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अर्जुन अवार्ड से सम्मानित पारुल चौधरी का भव्य स्वागत, बोलीं-ओलंपिक में मेडल लाना अगला लक्ष्य

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने सम्मानित किया. वहीं, मेरठ की बेटी पारुल चौधरी (Parul Chaudhary) को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 4:36 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 4:46 PM IST

मेरठ: सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इस कड़ी में मेरठ के इकलौता गांव की बेटी पारुल चौधरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया है. पुरस्कार लेकर अपने माता-पिता और भाई के साथ गांव पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. वहीं, पारुल चौधरी ने कहा कि वह अपने अगले लक्ष्य के लिए प्रयत्नशील हैं.

बता दें कि बीते साल मेरठ के इकलौता गांव की पारुल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन से दोहरी सफलता हासिल की थी. पारुल ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में सिल्वर मेडल देश को दिलाया था. वहीं, 24 घंटे में ही अगले दिन महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में एक गोल्ड हासिलकर देश वासियों की खुशी डबल कर दी थी. मंगलवार को जब पुरस्कारों की घोषणा हुई तब पारुल चौधरी के परिवार को लोग बधाईयां देने पहुंचने लगे थे. बता दें कि जब वह चीन से लौटी थीं तो न सिर्फ सत्ता पक्ष के नेता मंत्री बल्कि विपक्ष के भी पारुल की इस सफलता के लिए उनके घर पहुंचकर बधाई देकर सम्मानित किया था.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पारुल चौधरी ने बताया कि हर एथलीट की लाइफ में संघर्ष होता है. समय के हिसाब से सब कुछ बदलता रहता है. उन्होंने कहा कि इस वक्त उनका एक ही लक्ष्य है ओलंपिक. योगी सरकार लगातार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रही है. पारुल ने कहा कि युवाओं को लेकर कहा कि, आप जो भी कर रहे हो उसे पूरी निष्ठा ईमानदारी और मेहनत से करो, एक दिन कामयाबी आपको जरूर मिलेगी.

बता दें कि अर्जुन पुरस्कार विजेता पारूल ने कभी गांव की ही टूटी-फूटी पगडंडियों पर दौड़ लगाकर अपने कैरियर की शुरुआत की थी. अपनी मेहनत से देश का मान बढ़ाने वाली गोल्डन गर्ल ने बताया कि उनका लक्ष्य अब केवल ओलंपिक है. अब वह देश को ओलंपिक में पदक दिलाना चाहती हैं. फिलहाल पारुल ओलंपिक की तैयारी को लेकर इंडिया कैंप कर रही हैं. देर रात अर्जुन पुरस्कार पाकर वह अपने परिवार के साथ मेरठ पहुंचीं. यहां से सुबह 4 बजे वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. वहां से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गईं.

पारुल चौधरी के पिता कृष्णपाल सिंह ने कहा कि उनकी बेटी ने गांव के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है. अब तो वह इंतजार कर रहे हैं कि सीएम योगी उनकी बेटी को कब डिप्टी एसपी बनाते हैं और अपना वादा निभाते हैं. पारुल के भाई राहुल ने कहा कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है. उनकी बहन इस समय ओलंपिक की तैयारी कर रही है. उन्हें अपनी बहन पर भरोसा है कि एक दिन उनकी मेहनत और रंग लाएगी. उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई और अगस्त महीने में ओलंपिकि गेम्स होंगे. उनकी बहन का सपना डिप्टी एसपी बनने का था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों के लिए जो वादा किया था, उन्हें भरोसा है कि जल्द ही वह अपना वादा निभाएंगे.

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मेरठ: सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इस कड़ी में मेरठ के इकलौता गांव की बेटी पारुल चौधरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया है. पुरस्कार लेकर अपने माता-पिता और भाई के साथ गांव पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. वहीं, पारुल चौधरी ने कहा कि वह अपने अगले लक्ष्य के लिए प्रयत्नशील हैं.

बता दें कि बीते साल मेरठ के इकलौता गांव की पारुल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन से दोहरी सफलता हासिल की थी. पारुल ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में सिल्वर मेडल देश को दिलाया था. वहीं, 24 घंटे में ही अगले दिन महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में एक गोल्ड हासिलकर देश वासियों की खुशी डबल कर दी थी. मंगलवार को जब पुरस्कारों की घोषणा हुई तब पारुल चौधरी के परिवार को लोग बधाईयां देने पहुंचने लगे थे. बता दें कि जब वह चीन से लौटी थीं तो न सिर्फ सत्ता पक्ष के नेता मंत्री बल्कि विपक्ष के भी पारुल की इस सफलता के लिए उनके घर पहुंचकर बधाई देकर सम्मानित किया था.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पारुल चौधरी ने बताया कि हर एथलीट की लाइफ में संघर्ष होता है. समय के हिसाब से सब कुछ बदलता रहता है. उन्होंने कहा कि इस वक्त उनका एक ही लक्ष्य है ओलंपिक. योगी सरकार लगातार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रही है. पारुल ने कहा कि युवाओं को लेकर कहा कि, आप जो भी कर रहे हो उसे पूरी निष्ठा ईमानदारी और मेहनत से करो, एक दिन कामयाबी आपको जरूर मिलेगी.

बता दें कि अर्जुन पुरस्कार विजेता पारूल ने कभी गांव की ही टूटी-फूटी पगडंडियों पर दौड़ लगाकर अपने कैरियर की शुरुआत की थी. अपनी मेहनत से देश का मान बढ़ाने वाली गोल्डन गर्ल ने बताया कि उनका लक्ष्य अब केवल ओलंपिक है. अब वह देश को ओलंपिक में पदक दिलाना चाहती हैं. फिलहाल पारुल ओलंपिक की तैयारी को लेकर इंडिया कैंप कर रही हैं. देर रात अर्जुन पुरस्कार पाकर वह अपने परिवार के साथ मेरठ पहुंचीं. यहां से सुबह 4 बजे वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं. वहां से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गईं.

पारुल चौधरी के पिता कृष्णपाल सिंह ने कहा कि उनकी बेटी ने गांव के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है. अब तो वह इंतजार कर रहे हैं कि सीएम योगी उनकी बेटी को कब डिप्टी एसपी बनाते हैं और अपना वादा निभाते हैं. पारुल के भाई राहुल ने कहा कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है. उनकी बहन इस समय ओलंपिक की तैयारी कर रही है. उन्हें अपनी बहन पर भरोसा है कि एक दिन उनकी मेहनत और रंग लाएगी. उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई और अगस्त महीने में ओलंपिकि गेम्स होंगे. उनकी बहन का सपना डिप्टी एसपी बनने का था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों के लिए जो वादा किया था, उन्हें भरोसा है कि जल्द ही वह अपना वादा निभाएंगे.

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Last Updated : Jan 10, 2024, 4:46 PM IST
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