मेरठः पूर्व मंत्री और जिले की किठौर विधानसभा से सपा विधायक शाहिद मंजूर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. सोमवार को विधायक के भाई के कब्जे से प्रशासन ने 28 बीघा जमीन को कुर्क कर दिया. राजकीय संपत्ति गंग नहर की भूमि पर सपा विधायक शाहिद मंजूर और उनके भाई मो. आरिफ मंजूर पर कब्जा का आरोप था. इसके बाद मवाना तहसील प्रशासन ने शाहिद मंजूर के भाई के उपयोग में ली जा रही इस जमीन पर कुर्क कार्रवाई की.
गौरतलब है कि इस मामले में 2022 में मंत्री के पैतृक राधना गांव के ही मोहसिन नामक एक व्यक्ति ने करीब 30 बीघा जमीन पर विधायक और उनके परिवार द्वारा कब्जा करने की शिकायत की थी. आरोप था कि 2012 में प्रदेश में सपा सरकार होने के चलते उन्होंने सरकारी जमीन का बैनामा करा लिया. इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित तहसील के अफसरों को जांच करने आदेश दिए गए थे. इस 30 बीघा जमीन में से 2 बीघा जमीन पर खड़े फसल पर कुछ दिन पहले भी प्रशासन ने ट्रैक्टर और जेसीबी चलवाए थे.
तहसीलदार मवाना आकांक्षा जोशी ने बताया कि 2022 में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर द्वारा जमीन कब्जाने की शिकायत की गई थी. इसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि सरकारी भूमि पर वर्तमान में पूर्व मंत्री के भाई मो. आरिफ पुत्र मंजूर अहमद का कब्जा था. इन दोनों ही पक्षों में विवाद हुआ था. इसकी एसडीएम मवाना के निर्देशन में सोमवार को कुर्की की कार्रवाई की गई है. फसल की नीलामी के लिए जो भी आवश्यक प्रक्रिया है वह भी शीघ्र पूरी कर ली जाएगी.
बता दें कि अप्रैल माह में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर और उनके बेटे का नाम लखनऊ के बहुचचर्चित अलाया अपार्टमेंट मामले में सामने आया था. तभी से पूर्व मंत्री और उनका बेटा जेल में है. अप्रैल माह में शाहिद मंजूर की एक फोटो कुख्यात माफिया अतीक अहमद के साथ वायरल हुई थी. तब पूर्व मंत्री ने सफाई देते हुए कहा था कि वे फोटो किसी कार्यक्रम में मिले होंगे.
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