मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक से एक अच्छी खबर आई है. यहां मेरठ के एक बस ड्राइवर की बेटी श्रुति सिंह ने एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट 2023 (IAF AFCAT) में ऑल इंडिया में दूसरा स्थान हासिल किया है, उनका चयन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए हुआ है. श्रुति जनवरी 2024 से भारतीय वायुसेना एकेडमी हैदराबाद में अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगी. श्रुति ने यह मुकाम कठिन परिश्रम से पाया है. आईए जानते हैं श्रुति ने क्या बताया...
कहते हैं जब मन में कुछ ठान लिया जाए और उसके लिए ईमानदारी से कोशिश की जाती है तो सफलता कदम चूमती है. ऐसा ही कुछ रोडवेज बस चालक केपी सिंह की की बेटी श्रुति सिंह ने कर दिखाया है. जहां केपी सिहं उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में ड्राइवर हैं, अब वहीं उनकी बेटी एयरफोर्स के जंगी जहाज उड़ाएगी.
श्रुति सिंह की मां सुनीता ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही होनहार रही है. उन्हें अपनी बेटी पर नाज है कि उनकी बेटी ने अपनी काबलियत से यह मुकाम पाया है. श्रुति का चयन अब एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए हुआ है. इस कामयाबी का श्रेय उनकी बेटी अपने माता-पिता और गुरुजनों को दी है.
मेरठ के पल्लवपुरम निवासी श्रुति सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने नियमित पढ़ाई की. साथ ही कोचिंग भी लेती रही. वह भाग्यशाली हैं कि गुरुजनों के सही मार्गदर्शन से उन्हें यह सफलता मिली. एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए चयनित होने पर लोग उनके परिवार वालों को बधाईयां देने पहुंच रहे हैं.
एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (AFCAT) में पूरे देश में दूसरी रैंक पाने पर श्रुति के मेंटर राजीव देवगन ने बताया कि जब यह बेटी उनके पास पहुंची थी तो उसी वक्त उन्होंने कह दिया था कि एक दिन यह बिटिया पूरे परिवार का नाम रोशन करेगी. बता दें कि राजीव देवगन मेरठ के गंगानगर में यूनिवर्सल काउंसलिंग सेंटर में गंगानगर नाम से कोचिंग सेंटर चलाते हैं. उन्होंने बताया कि 4 बार श्रुति को रिकमेंडेशन मिली, लेकिन उनमें से 2 में वह मेरिट से आउट हो गई.
श्रुति सिंह भारतीय वायुसेना एकेडमी हैदराबाद में जनवरी 2024 से अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगी. उन्होंने बताया कि उन्हे सफलता के लिए हमेशा उनके माता-पिता और मौसी-मौसा ने प्रेरित किया है. श्रुति ने पढ़ाई को लेकर कहा कि जरूरी नहीं है कि 20-20 घंटे बैठकर किताब खोलकर बैठे रहें. सबसे जरूरी है चीजों को समझना. उन्होंने बताया कि कई बार परीक्षा के दौरान ऐसा अवसर भी आया, जब परिवार या रिश्तेदारों के यहां समारोह होता था, लेकिन लोगों को समझना चाहिए की परीक्षा कभी-कभी होती है. किसी भी फंक्शन को बाद में भी अटेंड किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमेशा पढ़ाई को छोटे-छोटे टारगेट में बांटकर करना चाहिए.
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