मेरठ: तमाम कोशिशों के बावजूद शहर का वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है. शनिवार को वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खतरनाक स्टेज की ओर बढ़ती दिखाई दी. वायु प्रदूषण 290 एक्यूआई मापा गया, जो कि रेड जोन के बेहद नजदीक है. एक्यूआई 301 होने पर मेरठ शहर पूरी तरह से रेड जोन में शामिल हो जाएगा.
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए शहर में नगर निगम सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रहा है. खुले में कूड़ा डालने और कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी चेकिंग अभियान चला रही है. प्रतिबंधित ईंधन जलाने वाली इकाईयों पर जुर्माना की कार्रवाई भी की गई, बावजूद इसके वातावरण में वायु प्रदूषण में इजाफा देखा जा रहा है.
शनिवार को शहर का एक्यूआई 290 दर्ज किया गया. हालांकि इससे पहले दो दिन तक एक्यूआई में गिरावट देखी गई थी. एक्यूआई का स्तर लंबे समय तक अधिक बढ़े रहने से लोगों में सांस की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है.
नमी अधिक होने पर बढ़ती है धुंध
वातावरण में हवा की गति कम और नमी अधिक होने से धुंध अधिक बढ़ने की संभावना रहती है. मौसम विशेषज्ञ डॉ. यूपी शाही के मुताबिक, जब नमी अधिक और हवा की गति कम रहेगी तो धुंध का असर अधिक दिखेगा. नमी की वजह से ही धुल के कण एक निश्चित ऊंचाई पर जाकर हवा में तैरते हैं, जिस कारण धुंध बढ़ जाती है. इन्हीं भारी कणों की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है. जिसके चलते एक्यूआई में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है.
सांस के मरीजों को होती है परेशानी
वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस के मरीजों को अधिक परेशानी होती है, इसलिए धुंध बढ़ने पर सांस के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति पूरी सावधानी बरतनी चाहिए. फिजिशियन डॉ. राजकुमार का कहना है कि बदलते मौसम में सांस, ब्लड प्रेशर, एलर्जी, हार्ट और फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित मरीजों को खासतौर पर अपना ध्यान रखना चाहिए. समय-समय पर उन्हें अपना चेकअप कराते रहना चाहिए.