मेरठ: आईटीआई (राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के स्टूडेंट्स ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक खास तरह की डिवाइस का निर्माण किया है. वूमेन सेफ्टी डिवाइस इसका नाम है. इसे महिलाओं की सैंडल में फिट किया गया है. डिवाइस मेकर्स स्टूडेंट्स का दावा है कि लड़कियां और महिलाएं इसे पहनकर निडर होकर बाहर निकल सकती हैं. छेड़खानी की स्थिति में यह हाई वोल्टेज करंट छोड़ेगा, जिससे मनचलों को जोरदार झटका लगेगा. करंट लगने से वो दहशत में आकर रफूचक्कर हो जाएंगे.
गौरतलब है कि Woman Safety Device को ITI के इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक के छात्र आयुष और छात्रा अदिति ने बनाया है. इसे तैयार करने में उनके अन्य कई साथियों ने भी सहयोग किया है. इसे करीब एक महीने की कड़ी मशक्कत के बाद बनाया जा सका है. इस डिवाइस को लेडीज सैंडल में फिट किया गया है. इसे बनाने वाले छात्रों के मुताबिक महिलाओं के साथ छेड़खानी की स्थिति में इसका स्विच ऑन करने पर यह 400 KV का करंट रिलीज करता है. मनचलों को इससे करंट लगने पर उनके मन में खौफ बैठ जाता है. एक बार करंट लगने के बाद वह दोबारा ऐसी हिम्मत नहीं करते हैं.
छात्र आयुष ने बताया कि लेडीज सैंडल में यह डिवाइस इतनी खूबसूरती से फिट किया गया है कि किसी को भी पता नहीं चलता. कई इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स लगाकर बैटरी के जरिए इसमें करंट दिया गया है. यह बहुत ही पॉवरफुल डिवाइस है. छात्रा अदिति का कहना है कि आजकल लड़कियों और महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया है. छेड़खानी की घटनाएं इतनी बढ़ गई हैं कि यह बेहद चिंता का विषय है. ऐसी घटनाओं में नकेल कसने की जरूरत थी, जिसमें अब यह डिवाइस मदद करेगी.
आईटीआई की इंस्ट्रक्टर मोनिका मित्तल बताती हैं कि बूस्टर ट्रांसफॉर्मर से बैटरी जोड़कर इसे सैंडल में फिट किया गया है. अकेले पड़ने पर यह महिला सुरक्षा के लिए किसी हथियार से कम नहीं है. महिलाओं और बेटियों के साथ राह चलते बदसलूकी या छेड़खानी पर शोहदों को इस सैंडल से तगड़ा झटका लगेगा. आईटीआई के इंस्ट्रक्टर बृजेंद्र कुमार ने बताया कि इसे तैयार करने में 500 से 600 रुपये का खर्च आया है. इससे 400 KV करंट रिलीज होता है.इंस्ट्रक्टर बृजेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल इसे अपग्रेड करने पर फोकस है, जिससे इसे और आसानी से चार्ज किया जा सके. इसे वाटरप्रूफ बनाने का भी काम चल रहा है. बरसात में अगर सैंडल भीग जाए तो भी डिवाइस प्रॉपर काम कर सके. आईटीआई के कॉर्डिनेटर कुलदीप बताते हैं कि इस डिवाइस को और अधिक प्रभावशाली बनाने को प्रिंसिपल ने भी निर्देश दिए हैं. अब इसके लिए फुटवियर कम्पनियों से संपर्क किया जाएगा. फिलहाल इस डिवाइस की काफी सराहना हो रही है.यह भी पढ़ें- कक्षा 8 के छात्रों ने भूस्खलन से बचने की बनाई अनोखी डिवाइस, मलबे में फंसे जवान का लग जाएगा पता