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Minor Gang Rape Case: दोषियों को 20-20 साल की सजा, दुष्कर्म के बाद गर्भवती हो गई थी नाबालिग - Meerut gangrape case verdict

मेरठ में नाबालिग से गैंगरेप के मामले में दोषियों को 20-20 साल की सजा सुनाई गयी. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम में दोषियो पर 22 हजार का जुर्माना भी लगाया. दोनों दोषी सगे भाई हैं. इन पर विभिन्न थानों में पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं.

Meerut gang rape case
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Published : Mar 1, 2023, 7:39 AM IST

मेरठः जिले में 6 साल बाद 16 वर्षीय नाबालिग से गैंगरेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने फैसला सुनाया. मंगलवार को विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो अधिनियम मेरठ रामकिशोर पांडे ने दो अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने 22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. पीड़िता के साथ 2017 में गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद नाबालिग गर्भवती हो गई थी. दोनों दोषी सगे भाई हैं.

गौरतलब है कि थाना सरूरपुर क्षेत्र में 29 मार्च 2017 में एक लिखित तहरीर दी गई थी, जिसमें वादी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पुत्री (16) कक्षा नौ की छात्रा है. उसके साथ गांव के ही निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर पुत्रगण सतपाल सिंह दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. तहरीर में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि आरोपी गांव के ही दबंग और अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. बेटी के स्कूल जाते वक्त निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर ने बहला फुसला लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया और इसके बाद दोनों उसे डरा धमकाकर बारी-बारी से बलात्कार करते रहे.

तहरीर में पीड़ित पिता ने बताया था कि उसकी बेटी कुछ दिनों से सहमी हुई थी. पत्नी के काफी पूछने पर वह रोने लगी और आपबीती बताई. बेटी ने बताया कि निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर ने उसको खेतों में ले जाकर बलात्कार किया था और तभी से दोनों उसे जान से मारने की धमकी देकर बलात्कार करते आ रहे हैं. इस दौरान वह 4 माह की गर्भवती भी हो गई.

पीड़िता के पिता की तहरीर पर थाना सरूरपुर मेरठ में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की गई. इसके बाद विवेचक ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में अभियोजन ने 8 गवाह प्रस्तुत किए. विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन और नरेंद्र चौहान ने अभियोजन साक्ष्य को साबित कराया तथा न्यायालय से अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा से दंडित करने की मांग की थी. इसके बाद विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो अधिनियम मेरठ रामकिशोर पांडे ने अभियुक्त निखिल उर्फ गुड्डू व परविंदर को मुकदमा अपराध संख्या 93/2017 में धारा 376 डी, 506 भारतीय दंड संहिता व 5G/पोक्सो अधिनियम में दोषी करार दिया.

विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन ने बताया कि दोनों अभियुक्त सगे भाई हैं और दोनों का लंबा आपराधिक इतिहास है. निखिल उर्फ गुड्डू पर अलग-अलग थानों में 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, परविंदर पर भी 14 मामले दर्ज हैं. पीड़िता के पिता ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को दोनों ने धमकी दी हुई थी कि अगर उसने किसी से कोई कोई बात बताई तो उसके माता-पिता और भाई को मार डालेंगे. इस डर से नाबालिग कुछ नहीं बता रही थी. दोनों अभियुक्तों प्रताड़ित करते हुए उसके साथ बार-बार डरा धमकाकर दुष्कर्म कर रहे थे. लेकिन, जब वह गर्भवती हो गई तो वह टूट गई और उसने माता पिता से अपनी व्यथा बताई थी.

ये भी पढ़ेंः नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद की सजा, पश्चिम बंगाल का रहने वाला है दोषी

मेरठः जिले में 6 साल बाद 16 वर्षीय नाबालिग से गैंगरेप के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने फैसला सुनाया. मंगलवार को विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो अधिनियम मेरठ रामकिशोर पांडे ने दो अभियुक्तों को दोषी करार करते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने 22 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. पीड़िता के साथ 2017 में गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद नाबालिग गर्भवती हो गई थी. दोनों दोषी सगे भाई हैं.

गौरतलब है कि थाना सरूरपुर क्षेत्र में 29 मार्च 2017 में एक लिखित तहरीर दी गई थी, जिसमें वादी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पुत्री (16) कक्षा नौ की छात्रा है. उसके साथ गांव के ही निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर पुत्रगण सतपाल सिंह दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. तहरीर में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि आरोपी गांव के ही दबंग और अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. बेटी के स्कूल जाते वक्त निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर ने बहला फुसला लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया और इसके बाद दोनों उसे डरा धमकाकर बारी-बारी से बलात्कार करते रहे.

तहरीर में पीड़ित पिता ने बताया था कि उसकी बेटी कुछ दिनों से सहमी हुई थी. पत्नी के काफी पूछने पर वह रोने लगी और आपबीती बताई. बेटी ने बताया कि निखिल उर्फ गुड्डू और परविंदर ने उसको खेतों में ले जाकर बलात्कार किया था और तभी से दोनों उसे जान से मारने की धमकी देकर बलात्कार करते आ रहे हैं. इस दौरान वह 4 माह की गर्भवती भी हो गई.

पीड़िता के पिता की तहरीर पर थाना सरूरपुर मेरठ में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की गई. इसके बाद विवेचक ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में अभियोजन ने 8 गवाह प्रस्तुत किए. विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन और नरेंद्र चौहान ने अभियोजन साक्ष्य को साबित कराया तथा न्यायालय से अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा से दंडित करने की मांग की थी. इसके बाद विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो अधिनियम मेरठ रामकिशोर पांडे ने अभियुक्त निखिल उर्फ गुड्डू व परविंदर को मुकदमा अपराध संख्या 93/2017 में धारा 376 डी, 506 भारतीय दंड संहिता व 5G/पोक्सो अधिनियम में दोषी करार दिया.

विशेष लोक अभियोजक कुलदीप मोहन ने बताया कि दोनों अभियुक्त सगे भाई हैं और दोनों का लंबा आपराधिक इतिहास है. निखिल उर्फ गुड्डू पर अलग-अलग थानों में 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, परविंदर पर भी 14 मामले दर्ज हैं. पीड़िता के पिता ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को दोनों ने धमकी दी हुई थी कि अगर उसने किसी से कोई कोई बात बताई तो उसके माता-पिता और भाई को मार डालेंगे. इस डर से नाबालिग कुछ नहीं बता रही थी. दोनों अभियुक्तों प्रताड़ित करते हुए उसके साथ बार-बार डरा धमकाकर दुष्कर्म कर रहे थे. लेकिन, जब वह गर्भवती हो गई तो वह टूट गई और उसने माता पिता से अपनी व्यथा बताई थी.

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