए.

गोवंशों की मृत्यु के कारणों का पता करें
आयुक्त ने निर्देशित किया कि गौ आश्रय स्थलों में होने वाली गोवंशों की मृत्यु के कारणों का पता कर उसकी समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि अगर कहीं सुधार की आवश्यकता है तो उसमें सुधार करें. उन्होंने गो आश्रय स्थलों को स्वावलंबी बनाने के लिए वहां पर वर्मी कम्पोस्ट आदि कार्य कराने के लिए निर्देशित किया. आयुक्त ने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जनपद में फसल अवशेष को गो आश्रय स्थलों में चारे आदि में उपयोग किया जाए.

मेरठ मंडल के गोवंश आश्रय स्थल की दी जानकारी
अपर निदेशक पशुपालन राजेश कुमार ने बताया कि मंडल में 278 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल है. जिनमें 26,228 गोवंश संरक्षित हैं. ग्रामीण क्षेत्र में 227 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल हैं, जिनमें 17,527 गोवंश संरक्षित हैं. शहरी क्षेत्र में 51 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल हैं, जिनमें 8701 गोवंश संरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि मंडल में 3 कान्हा गोशालाएं हैं, ये तीनों शहरी क्षेत्रों में हैं और इनमें 934 गोवंश संरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि मंडल में 8 कांजी हाउस हैं, जिसमें 171 गोवंश संरक्षित हैं. मंडल में 9 वृहद गौ संरक्षण केन्द्र हैं, जिसमें 2501 गोवंश संरक्षित हैं.

पशु स्वामियों से वसूला जुर्माना
अपर ​निदेशक पशुपालन ने बताया कि मंडल में पशुओं को बेसहारा छोड़ने पर रोक लगाने के लिए पशु स्वामियों से 5,87,350 रुपये का जुर्माना वसूला गया. मुख्यमंत्री की सहभागिता योजना के तहत 5841 गोवंशों को पशुपालक और किसानों के सुपुर्द किया गया. बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन मेरठ मदन सिंह गब्र्याल के अलावा मंडल के अन्य जिलों के अधिकारी मौजूद रहे.

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