मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में गुरुवार को विकास प्राधिकारण की टीम ने बड़ी कार्रवाई की. मेरठ विकास प्राधिकारण की टीम ने परीक्षित गढ़ रोड पर बनी एक अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलवा दिया. इसके साथ ही बसपा नेता समेत सौ से अधिक लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा भी दर्ज किया है. दरअसल, जिस कॉलोनी पर बुलडोजर चला है उसे बसपा नेता के द्वारा विकसित किया गया था.
मेरठ में गुरुवार को विकास प्राधिकरण का बुलडोजर बसपा नेता की बनाई गई कॉलोनी पर चला. इस दौरान भारी पुलिस बल के साथ मौके पर ही पुलिस क्षेत्राधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी समेत मेरठ विकास प्राधिकरण से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी भी मौजूद रहे. एक दिन पहले यानी बुधवार को भी टीम अवैध कॉलोनी को गिराने के लिए पहुंची थी, लेकिन प्रशासनिक अफसरों को तब बिना कारर्वाई के ही लौटना पड़ा था. इसकी वजह यह थी कि वहां बसपा नेता दारा सिंह प्रजापति ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कार्रवाई को पहुंची टीम का विरोध किया था.
इससे पहले भी मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम को कॉलोनी ध्वस्त करने से रोकने के लिए लोगों ने प्रदर्शन तक किया था. जिसकी वजह से टीम को बिना कार्रवाई के लौटना पड़ गया था. गुरुवार को मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंची और बुलडोजर व जेसीबी तब तक नहीं रुकीं जब तक कि सारे अवैध निर्माण कार्य को ध्वस्त नहीं कर दिया गया.
दो बार कार्रवाई रोकने पर तमाम तरह की बातें भी प्रशासन को लेकर हो रही थी. लोगों के द्वारा यह तक कहा जा रहा था कि मेरठ विकास प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन कहीं न कहीं दबाव में है. लेकिन, जब गुरुवार को टीम पहुंची तो नजारा दूसरा था. जो भी विरोध करने आगे आया उसके खिलाफ मुकदमा लिख दिया गया. मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी अभिषेक पांडेय ने बताया कि जब पहली बार बुलडोजर लेकर टीम पहुंची थी तब जिन लोगों ने कार्रवाई को बाधित किया था उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. जबकि दोबारा जिन लोगों ने सरकारी कार्य में व्यवधान पैदा किया उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई.
वीसी अभिषेक पांडेय ने ईटीवी भारत को बताया कि मेरठ में करीब 650 से भी ज्यादा ऐसी अवैध कॉलोनी हैं, जिन्हें चिह्नित किया गया है. अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी. गोरतलब है कि अवैध निर्माण के आरोपी दारा सिंह प्रजापति ने हाल ही में प्रजापति समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर मेरठ से दिल्ली तक पदयात्रा भी निकाली थी. अवैध कॉलोनी बसा रहे दारा सिंह ने मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम की कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया था.