मेरठ : वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को आम बजट विधानसभा में पेश कर दिया. इस बजट से पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसान नाखुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार का यह बजट केवल कागजी और लुभावना है. जिन योजनाओं की घोषणा की गई है वे किसानों तक पहुंच ही नही पातीं.
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बजट में की गई हैं ये घोषणाएं
बता दें कि उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को विधानसभ में योगी सरकार का आखिरी और पांचवा बजट पेश किया है. इसमें 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था की गई है. साथ ही मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 600 करोड़, किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा देने के लिए 700 करोड़, रियायती दरों पर किसानों को फसल ऋण के लिए अनुदान के तौर पर 400 करोड़, प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 15000 सोलर पंप लगाने की घोषणा के साथ के आत्मनिर्भर कृषक समित विकास योजना के तहत 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
पश्चमी यूपी के किसानों को थी बेहतर की उम्मीद
ईटीवी भारत से बातचीत में मेरठ के किसानों ने बताया कि उन्हें योगी सरकार से बहुत सारी उम्मीदें थीं. लेकिन, सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. बजट में न तो किसानों को फसलों के दाम बढ़ाने की बात कही गई और न ही कृषि उपकरण, खाद-बीज, दवाइयां, पेस्टिसाइट्स आदि के दाम कम किए गए. आए दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा किया जा रहा है. इससे किसानों के साथ हर वर्ग का बजट बिगड़ गया है.
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'फसलों ने नही बढ़ाए गए दाम'
किसानों ने बताया कि युपी सरकार के बजट से किसानों को कोई राहत नहीं मिली है. जितनी भी योजनाओं की घोषणा की जा रही है, वे सब कागजी हैं. हर साल बजट पेश किया जाता है और किसानों की आय दोगुनी करने के दावे किए जाते है. इसके बाद भी आज तक न तो किसानों की आय दोगुनी हुई, न ही उनकी फसलों के वाजिब दाम मिल पाए. किसानों की मांग है कि किसानों की फसलों के दाम बढ़ा कर राहत दी जानी चाए. किसानों का कहना है कि पिछले कई सालों से गन्ने के दाम भी नही बढ़े हैं, जबकि लागत पहले से कई गुणा आ रही है. इसके बाद डीजल, खाद और बिजली के बिल जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, उस गति से किसानों के गन्ने और अन्य फसलों के दाम नही बढ़ाए गए हैं.