मेरठ : अगर आप ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं, चौराहों पर रेड सिग्नल होने पर वाहन को रोक देते हैं, इसके बावजूद आपके वाहन का चालान हो जाता है तो ये आपके लिए परेशानी वाली बात हो सकती है. कई बार वाहन चालक शिकायत भी करते हैं कि यातायात नियमों का उल्लंघन न करने के बावजूद उनके वाहन का चालान कर दिया गया. मेरठ में ऐसे हर महीने तीन हजार से भी अधिक मामले आ रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस ने इसकी पीछे की वजह बताई. ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए वाहन चालकों को यातायात नियमों को ठीक से जानना होगा, और उनका पालन भी करना होगा.
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से हो रही निगरानी : सूबे में बड़े शहरों में ITMS यानि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से तीसरी आंख से चौक-चौराहों पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों की निगरानी की जा रही है. ITMS सिस्टम के एक्टिव होने के बाद से नियमों की अनदेखी करने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. ईटीवी भारत ने मेरठ के ऐसे ही कुछ चौराहों पर जाकर ग्राउंड जीरो से यह समझने की कोशिश की कि आखिर किन वजहों से चालान में इजाफा हुआ है. पता चला कि चौराहों पर रेड सिग्नल होने पर वाहन चालक रुकते हैं लेकिन उसके बावजूद वह गलती कर देते हैं. इससे उनके घर चालान पहुंच रहा है.
स्टॉप लाइन से पीछे रोकना चाहिए वाहन : ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने बताया कि वाहनों को स्टॉप लाइन से पीछे होना चाहिए, लेकिन एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़, या फिर जागरूकता की कमी से लोग स्टॉप लाइन और जेब्रा क्रॉसिंग को भी पार करके रेड लाइट होने पर वाहन को रोकते हैं. यह गलत है. एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मेरठ में 8 चौराहे ITMS के माध्यम से कैमरों से लैस हैं. यहां कैमरे लगे हुए हैं. जिस वाहन स्वामी ने जरा सी भी नियम की अनदेखी की तो उनके घर चालान पहुंच जाता है. काफी समय से तमाम माध्यमों से यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया है, अब भी सचेत किया जा रहा है.
जनवरी से 31 अगस्त तक 54 हजार चालान : एसपी ट्रैफिक ने बताया कि कुछ लोग जान-बूझकर नियम तोड़ते हैं, जबकि कुछ लोग अनजाने में ऐसा कर देते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास चालान करना नहीं है, उद्देश्य रहता है लोग नियमों को समझ सकें. उसके बावजूद अगर लोग नहीं मानते हैं तो चालान किया जाता है. इस वर्ष में एक जनवरी से 31 अगस्त तक लगभग 54 हजार चालान रेड लाइट जंप के मामले में हुए. जबकि 25 हजार चालान ऐसे हुए हैं जो कि रेड लाइट होने पर रुकने के लिए जो सांकेतिक सफेद पट्टी होती है उसे क्रॉस करके लोग जेब्रा क्रॉसिंग पर खड़े हुए थे.
लोगों को किया जा रहा जागरूक : पुलिस अधीक्षक यातायात कहते हैं कि लगातार पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी चौराहों पर लोगों को जागरूक किया जाता है, लेकिन लोग नियमों की अनदेखी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. जागरूकता का अभाव के कारण ऐसा होता है.कई बार तो लोग वाहन का चालान होने के बाद दफ्तर में आकर कहते हैं कि उन्हें माफ किया जाए उनसे अनजाने में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हुई है.
ट्रैफिक नियमों को समझना जरूरी : गौरतलब है कि ये जेब्रा क्रॉसिंग लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती हैं, ताकि वाहन चलाने वाले लोगों को यह पता रहे कि उन्हें कहां पर गाड़ी की गति धीमी करनी है. रोड क्रॉस करने वालों को पता रहे कि रास्ता कहां से क्रॉस करना है, मेरठ में वाहन स्वामी रेड लाइट होने पर जेब्रा क्रॉसिंग पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं. इससे पैदल चलने वालों को परेशानी होती है. वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह से पालन करें. इससे सड़क हादसों से भी बचे रहेंगे. वाहनों का चालान भी नहीं होगा.
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