मेरठ: जनपद में नगर निगम के कैमरे गायब और क्षतिग्रस्त होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कुछ समय पहले लाखों रुपये खर्च करके नगर आयुक्त ने 72 कैमरे लगवा दिए थे. लेकिन कुछ दिनों के बाद ही कैमरे खराब हो गए. ड्यूटी पर कर्मचारियों के लेट आने के चलते कैमरे लगवाए गए थे.
मेरठ नगर निगम आयुक्त मनीष बंसल ने कर्मचारियों के लेट आने के चलते 72 कैमरे लगवाए थे. लेकिन कुछ ही दिनों में कैमरे गायब हो गए या फिर खराब हो गए. इन 72 सीसीटीवी कैमरों की कीमत करीब 5 लाख रुपये बताई जा रही है. नगर आयुक्त कैमरे लगवाने का निर्णय इसलिए लिया था. उन्हें लगातार नगर निगम में कार्यरत कर्मचारी मनमाने ढंग से ऑफिस आ रहे थे.
कैमरे लगने के बाद विभाग में कार्यरत कर्मचारी दफ्तर में समय से आने लगे थे. लेकिन पिछले महीने में जब नगर आयुक्त का प्रमोशन हुआ, तो उनका ट्रांसफर भी हुआ. उसके बाद नगर पालिका के सभी कैमरे एक-एक कर खराब होने लगे.
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मेरठ नगर निगम के नए आयुक्त अमितपाल शर्मा ने इस मामले की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम कर्मचारियों को कैमरे से निगरानी करना पसंद नहीं है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई जरूर होगी.
अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने इस मामले को टालने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कैमरे ठीक कराने का कहा गया है. इसके साथ जो भी कैमरे गायब हुए हैं उनका भी ब्यौरा इकट्ठा किया जा रहा है.
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